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Jalandhar जालंधर। (NHS hospital started the first vertigo testing lab in Jalandhar) एन.एच.एस अस्पताल, जो एडवांस हेल्थकेयर के लिए जाना जाता है, ने आज़ादी के दिन जालंधर का पहला चक्करों (सिर घूमना) की जांच करने वाली लैब शुरू किया।

यह लेब बैलेंस और चक्कर आने से जुड़ी समस्याओं की जांच और इलाज के लिए बनाई गई है।

यह कदम अस्पताल के इनोवेशन, मरीज के अनुकूल केयर और क्वालिटी ऑफ लाइफ बेहतर बनाने के मिशन को आगे बढ़ाता है।

अस्पताल के ऑडिटोरियम में हुए इस कार्यक्रम में सीनियर लीडरशिप, डॉक्टर और स्टाफ मौजूद रहे।

इस मौके पर डायरेक्टर और सीनियर न्यूरोलॉजिस्ट डॉ. संदीप गोयल, डायरेक्टर और सीनियर ओर्थपेडीक सर्जन डॉक्टर शुभांग अग्रवाल और डायरेक्टर व सीनियर न्यूरो सर्जन डॉ. नवीन चितकारा ने लेब का उद्घाटन किया।

कार्यक्रम की शुरुआत झंडा फहराने से हुई, जो देश की आज़ादी के साथ-साथ “Freedom from Vertigo” थीम को दर्शाता था जिसने माहौल को भावुक और सम्मानपूर्ण बना दिया।

डॉ. संदीप गोयल ने चक्करों और बैलेंस डिसऑर्डर्स पर जागरूकता सेशन लिया, जिसमें उन्होंने इसके लक्षण, कारण और समय पर इलाज की ज़रूरत पर ज़ोर दिया।

उन्होंने बताया कि वर्टिगो कोई बीमारी नहीं, बल्कि एक लक्षण है, जो कान, दिमाग या नसों की परेशानी से हो सकता है।

नई लेब में एडवांस टेस्टिंग, अनुकूलित इलाज और बेहतर स्थिति में लौटाना की सुविधाएं मिलेंगी।

रिबन कटिंग और लेब की शुरुआत

लेक्चर के बाद रिबन काटकर लेब को नियमित रूप से शुरू किया गया। यह पल सभी के लिए गर्व और खुशी का था, क्योंकि अब जालंधर के मरीजों को ऐसे टेस्ट और इलाज के लिए बड़े शहरों में नहीं जाना पड़ेगा।

चक्करों की जांच करने वाली लैब के बारे में

यह लेब बैलेंस और चक्कर आने से जुड़ी बीमारियों के इलाज के लिए बनाई गई है।

यहां आधुनिक मशीनों से कान के अंदर का फंक्शन, आंखों की मूवमेंट और बैलेंस कंट्रोल की जांच की जाएगी।

न्यूरोलॉजी, ईएनटी, फिजियोथेरेपी और रिहैबिलिटेशन का कॉम्बिनेशन मरीजों को बेहतर और जल्दी रिकवरी में मदद करेगा।

डॉ. संदीप गोयल ने कहा कि “चक्कर मरीज की रोज़मर्रा की जिंदगी को बहुत प्रभावित कर सकता है।

इस लेब के ज़रिए हम सही समय पर सही जांच और असरदार इलाज देंगे, जिससे मरीज फिर से बैलेंस और आत्मविश्वास पा सके।

आज़ादी के दिन इस लेब की शुरुआत करना हमारे लिए संकेतात्मक है – हम चाहते हैं कि लोग चक्कर और डर से आज़ादी पाएं।”

डॉ. नवीन चितकारा ने कहा कि “यह जालंधर की पहली समर्पित चक्रों की जांच करने वाली लैब है। इससे अब मरीजों को बड़े शहरों में जाने की ज़रूरत नहीं होगी। नयी टेक्नोलॉजी और हमारी टीम का अनुभव मिलकर बेहतरीन चिकित्सा सेवा देगा।”

आजादी का खास जशन

रिबन कटिंग के बाद सभी मेहमान और स्टाफ ने साथ में लंच किया। 15 अगस्त को लॉन्च का मकसद था राष्ट्रीय आज़ादी को हेल्थ से जुड़ी आज़ादी से जोड़ना। #FreedomFromVertigos सोशल मीडिया पर भी ट्रेंड किया।

मरीजों के लिए अहम कदम

अब तक कई मरीजों को ऐसे टेस्ट के लिए बड़े शहरों में जाना पड़ता था, जिससे समय और पैसे दोनों लगते थे। एन.एच.एस अस्पताल ने यह कमी पूरी कर दी है।

एन.एच.एस अस्पताल के बारे में

एन.एच.एस अस्पताल एक मल्टी-सुपरस्पेशलिटी अस्पताल है, जिसमें 200+ बेड, आधुनिक मेडिकल टेक्नोलॉजी और माहिर डॉक्टर हैं।

यहां न्यूरोलॉजी, ऑर्थोपेडिक्स, कार्डियोलॉजी, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी, नेफ्रोलॉजी सहित कई स्पेशलिटी में ट्रीटमेंट दिया जाता है।

आगे की दिशा

चक्रों की जांच करने वाली लैब से पहले साल में सैकड़ों मरीजों को फायदा होगा, जिसमें जांच-प्रक्रिया के साथ-साथ मरीज की एजुकेशन और रिहैबिलिटेशन पर भी फोकस होगा।

डॉ. संदीप गोयल ने अंत में कहा कि “हेल्थकेयर का मतलब सिर्फ बीमारी का इलाज नहीं, बल्कि लोगों की जिंदगी में आत्मनिर्भरता और विशेषता वापस लाना है। चक्रों की जांच करने वाली लैब यही काम करेगी।”

यह लॉन्च एन.एच.एस अस्पताल के इनोवेशन और कम्युनिटी हेल्थ के प्रति समर्पण का एक और उदाहरण है।

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