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  • 3394.49 करोड़ रुपए की लागत वाला प्रोजेक्ट, जिसमें 80% योगदान पंजाब का
  • शाहपुर कंड़ी प्रोजेक्ट से राज्य को मिलेगी बिजली और सिंचाई की व्यापक सुविधा
  • माझा क्षेत्र के जिलों के लिए जीवन रेखा साबित होगा शाहपुर कंड़ी डैम
  • 206 मेगावाट क्षमता वाले दो पावर हाउस मार्च 2026 तक पूरे कर जनता को समर्पित किए जाएंगे
  • पंजाब को विकसित किया जाएगा एक विश्वस्तरीय पर्यटन केंद्र के रूप में

Pathankot पठानकोट। पहले पातशाह श्री गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व के अवसर पर पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने 3394.49 करोड़ रुपए की लागत वाले शाहपुर कंड़ी डैम प्रोजेक्ट का औपचारिक उद्घाटन किया। यह ऐतिहासिक परियोजना राज्य में बिजली और सिंचाई की सुविधाओं में बड़ा इज़ाफा करेगी।

मुख्यमंत्री ने गुरु नानक देव जी के प्रकाश पर्व की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि आज का दिन देश, विशेषकर पंजाब के लिए ऐतिहासिक है।

उन्होंने इस डैम के निर्माण में योगदान देने वाले इंजीनियरों, कर्मचारियों और श्रमिकों का समूचे पंजाब की ओर से आभार व्यक्त किया, जिन्होंने दिन-रात मेहनत करके इस प्रोजेक्ट को साकार किया।

उन्होंने कहा कि यह डैम किसानों, उद्योगपतियों, व्यापारियों और आम जनता के लिए एक वरदान साबित होगा।

मुख्यमंत्री ने बताया कि कृषि प्रधान राज्य पंजाब को इस डैम से सबसे अधिक लाभ होगा, क्योंकि इससे जहां बिजली उत्पादन में वृद्धि होगी, वहीं सिंचाई की सुविधा भी उपलब्ध होगी। इस परियोजना से युवाओं के लिए रोजगार के अनेक अवसर पैदा होंगे।

भगवंत मान ने कहा “शाहपुर कंड़ी डैम पंजाब, विशेषकर माझा क्षेत्र की (लाइफ लाइन)जीवन रेखा साबित होगा। मुझे विश्वास है कि यह डैम न सिर्फ लाखों घरों को रोशन करेगा बल्कि लाखों लोगों की ज़िंदगियों में उजाला भरेगा।”

उन्होंने बताया कि शाहपुर कंड़ी डैम प्रोजेक्ट की कुल लागत 3394.49 करोड़ रुपए है, जिसमें से 2694.02 करोड़ रुपए (लगभग 80%) पंजाब सरकार द्वारा और 700.45 करोड़ रुपए (20%) केंद्र सरकार द्वारा दिए जा रहे हैं।

इस परियोजना के लिए कुल 3171.72 एकड़ भूमि अधिग्रहित की गई है, जिसमें से 1643.77 एकड़ पंजाब और 1527.95 एकड़ जम्मू-कश्मीर क्षेत्र की है।

नए डैम से सिंचाई सुविधा का उल्लेख करते हुए मुख्यमंत्री ने बताया कि इस प्रोजेक्ट से पंजाब के 5000 हेक्टेयर (12,500 एकड़) क्षेत्र में सिंचाई संभव होगी।

पठानकोट, गुरदासपुर, अमृतसर समेत माझा क्षेत्र के अन्य जिलों के खेतों तक पानी पहुंचेगा। इसके अतिरिक्त अप्पर बारी दोआब नहर के अधीन एक लाख 18 हजार हेक्टेयर भूमि को अब निरंतर सिंचाई सुविधा मिलेगी।

मुख्यमंत्री ने बताया कि शाहपुर कंड़ी डैम के निर्माण से पहले रणजीत सागर डैम पावर हाउस सुबह और शाम की उच्च मांग के समय अपनी पूरी 600 मेगावाट क्षमता से काम नहीं कर सकता था, क्योंकि नीचे पानी संग्रहित करने के लिए कोई जलाशय नहीं था और पानी पाकिस्तान की ओर बह जाता था।

अब शाहपुर कंड़ी डैम के शुरू होने से रणजीत सागर पावर हाउस प्रभावशाली रूप से बिजली उत्पादन कर रहा है, और वहां से छोड़ा गया पानी शाहपुर कंड़ी जलाशय में संग्रहित किया जा रहा है, जिससे किसानों को सिंचाई के लिए स्थिर पानी आपूर्ति सुनिश्चित हो रही है।

मुख्यमंत्री ने बताया कि डैम की ऊंचाई 55.5 मीटर है और इसमें 7.7 किलोमीटर लंबी हाइडल चैनल बनाई जा रही है।

दो पावर हाउस (206 मेगावाट कुल क्षमता) बनाए जा रहे हैं, जिनका 75% कार्य पूरा हो चुका है।

यह प्रोजेक्ट मार्च 2026 तक पूरा कर जनता को समर्पित किया जाएगा, जिसके बाद बिजली उत्पादन शुरू होगा।

डैम की सिंचाई संबंधी अहमियत बताते हुए उन्होंने कहा कि तीन नई नहरों का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है।

शाहपुर कंड़ी डैम के ऊपरी हिस्से में एक झील भी बनाई गई है, जिसे आने वाले वर्षों में पंजाब के सबसे बड़े पर्यटन केंद्र के रूप में विकसित किया जाएगा।

भगवंत मान ने कहा कि इस डैम से उत्तरी भारत में वॉटर स्पोर्ट्स को भी बढ़ावा मिलेगा।

उन्होंने बताया कि शाहपुर कंड़ी डैम, रणजीत सागर डैम और चमरोड़ क्षेत्र को विश्वस्तरीय पर्यटन हब के रूप में विकसित किया जाएगा। कुछ कंपनियां यहां पर्यटन परियोजनाएं लगाने के लिए तैयार हैं, जिनसे बातचीत जारी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बड़ी कंपनियां इस क्षेत्र की प्राकृतिक खूबसूरती से अत्यधिक आकर्षित हैं, इसलिए यहां पर्यटन को प्रोत्साहित करने की अपार संभावनाएं मौजूद हैं।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री लाल चन्द कटारुचक्क एवं बरिंदर कुमार गोयल और मुख्य सचिव के ए पी सिन्हा उपस्थित थे।

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