Prabhat Times
चंडीगढ़। (punjab assembly election results review of congress defeat) पंजाब विधानसभा चुनाव (Punjab Assembly Election) में बुरी तरह हारने के बाद जहां प्रदेश कांग्रेस (Punjab Congress) के आला नेताओं ने हार का ठीकरा एक दूसरे पर फोड़ने शुरू कर दिया है.
वहीं अब अपने-अपने विधानसभा क्षेत्रों से AAP के उम्मीदवारों से हार कर लौटे कांग्रेस उम्मीदवारों ने इसके लिए चरनजीत सिंह चन्नी (Charanjit Singh Channi) को सीएम का चेहरा घोषित किए जाने के लिए पूरी तरह से जिम्मेदार ठहराया है.
अप्रत्यक्ष रूप से निशाना कांग्रेस हाईकमान की ओर है. बस्सी पठाना से चुनाव हारने वाले उम्मीदवार ने मंगलवार को हुई कांग्रेस की आत्ममंथन बैठक से पहले सवाल करते हुए यह तक कह डाला कि क्या सीएम का काम भांगड़ा डालना या बकरी का दूध निकालना है?
पंजाब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की करारी हार के बाद पंजाब के प्रभारी हरीश चौधरी ने मंगलवार को हार पर आत्ममंथन करने के लिए उम्मीदवारों की बैठक बुलाई थी.
बैठक शुरू होने से पहले चौधरी ने संवाददाताओं से कहा कि हार के कारणों का पता लगाने के लिए वह व्यक्तिगत रूप से पार्टी उम्मीदवारों से मिलेंगे.

सिद्धू होते सीएम फेस तो मिलती 50 सीट

बस्सी पठाना विधानसभा सीट से हारने वाले गुरप्रीत सिंह ने चुनावों में पार्टी की करारी हार के लिए चन्नी को जिम्मेदार ठहराया.
उन्होंने कहा कि अगर कांग्रेस ने सिद्धू को पार्टी का मुख्यमंत्री पद का चेहरा घोषित किया होता तो वह कम से कम 50 सीटें जीत जाती.
गुरप्रीत सिंह ने कहा कि पार्टी की हार का एकमात्र कारण सीएम चन्नी हैं. लोगों ने चन्नी को सीएम के तौर पर बिल्कुल पसंद नहीं किया.
जब यह बताया गया कि सिद्धू खुद अमृतसर पूर्व सीट से हार गए, तो गुरप्रीत सिंह ने फिर से चन्नी को दोषी ठहराया.

सीएम चन्नी ने मुद्दों पर नहीं किया फोकस

उन्होंने एक कार्यक्रम में चन्नी के भांगड़ा प्रदर्शन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि क्या यह मुख्यमंत्री का काम है कि वह नाचें या बकरी को दूध निकालें.
गुरप्रीत सिंह ने कहा कि इसके बजाय चन्नी को स्वास्थ्य और शिक्षा क्षेत्रों में सुधार और रोजगार सृजन पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए था.
गुरप्रीत जीपी ने कहा कि हम चरणजीत चन्नी की वजह से हारे। नवजोत सिद्धू ने बढ़िया लड़ाई लड़ी। सीएम चन्नी के कामों पर अमल नहीं हुआ।
36 हजार कर्मचारियों को पक्का करने, रेत सस्ता करने, प्लाट देने और लाल लकीर वालों को जमीन का मालकी हक देने के काम पूरे नहीं हुए।
ईडी के छापे में चन्नी के रिश्तेदार के घर से 10 करोड़ पकड़े गए। इससे क्या संदेश जाता है।
लुधियाना पश्चिम से हारने वाले कांग्रेस उम्मीदवार भारत भूषण आशु ने कहा कि जिन कारणों से हम चुनाव हार गए वे जल्द ही खुले में होंगे.
उन्होंने कहा कि मुझे नहीं लगता कि पार्टी कमजोर थी या हम नेतृत्व के कारण हार गए.
गौरतलब है कि सोमवार को पूर्व राज्य कांग्रेस प्रमुख सुनील जाखड़ ने चन्नी पर निशाना साधा था और उन्हें पार्टी पर एक बोझ बताया था.
उनका नाम लिए बिना, जाखड़ ने चन्नी को एक संपत्ति के रूप में पेश करने की कोशिश के लिए पार्टी की वरिष्ठ नेता अंबिका सोनी पर भी निशाना साधा था

किस नेता ने क्या कहा

काका रणदीप ने कहा कि पार्टी की सीनियर लीडरशिप के एक-दूसरे के खिलाफ रुख की वजह से यह हार हुई। इसमें चरणजीत चन्नी, नवजोत सिद्धू, सुनील जाखड़ और अंबिका सोनी शामिल हैं। इनकी अलग आवाजों से लोगों को ठेस पहुंचे।
उन्होंने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह को चुनाव से 3 माह पहले हटाना कांग्रेस को भारी पड़ा। इसलिए लोग एक हो गए और रिवायती पार्टियों को छोड़कर तीसरी पार्टी को मौका दे दिया।
दर्शन सिंह बराड़ ने कहा कि जिसके मुखी अलग-अलग बयान देते हों, उसका क्या बनेगा? जाखड़ ने बयान दे दिया कि हिंदू होने की वजह से मुझे सीएम नहीं बनाया।
इससे सारे हिंदू कांग्रेस के उलट हो गए। हम कोई शहरी सीट नहीं जीते। कांग्रेसी ही कांग्रेस को हराने में लगे हुए थे। चन्नी और सिद्धू ने भी यही कुछ किया।

सिद्धू और चन्नी के खिलाफ उठ रही आवाजें

कांग्रेस की हार के बाद पंजाब में नवजोत सिद्धू और चरणजीत चन्नी के खिलाफ जमकर आवाजें उठ रही हैं।
बलबीर सिद्धू ने हार के लिए चन्नी को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा कि चन्नी के ‘भइया’ कमेंट के बाद 30 हजार प्रवासी वोटरों ने उन्हें वोट नहीं दी।
पूर्व पंजाब कांग्रेस चीफ सुनील जाखड़ भी चन्नी पर हमले कर रहे हैं। जाखड़ चन्नी को कांग्रेस के लिए बोझ तक बता चुके हैं। वहीं सुखजिंदर रंधावा हार के लिए सिद्धू की बयानबाजी पर ठीकरा फोड़ रहे हैं।
परगट सिंह कहा, मैंने अपने जीवन मे बहुत जीत नकएर हार देखी है। ओलंपिक से लेकर राजनीति तक हार और जीत का क्रम रहा है। परगट ने कहा 1952 से जालंधर छावनी से कोई दूसरी बार चुनाव नहीं जीता।
पहले कहते थे कोई भी एजुकेशन मंत्री नहीं जीता है, लेकिन मैं जीत गया। परगट ने कहा कि कई गलतियां हुई हैं। चरणजीत सिंह चन्नी अगर अपने भाई को नहीं बैठा सके तो उन्हें कहना चाहिए था। परगट ने कहा कि एक टीम के रूप में गलती हुई है।

सिद्धू ने चन्नी के सिर थोपी जिम्मेदारी

नवजोत सिद्धू ने चरणजीत चन्नी पर हार की जिम्मेदारी थोपी है। उनका कहना है कि जब चुनाव चन्नी की अगुवाई में लड़ा गया तो जिम्मेदारी भी उनकी ही है।
यह बात वह पहले ही साफ कर चुके थे। सूत्रों की मानें तो जब चन्नी को सीएम चेहरा बनाया गया तो सिद्धू ने चुनाव में हार-जीत के परिणाम से पल्ला झाड़ लिया था।

 


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