Prabhat Times
Chandigarh चंडीगढ़। (punjab dismissed ssp rajjit singh case supreme court of india) सुप्रीम कोर्ट ने ड्रग रैकेट मामले में बर्खास्त AIG राजजीत हुंदल को अंतरिम जमानत दे दी है। इसके साथ ही देश की सुप्रीम कोर्ट ने पंजाब सरकार को नोटिस भी जारी किया है।
इससे पहले पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने अगस्त महीने में बर्खास्त AIG की जमानत याचिका खारिज कर दी थी।
सुप्रीम कोर्ट ने राजजीत सिंह को अंतरिम जमानत देते हुए आदेश दिया है कि वे जांच अधिकारी के सामने रोजाना पेश होकर अपना पक्ष रखें और जांच में सहयोग दें।
बता दें कि मार्च में हाईकोर्ट द्वारा खोले गए ड्रग मामले की जांच रिपोर्ट के बाद सरकार ने पूर्व एसएसपी राजजीत हुंदल के खिलाफ केस दर्ज कर अप्रैल में नौकरी से बर्खास्त कर दिया था। बर्खास्तगी के बाद से वे फरार चल रहा है।
पहले भी मिली थी अंतरिम राहत
इससे पहले जुलाई में पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने ड्रग्स तस्करी मामले में राजजीत सिंह हुंदल को अंतरिम राहत दी थी।
इसके साथ ही भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया पर एक हफ्ते के लिए रोक लगा दी थी। अदालत ने हुंदल को पहले अग्रिम जमानत दाखिल करने को कहा। अदालत अन्य मामलों पर बाद में सुनवाई करेगी।
सीबीआई से जांच करवाने की मांग उठाई थी
हुंदल ने हाईकोर्ट में याचिका दायर करते हुए मामले की जांच सीबीआई से करवाने की मांग उठाई थी। हाईकोर्ट ने याचिका पर सवाल उठाते हुए कहा कि सीधे तौर पर अग्रिम जमानत की मांग वाली याचिका क्यों नहीं दायर की गई।
याचिका दायर करते हुए राजजीत हुंदल ने कहा था कि उनके खिलाफ की गई सभी कार्रवाई पूरी तरह से गलत है। नियमों की अवहेलना करते हुए बर्खास्तगी के आदेश भी जारी कर दिए गए।
राजजीत हुंदल भगोड़ा घोषित
हाईकोर्ट ने कहा था कि याचिकाकर्ता को भगोड़ा घोषित करने की प्रक्रिया और उसके खिलाफ लुक आउट नोटिस भी तय प्रक्रिया के विपरीत जारी किया गया।
गौरतलब है कि पूर्व DGP सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय की अध्यक्षता में SIT 2018 में कोर्ट को सौंपी गई। 4 रिपोर्ट में राजजीत की भूमिका का जिक्र किया गया था।
इस रिपोर्ट को खारिज कराने के उद्देश्य से राजजीत सिंह ने सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया था, लेकिन सुप्रीम कोर्ट पहले ही इस रिपोर्ट को खारिज करने से इनकार कर चुका है।
यह है मामला
दरअसल, साल 2017 में AIG रहे राजजीत के साथी इंस्पेक्टर इंद्रजीत को हथियार व ड्रग्स तस्करी मामले में गिरफ्तार किया गया था। उसके घर की तलाशी में AK-47, 4 किलो हेरोइन, 3 किलो स्मैक और अन्य देसी हथियार बरामद किए गए थे।
इंस्पेक्टर इंद्रजीत सिंह को नौकरी से बर्खास्त किया गया। इस मामले में राजजीत सिंह पर बर्खास्त इंस्पेक्टर इंद्रजीत का बचाव करने, गलत रिकॉर्ड पेश करने के आरोप है। साथ ही बरामद नशा सामग्री से छेड़छाड़ और इंद्रजीत को प्रमोशन देने के आरोप भी हैं।
राजजीत और इंद्रजीत 2012 से 2017 तक एक साथ तैनात
आरोपी राजजीत सिंह और इंस्पेक्टर कई जगहों पर एक साथ तैनात रहे। साल 2012 से 2017 तक जिन जगहों पर राजजीत सिंह की तैनाती हुई, उसने इंद्रजीत सिंह को भी अपने साथ रखा।
इसके लिए राजजीत सिंह सिफारिशी लेटर लिख कर इंद्रजीत की ट्रांसफर करवाता रहा है। दोनों गुरदासपुर, तरनतारन, मोगा और जालंधर एक साथ तैनात रहे हैं।
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