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चंडीगढ़। (punjab flood condition bhakra dam pong dam) पंजाब के 8 जिले बाढ़ की चपेट में आए गए हैं। भाखड़ा डैम के फ्लड गेट खोलने से सतलुज नदी का जलस्तर बढ़ा। जिसका असर रोपड़ पर पड़ा।

वहीं पौंग डैम से छोड़े पानी ने होशियारपुर, गुरदासपुर, कपूरथला के बाद अब अमृतसर, तरनतारन और फिरोजपुर को अपनी चपेट में ले लिया है।

पौंग डैम से छोड़े पानी से गुरदासपुर में सबसे अधिक मार देखने को मिल रही है।

गुरदासपुर के कस्बा श्री हरगोबिंदपुर साहब के गांव धीरोवाल में बरसाती नाले में पानी देखने गए दो बच्चों की डूब जाने से मौत हो गई।

मृतकों की पहचान जसकरण सिंह (14) और दिलप्रीत सिंह (13) के रूप में हुई है। दोनों बच्चों के शव बरामद कर लिए गए हैं।

पानी का बहाव तेज होने के कारण दोनों नाले में बह गए। डीएसपी राजेश ने बताया- दोनों मृतक शवों को कब्जे में लेकर जांच पड़ताल की जा रही है।

वहीं, मामले के बारे में मृतक बच्चों के परिवारों को भी सूचित कर दिया गया है। घटना के बाद से दोनों बच्चों के परिवारों का रो-रो कर बुरा हाल था।

कपूरथला के विधानसभा क्षेत्र भुलत्थ के गांवों में कई मवेशी बाढ़ के पानी में बह गए। वहीं अब ब्यास का असर अमृतसर, तरनतारन व फिरोजपुर में भी दिखना शुरू हो दिया है।

गुरदासपुर के 50 गांव बाढ़ की चपेट में

पौंग बांध से भारी मात्रा में पानी छोड़े जाने के बाद गुरदासपुर जिले में ब्यास नदी ने दीनानगर, गुरदासपुर और काहनूवान क्षेत्रों में लगभग 50 गांव जलमग्न हो गए हैं। जिनमें से लगभग 12 गांव विशेष रूप से गंभीर बाढ़ का सामना कर रहे हैं।

15 नावों वाली टीमों ने 500 से अधिक लोगों को सुरक्षित निकाला। सबसे अधिक प्रभावित गांवों में चिचिया चोरोइया, पखोवाल, दाऊवाल, खैरा, दलेरपुर, पदाना, चिन्ना बैत, नडाला, जगपुर कलां, कोहलियान और खारियान शामिल हैं।

वहीं धुस्सी बांध टूटने से जगतपुर टांडा और भैन पसवाल क्षेत्र प्रभावित हुए। DC हिमांशु अग्रवाल ने कहा कि बाढ़ ग्रस्त एरिया में 9 इंच तक पानी कम हुआ है।

अमृतसर में ब्यास 744 गेज तक पहुंचा

अमृतसर के गांव शेरोबागा के घर पानी की चपेट में आ गए। जिसके बाद शाम को NDRF की टीमों ने 26 लोगों और 30 पालतू जानवरों को सुरक्षित निकाला।

इसी दौरान गांव के गुरुघर में रखे श्री गुरु ग्रंथ साहिब को भी सम्मान सहित सुरक्षित जगह पर पहुंचाया गया है।

अमृतसर के ब्यास में नदी खतरे के निशान 744 गेज को छू गई है, वहीं ब्यास नदी में पानी का बहाव 1.40 लाख क्यूसेक आंका जा रहा है।

अमृतसर से आगे तरनतारन व फिरोजपुर में भी ब्यास का असर दिखने लगा है। तरनतारन में गांव धुंदा में धुस्सी बांध टूट गया है। जिससे 15 हजार एकड़ जमीन पानी में डूब गई है।

रोपड़ में बांध टूटे

भाखड़ा का पानी सतलुज में आने के बाद रूपनगर में कई जगह पर धुस्सी बांध टूट गए। गांव बुर्ज में भी बांध टूटने के बाद हालातों को काबू पाने का प्रयास जारी है।

मंत्री हरजोत बैंस ने जानकारी दी कि बांधों को मजबूत करने का काम जारी है। 1 लाख बोरी मिट्‌टी की भरी गई है।

गांव चंदपुर बेले में रेस्क्यू काम शुरू

रूपनगर के गांव चंदपुर बेले का रास्ता टूटने से गांव से संपर्क टूट गया था। लेकिन अब सहायता के लिए टीमें वहां पहुंच चुकी हैं। मंत्री बैंस ने बताया कि लोगों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है।

गांव रामगढ़ बेला और पट्‌टी शेक सिंह में भी रेस्क्यू का काम तेजी से चल रहा है। सीएम भगवंत मान खुद पूरे काम को मॉनिटर कर रहे हैं।

गांव सैंसोवाल व हरसाबेला में खतरा अभी भी बना हुआ है। इन दोनों गांवों तक आर्मी की टीमें भी भेजी जा रही हैं।

मंत्री बैंस ने बताया कि अगले 4 दिनों तक BBMB कंट्रोल्ड पानी छोड़ रहे हैं। यही कारण है कि सुबह पानी का स्तर अधिक होता है, लेकिन शाम होते-होते कम होने लगता है।

होशियारपुर में भी जारी रेस्क्यू ऑपरेशन

होशियारपुर DC कोमल मित्तल बार-बार लोगों को सुरक्षित स्थानों पर जाने के लिए कह रही हैं।

मुकेरियों के गांव मेहताबपुर के अलावा हलेर, मोतला, बेला सरियाणा, कोलियां में भी बाढ़ के हालातों पर नजर रखी जा रही है।

NDRF और SDRF की टीमें लगातार इलाके में हैं और बाढ़ग्रस्त इलाकों तक जरूरी सामान पहुंचाया जा रहा है।

भाखड़ा का पानी 2 फीट हुआ कम

भाखड़ा डैम का आज का जलस्तर 1676.45 फीट पर जा पहुंचा है, जो बीते दिनों से 2 फीट और खतरे के निशान से 4 फीट कम है।

भाखड़ा डैम में पानी की आमद 54887 क्यूसेक दर्ज की गई। जबकि भाखड़ा डैम से टरबाइनो व फ्लड गेट्स के माध्यम से 79195 क्यूसेक पानी ही छोड़ा गया।

वहीं गेट तकरीबन 2 फीट खोले गए हैं और पानी को कंट्रोल्ड छोड़ा जा रहा है, ताकि पंजाब में इसका अधिक नुकसान ना हो।

नंगल डैम से नंगल हाइडल नहर में 12350 क्यूसेक, आनंदपुर साहिब हाइडल नहर में 10150 क्यूसेक जबकि सतलुज दरिया में 56900 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है।

नंगल डैम से 79400 क्यूसेक पानी छोड़ा जा रहा है। पौंग डैम अभी भी खतरे के निशान के करीब है।

BBMB से मिली जानकारी के अनुसार यहां से 1.40 क्यूसेक के करीब पानी लगातार छोड़ा जा रहा है।

 

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