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नई दिल्ली। (raghav chadha name mention in ed supplementary chargesheet delhi excise case) दिल्ली के शराब घोटाला मामले में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की दूसरी सप्लीमेंट्री चार्जशीट में अब आम आदमी पार्टी सांसद राघव चड्ढा का भी नाम आ गया है.

चार्जशीट में जाली लेन-देन की साजिश रची गई. चार्जशीट के मुताबिक मनीष सिसोदिया के तत्कालीन सचिव सी अरविंद ने बताया है कि सिसोदिया के आवास पर हुई एक बैठक में राघव चड्ढा भी मौजूद थे.

इस बैठक में विजय नायर के अलावा पंजाब सरकार के एसीएस वित्त, आबकारी आयुक्त वरुण रूजम, एफसीटी और पंजाब आबकारी के अफसर भी मौजूद थे.

इस मामले में पहले ही दिल्ली के पूर्व डिप्टी सीएम मनीष सिसोदिया और सीएम केजरीवाल का नाम सामने आ चुका है.

CBI ने केजरीवाल से 9 घंटे की थी पूछताछ

कथित शराब नीति मामले में 16 अप्रैल को सीबीआई ने दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल से करीब साढ़े 9 घंटे तक पूछताछ की थी.

पूछताछ के बाद अरविंद केजरीवाल ने कहा था कि पूरा का पूरा कथित शराब घोटाला फर्जी है, झूठ है और गंदी राजनीति से प्रेरित है.

केजरीवाल पर ये हैं आरोप

जांच एजेंसियों का आरोप था कि केजरीवाल के खिलाफ सबूत मिले हैं.

हाल में ED ने चार्जशीट दाखिल की थी, जिसमें कहा गया कि केजरीवाल ने ‘फेसटाइम’ ऐप पर शराब घोटाले के मुख्य आरोपी समीर महेन्द्रु से बात की थी.

समीर महेन्द्रु शराब कारोबारी हैं. केजरीवाल ने समीर को कहा था कि वो AAP के कम्युनिकेशन इनचार्ज विजय नायर पर भरोसा करें.

ED के मुताबिक, पिछले साल 12 और 15 नवंबर को पूछताछ के दौरान समीर महेन्द्रु ने अधिकारियों को बताया था कि विजय नायर ने अरविंद केजरीवाल के साथ उसकी मीटिंग फिक्स की थी.

लेकिन ये मीटिंग नहीं हो पाई थी. इसके बाद विजय ने उसे फेसटाइम पर वीडियो कॉल के जरिये बातचीत करने को कहा था.

ED का आरोप है, “इसी कॉल में अरविंद केजरीवाल ने समीर से कहा था कि विजय नायर उनका अपना आदमी है, वे उन पर भरोसा कर सकते हैं.”

क्या है शराब घोटाला मामला? 

दिल्ली सरकार ने 17 नवंबर 2021 को नई एक्साइज पॉलिसी लागू की थी.

दिल्ली सरकार ने इस नीति के लागू होने के बाद राजस्व में इजाफे के साथ ही माफिया राज खत्म करने का तर्क दिया था लेकिन हुआ ठीक उल्टा. दिल्ली सरकार को राजस्व का नुकसान हुआ.

दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने जुलाई 2022 में दिल्ली के तत्कालीन मुख्य सचिव ने एलजी वीके सक्सेना को रिपोर्ट सौंपी थी.

जिसमें मनीष सिसोदिया पर शराब कारोबारियों को अनुचित लाभ पहुंचाने का आरोप लगाया गया था.

एलजी ने इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी. एलजी की सिफारिश के बाद सीबीआई ने 17 अगस्त 2022 को केस दर्ज कर जांच शुरू की थी.

इस केस में मनीष सिसोदिया समेत 15 लोगों को आरोपी बनाया गया था. 22 अगस्त को ईडी ने आबकारी नीति में मनी लॉन्ड्रिंग का केस भी दर्ज किया था.

करीब छह महीने की जांच के बाद सीबीआई ने मनीष सिसोदिया को फरवरी महीने में गिरफ्तार कर लिया था. मनीष सिसोदिया तभी से सलाखों के पीछे हैं.

मामले में सिसोदिया जेल में बंद

इस मामले में दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया भी जेल में बंद हैं. सिसोदिया को केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने 26 फरवरी को गिरफ्तार किया था.

मनीष सिसोदिया से जेल में प्रवर्तन निदेशालय (ई़डी) ने भी पूछताछ की थी. ईडी ने पूछताछ के बाद जेल से ही मनीष सिसोदिया को गिरफ्तार कर लिया था.

ईडी ने मनीष सिसोदिया को रिमांड पर लेकर भी पूछताछ की थी. मनीष सिसोदिया ने इसी मामले में राउज एवेन्यू कोर्ट में याचिका दायर कर जमानत मांगी थी. लेकिन कोर्ट ने इसे मंजूर नहीं किया.

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