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Chandigarh चंडीगढ़(Vigilance Bureau arrests two clerks of MC Ludhiana for missing policy record) पंजाब विजीलेंस ब्यूरो ने नगर निगम लुधियाना के नीति रिकॉर्ड को गायब करने के आरोप में निगम के लॉ ब्रांच, ज़ोन-ए में तैनात क्लर्क अजय कुमार और तह बाज़ारी, ज़ोन-सी में तैनात क्लर्क लखवीर सिंह को गिरफ्तार किया है।

विजीलेंस ब्यूरो के प्रवक्ता ने बताया कि दोनों आरोपी क्लर्कों के खिलाफ विजीलेंस ब्यूरो के थाना लुधियाना रेंज में आईपीसी की धारा 409, 201, 204, 120-बी और भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा 13(1) और 13(2) के तहत एफआईआर नंबर 30 दिनांक 27.09.2024 दर्ज की गई है।

उन्होंने बताया कि पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट ने 2009 में एक सी.ओ.पी. 1299, 1319, 772, 12559 व 917 में 22.01.2010 को अपने आदेश जारी कर गिल रोड, लुधियाना स्थित अस्थाई स्कूटर मार्केट, आईटीई के सामने खोखा मार्केट, और फिरोज गांधी मार्केट के कार बाजार को स्थानांतरित करने के निर्देश दिए थे।

उन्होंने बताया कि इस संबंधी नीति तैयार करने के बाद नगर निगम लुधियाना के तत्कालीन मेयर द्वारा 15 फरवरी 2010 को जनरल हाउस की बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया गया

एक कमेटी का गठन कर 18 फरवरी 2010 तक रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया।

उन्होंने बताया कि वर्ष 2010 में नगर निगम लुधियाना के तत्कालीन कमिश्नर और मार्किट कमेटी व खोखा मार्किट स्थानांतरित करने के बारे में सुझाव दिए थे।

प्रवक्ता ने बताया कि विनय कुमार द्वारा दायर सी.डब्ल्यू. पी के तहत पंजाब और हरियाणा हाईकोर्ट की ओर से 03 अक्तूबर 2023 और 08 मई 2024 को जारी आदेशों के आधार पर विजीलेंस ब्यूरो लुधियाना रेंज द्वारा मामले की जांच की गई।

नगर निगम लुधियाना के अधिकारियों की ओर से इस नीति से संबंधित मूल रिकॉर्ड विजीलेंस ब्यूरो को नहीं सौंपने के कारण 28 अगस्त 2024 को हाईकोर्ट ने निर्देश जारी किए थे, जिसमें कहा गया कि अधिकारों के प्रयोग के संबंध में गंभीर अनियमितताएं सामने आने के मद्देनजर विजिलेंस ब्यूरो को निर्देश दिए जाते हैं कि यदि संबंधित दस्तावेज 7 दिनों के भीतर दस्तावेज़ प्रस्तुत नहीं किए जाते, तो एफआईआर दर्ज करने के बाद कानून अनुसार केस की जांच यक़ीनी बनाई जाए।

उन्होंने कहा कि इस संबंध में नगर निगम लुधियाना के कमिश्नर से 03 सितंबर 2024 को असली फाइल के गुम होने संबंधी रिपोर्ट प्राप्त हुई।

उन्होंने आगे बताया कि पूछताछ के दौरान क्लर्क लखवीर सिंह ने बताया है कि असली फाइल क्लर्क रौणी को 24 नवंबर 2019 को शाम 7 बजे नगर निगम कमिश्नर लुधियाना के कैंप कार्यालय में दी गई थी और क्लर्क रौणी की मृत्यु हो चुकी है।

इस संबंध में की गई जांच के दौरान सामने आया कि उक्त फाइल नगर निगम लुधियाना की शाखा में वापस प्राप्त हो गई थी।

प्रवक्ता ने बताया कि जांच में यह बात सामने आई कि असली फाइल 12 दिसंबर 2019 को तह बाज़ारी शाखा को भेजी गई थी, दोनों क्लर्कों द्वारा सुनाई गई कहानी झूठी साबित हुई।

इसके बाद जांच के अनुसार तह बाज़ारी शाखा के लखवीर सिंह और लॉ शाखा के अजय कुमार नामक दो क्लर्कों को नीतिगत रिकॉर्ड गुम करने के लिए दोषी पाया गया और दोनों आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया गया है।

उन्होंने आगे कहा कि अगली जांच के दौरान नगर निगम लुधियाना के अन्य अधिकारियों/कर्मचारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी।

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