कपूरथला। कोरोना वायरस ज़्यादाता रोगों से लड़ने की कम शक्ति (कमजोर अंदरूनी ताकत) वाले बुजुर्गों और छोटे बच्चों को नुक्सान पहुंचाता है। कोरोना पीडितों को घर में ही एकांतवास करना बहुत जरूरी है।
कमजोर अंदरूनी ताकत वाले लोगों के लिए घरों में ही प्राथमिक सेहत सहूलतें, कोरोना संबंधी सही जानकारी और जागरूकता होनी समय की अहम जरूरत है।
हमें यह भी यकीनी बनाना चाहिए कि ऐसे लोग कोरोना पीडितों के संपर्क में न आएं। ये शब्द सिविल अस्पताल कपूरथला के जिला एपोडीमोलोजिस्ट डा. राजीव भगत ने पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की तरफ से सेहत और अंदरूनी ताकत (रोगों से लड़ने की शक्ति) की मजबूती के विषय पर करवाए गए वेबिनार दौरान प्रकट किए।
उन्होंने आगे जानकारी देते हुए बताया कि कोरोना से लड़ने का एकमात्र मंत्र है कि खुद को रोगमुक्त करने की शक्ति को मजबूत रखो।
जिन लोगों की अंदरूनी ताकत (इम्यूनिटी) मजबूत है, उन पर कोरोना का प्रतिकूल प्रभाव नहीं पड़ता है। अगर पड़ भी जाए तो वह बहुत जल्द ठीक हो जाते हैं।
डा. भगत ने कहा कि जरूरी विटामिन और धातुएं जो हमें रोजाना के भोजन में नहीं मिलती, उनका अलग से सेवन भी कोरोना के दौर में जरूरी है।
जैसे विटामिन-डी, विटामिन-सी, जिंक, विटामिन बी-6, बी-12, मैग्नीशियम और विटामिन-ई का सेवन आज के दौर में बहुत जरूरी है।
इसके अलावा ऐसा भोजन लो, जिसमें ओआरएसी की मात्रा ज्यादा हो। उन्होंने कहा कि महामारी के समय दौरान हमें लंबे सांस लेने की क्रियाएं अधिक से अधिक करनीं चाहिए।
इससे हमारे फेफड़े मज़बूत होते हैं। इसलिए प्रणायाम तकनीक की क्रियाएं बहुत ज़्यादा लाभदायक हैं।
पुष्पा गुजराल साइंस सिटी की डायरेक्टर जनरल डा. नीलिमा जैरथ ने कहा कि कोविड-19 ने हमारी जिंदगी के हर पहलू को प्रभावित किया है, चाहे वह वित्तीय कमी या आर्थिकता हो या फिर हमारी सेहत हो।
उन्होंने कहा कि साइंस सिटी की ओर से यहां कोविड-19 की गैलरी स्थापित करने की योजना बनाई जा रही है।
यह गैलरी स्कूलों के प्रबंधकों, अध्यापकों, मां-बाप के साथ बच्चों को सार्वजनिक सेहत की तरफ काम करने के लिए प्रेरित करेगी।
इसके साथ कोविड-19 से बचाव के लिए अग्रिम सुरक्षित कार्य करने का समर्थन करेगी इस मौके पर साइंस सिटी के डायरेक्टर डा. राजेश ग्रोवर भी उपस्थित थे।