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New Delhi नई दिल्ली। (two visitors jumped from audience lok sabha chamber gallery parliament) संसद पर आतंकी हमले की 22वीं बरसी पर आज फिर सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है।

दो युवक लोकसभा की कार्यवाही के दौरान सदन में घुस गए। ये दोनों शख्स दर्शक दीर्घा से कूदे थे। इन्हें गिरफ्तार कर लिया गया है।

बताया जा रहा है कि जो दो लोग कार्यवाही के दौरान घुसे, उनमें एक का नाम सागर है। दोनों सांसद के नाम पर लोकसभा विजिटर पास पर आए थे।

कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम ने कहा, अचानक दो लोग विजिटर गैलरी से लोकसभा में कूदे। दोनों की उम्र करीब 20 साल है। ये लोग कनस्तर लिए हुए थे।

इन कनस्तरों में पीले रंग की गैस निकल रही थी। दोनों में से एक व्यक्ति दौड़कर स्पीकर की चेयर के सामने पहुंच गया था। वे कोई नारे लगा रहे थे।

आशंका है कि ये गैस जहरीली हो सकती है। 13 दिसंबर 2001 के बाद ये फिर संसद की सुरक्षा में चूक का बड़ा मामला है।सदन के बाहर एक महिला ओर पुरुष ने पीले रंग का धुआं छोड़ा। सुरक्षाकर्मियों ने उन्हें पकड़कर बाहर किया।

अधीर रंजन चौधरी- दो लोग गैलरी से कूदे। उन्होंने कुछ फेंका, जिससे गैस निकल रही थी। उन्हें सांसदों ने पकड़ लिया और फिर सुरक्षा अधिकारियों ने बाहर कर दिया। यह सुरक्षा में चूक तब हुई है, जब संसद हमले की 22वीं बरसी है।

TMC सांसद सुदीप बंदोपाध्याय- ये डरावना अनुभव था। संसद में अचानक दो लोग कूद गए।

उनका मकसद क्या था, कोई नहीं जानता। वो धमाका कर सकते थे, किसी को गोली मार सकते थे।

हम सभी तुरंत सदन से बाहर चले गए, लेकिन यह एक सुरक्षा चूक थी। वे धुआं छोड़ने वाले इंस्ट्रूमेंट के साथ कैसे प्रवेश कर सकते थे?

राजधानी में संसद भवन के सामने एक महिला और पुरुष ने नारेबाजी करते हुए बुधवार को टियर स्मोक का इस्तेमाल कर प्रदर्शन किया. पुलिस ने दोनों को हिरासत में ले लिया है.

उनकी पहचान नीलम और अमोल के रूप में हुई है. यह दोनों हरियाणा के हिसार और महाराष्ट्र के लातूर के रहने वाले हैं. पुलिस दोनों से पूछताछ कर रही हैा.

बता दें कि आज संसद भवन के सामने एक महिला और एक पुरुष ने नारेबाजी करते हुए टियर स्मॉग छोड़ा और कहा कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.

पुलिस ने उन्हें हिरासत में ले लिया है और उन्हें वहां से पुलिस थाने लेकर चली गई है.

महिला और पुरुष ने संसद भवन के बाहर पहले पटाखे फोड़े थे और फिर उसके बाद भारत माता की जय, जय भीम, तानाशाही नहीं चलेगी जैसे नारे लगाए.

यह हंगामा ट्रांसपोर्ट भवन की ओर किया गया था. प्रदर्शनकारियों का कहना है कि उनकी बात नहीं सुनी जा रही है, जिसकी वजह से उन्होंने ये कदम उठाया.

बता दें कि आज ही के दिन 22 साल पहले यानी 13 दिसंबर, 2001 को संसद भवन पर आतंकवादी हमला हुआ था. इस समय भी संसद का शीतकालीन सत्र चल रहा है और बड़े-बड़े नेता इस समय पार्लियामेंट में मौजूद थे. इस लिहाज से देखा जाए तो संसद की सुरक्षा में बड़ी चूक है

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