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New Delhi नई दिल्ली। (rbi big decision cheque clearance time reduce to some hours) भारतीय रिजर्व बैंक ने मौद्रिक समीक्षा नीति में आज एक बड़ा फैसला लिया है.

आरबीआई ने बैंकों को निर्देश दिया है कि वो चेक क्लियर करने की समय सीमा को घटाएं.

मौजूदा समय में चेक क्लियर होने 1 से 2 दिन का समय लगता है.

अब केंद्रीय बैंक ने इसे घटाकर कुछ घंटो में करने का निर्देश दे दिया है.

इस फैसले से करोड़ों कोरबारियों और आम लोगों को फायदा मिलेगा.

RBI ने दिया ये आदेश

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की अगुआई वाली मौद्रिक नीति समिति (MPC) ने चेक के निपटान को कुछ घंटों में पूरा करने के लिए कई उपायों का प्रस्ताव रखा

गवर्नर शक्तिकांत दास ने द्विमासिक नीति बैठक के नतीजों की घोषणा करते हुए कहा कि चेक को कुछ घंटों में स्कैन, प्रस्तुत और पास किया जाएगा

यह काम कारोबारी घंटों के दौरान निरंतर आधार पर किया जाएगा.

केंद्रीय बैंक ने कहा है कि इस संबंध में डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

इस कदम का उद्देश्य चेक क्लियरेंस की दक्षता में सुधार करना और प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करना है.

गवर्नर ने आगे कहा कि उपाय का उद्देश्य ग्राहक अनुभव को बेहतर बनाना है.

दास ने कहा CTS को बैच प्रोसेसिंग के मौजूदा दृष्टिकोण से ‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर क्लियरेंस में बदलने का प्रस्ताव है.

समझें इसके फायदे

नए सिस्टम से चेक को स्कैन किया जा सकेगा, प्रस्तुत किया जा सकेगा और वर्तमान बैच प्रोसेसिंग मेथड के बजाय पूरे कारोबारी घंटों में लगातार क्लियर किया जा सकेगा.

मौजूदा चेक ट्रंकेशन सिस्टम (CTS) दो वर्किंग डेज तक के क्लियरिंग साइकल के साथ काम करता है, जिसे T+1 के रूप में जाना जाता है.

‘ऑन-रियलाइज़ेशन-सेटलमेंट’ के साथ निरंतर चेक क्लियरिंग में बदलाव को चेक प्रोसेसिंग की दक्षता में सुधार करने और प्रक्रिया में शामिल सभी प्रतिभागियों के लिए निपटान जोखिम को कम करने के लिए डिज़ाइन किया गया है.

गवर्नर दास ने इस बात पर ज़ोर दिया कि इस पहल का उद्देश्य तेज़ चेक क्लियरेंस की पेशकश करके कस्टमर एक्सपीरिएंस को बढ़ाना है.

नई चेक क्लियरिंग प्रक्रिया पर डिटेल दिशा-निर्देश जल्द ही जारी किए जाएंगे.

यूपीआई पेमेंट को लेकर बड़ा फैसला

आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने यूपीआई पेमेंट को लेकर एक बड़े फैसले का ऐलान किया.

केंद्रीय बैंक ने यूपीआई से किए जाने वाले टैक्स पेमेंट की लिमिट (UPI Tax Payment Limit) को 1 लाख से बढ़ाकर अब 5 लाख रुपए करने का प्रस्ताव रखा है.

आखिर में इससे किसे और कैसे फायदा होगा?

अगर आपको ज़रा भी कंफ्यूजन है कि आरबीआई ने यूपीआई से डेली पेमेंट करने की लिमिट को बढ़ाया है, तो आपको बता दें कि ऐसा बिलकुल नहीं हुआ है.

सिर्फ और सिर्फ यूपीआई के माध्यम से किए जाने वाले टैक्स पेमेंट की लिमिट को ही बढ़ाया गया है.

UPI Tax Payment Limit बढ़ने का फायदा

जिन टैक्सपेयर्स की टैक्स लायबिलिटी ज्यादा है. वह जल्दी से टैक्स पेमेंट के ट्रांजेक्शन को पूरा कर सकें.

इसके लिए ही यूपीआई से टैक्स पेमेंट की लिमिट को बढ़ाया गया है.

अभी तक अगर किसी टैक्सपेयर की लायबिलिटी मानकर चलिए 1.5 लाख रुपए बनती है, तो वह यूपीआई से टैक्स पेमेंट का पूरा फायदा नहीं उठा सकता है.

बल्कि उसे NEFT या RTGS जैसे अन्य नेट बैंकिंग सॉल्युशंस का इस्तेमाल करना होता है.

आरबीआई के इस लिमिट को बढ़ाने से लोगों के लिए उनके टैक्स लायबिलिटी को समय पर पूरा करना आसान हो जाएगा.

इतना ही नहीं सरकार के टैक्स कलेक्शन में भी तेजी आएगी. इसका एक और फायदा ये होगा कि लोगों की ट्रांजेक्शन कॉस्ट कम होगी.

Tax Payment के टाइम भी बचेगा पैसा

आरबीआई के यूपीआई से टैक्स पेमेंट की लिमिट को 1 लाख से 5 लाख करने का एक और फायदा टैक्सपेयर्स को मिलेगा.

अगर टैक्सपेयर्स अभी एनईएफटी या आरटीजीएस जैसे नेट बैंकिंग टूल का उपयोग करके टैक्स पेमेंट करते हैं या क्रेडिट और डेबिट कार्ड से पेमेंट करते हैं.

तब उन्हें ट्रांजेक्शन चार्जेस देने होते हैं. इसके उलट यूपीआई से पेमेंट के वक्त ट्रांजेक्शन चार्जेस नहीं लगते हैं.

इसलिए 5 लाख रुपए तक का टैक्स भरते समय भी उनके कुछ पैसे की बचत होगी.

कैटेगरी के हिसाब से अलग-अलग है UPI Payment Limit

सरकार और आरबीआई दोनों को इस बात का अंदाजा है कि पेमेंट के तमाम विकल्पों में यूपीआई लोगों के बीच सबसे प्रिफर्ड मोड है.

इसलिए यूपीआई से अलग-अलग कैटेगरी के पेमेंट के लिए अलग-अलग लिमिट को तय किया गया है.

यूपीआई को मेंटेन करने वाले नेशनल पेमेंट कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) के मुताबिक यूपीआई से सामान्य पेमेंट करने की लिमिट 1 लाख रुपए ही है.

दिसंबर 2023 में आरबीआई ने अस्पताल और एजुकेशन इंस्टीट्यूट्स में किए जाने वाले खर्च के लिए यूपीआई से पेमेंट की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए कर दिया था.

इसका फायदा लोगों को अस्पताल में बिल भरने या एजुकेशन के लिए फीस भरने के दौरान मिलने लगा.

इसी तरह दिसंबर 2021 में रिटेल डायरेक्ट स्कीम या आईपीओ में निवेश करने के लिए यूपीआई की लिमिट को बढ़ाकर 5 लाख रुपए किया गया था.

जबकि एनपीसीआई के मुताबिक कैपिटल मार्केट, कलेक्शंस, इंश्योरेंस, विदेश से पैसे मंगाने इत्यादि के लिए यूपीआई की लिमिट 2 लाख रुपए है.

UPI पर मिलेगा क्रेडिट कार्ड जैसा Add-On फीचर

खबर के मुताबिक यूपीआई से जुड़ी एक और अनाउंसमेंट डेलीगेटेड पेमेंट्स की है.

अब आप अपने परिवार के किसी सदस्य के लिए यूपीआई के तहत डेलीगेटेड अकाउंट क्रिएट कर सकेंगे.

वह सदस्य आपके अकाउंट से एक फिक्स लिमिट तक यूपीआई पेमेंट कर सकेगा.

ये सुविधा कुछ-कुछ क्रेडिट कार्ड की एड-ऑन फैसिलिटी की तरह होगी.

इसमें आप अपनी क्रेडिट लाइन का उपयोग किसी अन्य को इस्तेमाल करने की छूट देते हैं.

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