Prabhat Times
Amritsar अमृतसर। (sikh takhts meeting shri akal takht sahib jathedar giani raghbir singh) अकाली सरकार के समय हुई गल्तियों के लिए सुखबीर बादल व उनके साथ रहे नेताओं ने द्वारा गुनाह कबूले जाने के बाद श्री अकाल तख्त साहिब ने फैसला सुना दिया है।
श्री अकाल तख्त साहिब के ज्ञानी रघुबीर सिंह ने फैसला सुनाया। उन्होनें कहा कि सुखबीर सिंह बादल सहित कोर कमेटी मेंबर और साल 2015 कैबिनेट मेंबर रहे।
श्री अकाल तख्त साहिब ने सुखबीर बादल, सुखदेव सिंह ढींढसा, सुच्चा सिंह लंगाह, हीरा सिंह गाबड़िया, बलविंदर सिंह भूंदड़, दलजीत सिंह चीमा, गुलजार सिंह राणीके 3 दिसंबर से श्री दरबार साहिब 12 बजे से 1 बजे तक बाथरूम इत्यादि की सफाई करेंगे।
इसके पश्तात इशनान करके 12 से 1 बजे तक एक घण्टा लंगर में जाकर बर्तन साफ करेंगे। एक घण्टा कीर्त्तन सुनेंगे और रोजाना नितनेम के अतिरिक्त श्री सुखमणि साहिब का पाठ करेंगे।
जत्थेदार रघबीर सिंह ने कहा- सुखबीर सिंह बादल श्री दरबार साहिब के बाहर बरछा लेकर बैठेंगे। उन्हें गले में तख्ती पहननी होगी।
श्री अकाल तख्त साहिब से आए फैसले में सरदार प्रकाश सिंह बादल से फखर-ए-कौम का सम्मान भी वापस लेने का आदेश दिया गया है।
ज्ञानी रघुबीर सिंह ने कहा कि डेरा सिरसा मुखी को माफी संबंधी जो विज्ञापन लगाे गए हैं, उसके पैसे सुखबीर बादल, भूंदड़, दलजीत चीमा, लंगाह और गाबड़ियां से वसूले जाएँ।
इससे पहले पंजाब के अमृतसर में गोल्डन टेंपल स्थित श्री अकाल तख्त साहिब पर सोमवार को पांच सिख साहिबानों की मीटिंग हुई।
इसके बाद अकाली दल की सरकार के वक्त डेरा सच्चा सौदा सिरसा के मुखी राम रहीम को माफी और बेअदबी के मामले में सुखबीर बादल और बाकी सिख मंत्रियों को सजा सुनाई गई
ये सजा उन्हें 2 दिन के लिए दी गई है। इसके बाद 2 दिन श्री केशगढ़ साहिब, 2 दिन श्री दमदमा साहिब तलवंडी साबो, 2 दिन श्री मुक्तसर साहिब और 2 दिन श्री फतेहगढ़ साहिब में सेवादारों वाला चोला पहनकर हाथ में बरछा लेकर ड्यूटी करेंगे।
जत्थेदार ने कहा कि सुखबीर सिंह बादल इन साहिबों में ड्यूटी के बाद एक-एक घंटा लंगर घर में जाकर संगत के बर्तन साफ करेंगे। साथ ही एक घंटा बैठकर कीर्तन सुनना होगा और श्री सुखमणि साहिब का पाठ करना होगा।
इससे पहले सुखबीर सिंह बादल ने अपनी गलती कबूल ली है। वहीं प्रेम सिंह चंदूमाजरा ने कहा कि मुझे पर लगाए गए सभी आरोप झूठे हैं।
मीटिंग में साल 2007 से 2017 तक शिरोमणि अकाली दल (SAD) की सरकार के पूर्व मंत्रियों, 2015 की शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) की कार्यकारिणी के सदस्यों और मौजूदा प्रधान एडवोकेट हरजिंदर सिंह धामी को बुलाया गया।
पैर में फ्रैक्चर की वजह से सुखबीर सिंह बादल व्हीलचेयर पर श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचे हैं। भाजपा नेता मनजिंदर सिंह सिरसा भी पहुंचे हैं।
30 अगस्त को सुखबीर बादल को तनखैया घोषित किया गया था। सुखबीर बादल और 17 पूर्व अकाली मंत्री अकाल तख्त साहिब पर पत्र सौंप कर अपना स्पष्टीकरण सौंप चुके हैं।
कुछ दिन पहले सुखबीर बादल ने अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर मांग की थी कि उन्हें तनखैया घोषित किए हुए 3 महीने से अधिक का समय बीत चुका है और उन्हें अब सजा सुनाई जानी चाहिए।
भूंदड़ ने कहा- सभी आरोप झूठे हैं
अकाली दल के कार्यकारी प्रधान बलविंदर सिंह भूंदड़ ने अपना गुनाह कबूलने से मना किया है। जत्थेदार ने आरोप लगाया कि आपके घर तक में सिरसा वाले बाबा की मीटिंग होती रही है।
इस पर भूंदड़ ने कहा 200 प्रतिशत ये गलत आरोप हैं। जिन लोगों के नाम लिए जा रहे हैं कि उन्होंने मेरे घर में मीटिंग की है, वे मेरे घर का पता तक नहीं बता सकते हैं। इसलिए ये सभी आरोप सरासर झूठे हैं।
मजीठिया बोले- दोनों हाथ जोड़कर माफी मांगता हूं
अकाली नेता बिक्रम सिंह मजीठिया ने कहा- साल 2007 से 2009 और 2009 से 2012 तक मैं कैबिनेट का हिस्सा नहीं था। 2012 से लेकर 2017 तक मैं कैबिनेट का हिस्सा था।
किसी भी कैबिनेट मीटिंग में माफी या फिर जितने भी मुद्दों का जिक्र किया गया, ऐसे किसी भी मुद्दे में मैं शामिल नहीं था।
मगर मैं अपनी ये गलती मानता हूं कि मैं उस कैबिनेट का हिस्सा था। मैं दोनों हाथ जोड़कर इसकी माफी मांगता हूं।
सुच्चा सिंह बोले- सभी को एक लाइन में खड़े किया जाए
सुच्चा सिंह लंगाह ने जत्थेदार के आगे तर्क रखा कि हम सभी एक साथ कैबिनेट में थे। इसलिए सभी को एक लाइन में खड़े किया जाए।
श्री अकाल तख्त ने लगाई चंदूमाजरा को लताड़
चंदूमाजरा के अपने ऊपर लगे आरोपों से नकारने के बाद उन्हें श्री अकाल तख्त की तरफ से बुरी तरह से लताड़ा गया।
जत्थेदार ने एक अखबार की कटिंग दिखाते हुए कहा- उनका बयान तक अखबारों में छपा है।
आप कैसे आरोपों से पीछे हट सकते हैं। इस पर चंदूमाजरा ने कहा कि ये मेरा बयान नहीं है।
मैंने नोटिस भी दिया था कि मेरा ऐसा बयान कैसे छाप दिया गया।
परमिंदर सिंह ढींढसा ने गलती मानी
अकाली दल नेता परमिंदर सिंह ढींढसा ने अपनी गलती मानी है।
ढींढसा से पूछा गया कि आपने बेअदबी की जांच करने वाले अधिकारियों का साथ दिया और उन्हें प्रमोट किया या नहीं। इस पर उन्होंने कहा- जी मैंने ये गुनाह किया है।
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