चंडीगढ़। कृषि विधेयक को लेकर केंद्र सरकार के हठी रवैये को देखते हुए आज शिरोमणि अकाली दल द्वारा बड़ा फैसला किया गया है।
शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने एन.डी.ए. से अलग होने का ऐलान किया है। एन.डी.ए. से अलग होने का फैसला करने से स्पष्ट हो गया है कि साल 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों मे शिअद पंजाब में अकेले ही चुनाव लड़ेगा।
शिअद के इस फैसले पर फिलहाल भाजपा की तरफ से कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है।
बता दें कि पिछले कई दशकों से शिअद भाजपा का गठजोड़ था। हालांकि पिछले समय मे भी कई बार दोनो पार्टी नेतृत्व में विवाद रहा। लेकिन नौबत कभी भी अलग होने के नहीं आई।
लेकिन विभिन्न मुद्दों पर कई सालों से अंदर ही अंदर सुलग रही चिंगारी को कृषि विधेयक ने हवा दे दी। हरसिमरत बादल द्वारा कृषि विधेयक के विरोध में कुछ दिन पहले ही केंद्रीय मंत्री मंडल से इस्तीफा दिया था।
इसी बीच आज शिअद सुप्रीमो सुखबीर बादल ने कोर कमेटी की बैठक तथा राजनीतिक थिंक टैंक से सलाह मशवरा के पश्चात आज रात एन.डी.ए. से अलग होने का ऐलान कर दिया।
इसलिए तोड़ा गठबंधन
अकाली दल के अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने खुद यह जानकारी दी है। उन्होंने कहा कि कृषि से संबंधित अध्यादेशों को लाने वाली एनडीए का हम हिस्सा नहीं हो सकते। सुखबीर सिंह बादल ने कहा कि एनडीए के अलग होने का फैसला सर्वसम्मति से लिया गया है।
इससे पहले शिरोमणी अकाली दल के प्रमुख सुखबीर सिंह बादल ने शनिवार को मांग की कि पंजाब सरकार तत्काल एक अध्यादेश लेकर आए जिसमें पूरे राज्य को कृषि बाजार घोषित किया जाए ताकि केंद्र के कृषि विधेयकों को यहां लागू करने से रोका जा सके।
शिअद ने एक वक्तव्य में कहा, ‘अकाली फोबिया से दिनरात ग्रस्त रहने और अपने विरोधियों पर दुर्भावनापूर्ण आरोप लगाने में व्यस्त रहने के बजाए मुख्यमंत्री कैप्टन अमिरंदर सिंह किसानों की रक्षा के लिए कदम उठाएं।’
बादल ने कहा, ‘केंद्र के नए कानूनों को पंजाब में लागू करने का एकमात्र तरीका यह है कि पूरे राज्य को कृषि उत्पाद की मंडी घोषित कर दिया जाए।’
उन्होंने कहा कि कोई भी इलाका जिसे मंडी घोषित किया गया है वह नए कानून के दायरे से बाहर है। उन्होंने कहा कि इससे ‘बड़े कॉर्पोरेट शार्क’ प्रदेश में प्रवेश नहीं कर पाएंगे। अगले चुनावों के बारे में स्पष्ट कहा गया है कि पार्टी अपने स्तर ही चुनाव लड़ेगी।