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नई दिल्ली। (suggestion of ncf semester system should be implemented in 11 12th) नेशनल करीकुलम फ्रेमवर्क (NCF) के मसौदे में सुझाव दिया गया है कि छात्रों के पास 10वीं कक्षा के बाद स्कूल छोड़ने और 11वीं और 12वीं कक्षा में व्यावसायिक शिक्षा हासिल करने का विकल्प होना चाहिए.

पूरे देश में स्कूल के पाठ्यक्रम के लिए एक ब्लूप्रिंट के तौर पर लाया गया एनसीएफ ग्रेड 11 और 12 में एक सेमेस्टर प्रणाली शुरू करने का भी प्रस्ताव रखता है और साइंस, कॉमर्स व आर्ट्स जैसे स्ट्रीम्स के कॉन्सेप्ट को हटाने की बात करता है.

स्कूली शिक्षा का माध्यमिक स्तर ग्रेड 9 से 12 तक चार साल का होगा और इसमें कई बिषयों के अध्ययन शामिल होंगे.

पॉलिसी डॉक्युमेंट के मुताबिक, “विशेष रूप से, छात्रों के पास ग्रेड 10 के बाद आवश्यक लगे तो ज्यादा स्पेशलाइज्ड स्कूलों सहित 11-12वीं ग्रेड में उपलब्ध किसी वोकेशनल ट्रेनिंग या अन्य कोर्स में एडमिशन ले सकते हैं.”

चार वर्षों के पाठ्यक्रम को ‘आवश्यक पाठ्यक्रम’, ‘च्वाइस-बेस्ड पाठ्यक्रम’ और विभिन्न प्रकार के व्यावसायिक पाठ्यक्रमों के व्यापक केटैगरी के तहत विभाजित किया जाएगा.

ग्रेड 9 और 10 अभी भी एक एनुअल स्ट्रक्चर का पालन करेंगे. दो वर्षों में, छात्रों को उपलब्ध आठ करीकुलर एरिया में से प्रत्येक से दो आवश्यक कोर्सेज यानी कि कुल 15 कोर्सेज करने होंगे.

ये क्षेत्र हैं: मानविकी (भाषाओं सहित), गणित और कंप्यूटिंग, व्यावसायिक शिक्षा, शारीरिक शिक्षा, कला, सामाजिक विज्ञान, विज्ञान और इंटर-डिसिप्लिनरी एरियाज़.

छात्रों को ग्रेड 10 के अंत में आठ बोर्ड परीक्षाओं को पास करना होगा यानी कि दो वर्षों में पढ़े गए प्रत्येक करीकुलर क्षेत्र के लिए एक बोर्ड परीक्षा.

दस्तावेज़ में कहा गया है कि ग्रेड 11 और 12 के लिए, आठ करीकुलर एरिया का एक ही सेट ऑफ़र किया जाएगा, लेकिन करीकुलर एरिया के भीतर विषयों के आधार पर च्वाइस-बेस्ड पाठ्यक्रम तैयार किए जाएंगे, ताकि ज्यादा गहरा जुड़ाव सुनिश्चित किया जा सके.

सेकेंडरी स्टेज के इस चरण को सेमेस्टर में विभाजित किया जाएगा, और प्रत्येक च्वाइस-बेस्ड कोर्स एक सेमेस्टर के लिए होगा.

छात्रों को ग्रेड 12 को पूरा करने के लिए 16 च्वाइस-बेस्ड कोर्सेज को पूरा करना होगा. यह सुनिश्चित करने के लिए कि छात्रों के पास ज्यादा से ज्यादा च्वाइस मिल सके, उन्हें कम से कम तीन करीकुलर एरियाज़ से विषयों का चयन करना होगा.

संबंधित विषय में अच्छी नॉलेज को सुनिश्चित करने के लिए, जब छात्र किसी विषय का चयन करते हैं, तो उन्हें उस विषय में चार च्वाइस-बेस्ड कोर्स पूरा करना होगा.

एकेडमिक विषयों के मामले में, इन चार कोर्सेज द्वारा उस डिसिप्लिन का बेहतर परिचय देने की उम्मीद है.

दस्तावेज़ में कहा गया है कि प्रमुख वैचारिक संरचनाओं और सिद्धांतों की नॉलेज पा करके, और इन्क्वायरी की क्षमता विकसित करके, छात्र उच्च शिक्षा में डिसिप्लिन के बारे में बुद्धिमत्तापूर्ण निर्णय ले सकते हैं.

वोकेशनल एरियाज़ के मामले में, उम्मीद है कि ये चार कोर्सेज छात्रों को उस विशेष वोकेशन में काम या नौकरी दिलाने में सफल होंगे.

दूसरी कक्षा तक लिखित परीक्षा न लेने का सुझाव

एनसीएफ के मसौदे में दूसरी कक्षा तक के बच्चों के लिए लिखित परीक्षा को पूरी तरह से अनुप्रयुक्त बताया है.

सुझाव दिया गया है कि लिखित परीक्षा तीसरी कक्षा से शुरू होनी चाहिए मसौदे में कहा गया है कि मूल्यांकन की पद्धति ऐसी होनी चाहिए जिससे छात्र पर अतिरिक्त बोझ ना पड़े.

नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार तैयार किए गए एनसीएफ में यह भी कहा गया कि छात्रों के मूल्यांकन के लिए दो महत्वपूर्ण पद्धतियों में बुनियादी स्तर पर बच्चे के आकलन और सीखने के दौरान उसके द्वारा तैयारी का विश्लेषण एवं है.

नई शिक्षा नीति में बदल जाएगा एजूकेशन सिस्टम

आपको बता दें कि नई शिक्षा नीति लागू होने से पूरा एजुकेशन सिस्टम बदल जाएगा। इससे 10+2 का सिस्टम भी खत्म हो जाएगा।

वहीं, इसे 5+3+3+4 में बांट दिया जाएगा। पहले पांच साल में प्री-प्राइमरी तक बढ़ाई शामिल होगी। और अगले 3 वर्ष तक कक्षा 1 और कक्षा शामिल होंगे।

वहीं, अगला चरण कक्षा 6 से कक्षा 8 तक होगा। जबकि चार साल तक कक्षा 9 से 12 तक की पढ़ाई होगी।

उच्च शिक्षा में ग्रेजुएशन मल्टी एग्जिट सिस्टम पर आधारित होगा। यानि कि अगर कोई छात्र ग्रेजुएशन में प्रवेश लेकर एक साल में छोड़ देता है तो उसे सर्टिफिकेट, दो साल में डिप्लोमा और तीन साल में डिग्री दी जाएगी। लेकिन पीएचडी में प्रवेश के लिए 4 वर्ष का स्नातक करना होगा।

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