Prabhat Times
Jalandhar जालंधर। हंस राज महिला महाविद्यालय, जालंधर ने अपने आंतरिक गुणवत्ता आश्वासन सैल (आईक्यूएसी) के माध्यम से ‘ग्रीन कैंपस इनिशिएटिव्स : पाथवे टू सस्टेनेबल डेवलपमेंट गोल्स’ विषय पर एक प्रभावी एक-दिवसीय फैकल्टी एनरिचमेंट प्रोग्राम आयोजित किया।
इस कार्यक्रम का उद्देश्य शिक्षकों को व्यावहारिक रणनीतियों से सशक्त बनाना था, ताकि वे परिसर में सतत विकास की पहल को बढ़ावा दे सकें और विकसित भारत के राष्ट्रीय विजऩ में योगदान दे सकें।
कार्यक्रम के विशेषज्ञ वक्ता डॉ. अश्विनी लूथरा, प्रोफेसर, गुरु राम दास स्कूल ऑफ टाउन प्लानिंग, एनडीयू, अमृतसर, जो शहरी सततता और क्लाइमेट-रेजि़लिएंट प्लानिंग के जाने-माने विशेषज्ञ हैं, ने अत्यंत ज्ञानवर्धक सत्र प्रस्तुत किया।
उन्होंने ग्रीन इंफ्रास्ट्रक्चर, भूमि के बुद्धिमत्तापूर्ण उपयोग, जैव विविधता संरक्षण, ऊर्जा दक्षता, जल प्रबंधन और जिम्मेदार कचरा प्रबंधन जैसे महत्वपूर्ण विषयों पर प्रकाश डाला।
उन्होंने संस्थानों को सततता की जीवंत प्रयोगशालाओं के रूप में विकसित करने की आवश्यकता पर जोर दिया और परिसर की पहल को एसडीजी-6, 7, 11, 12, 13 और 15 जैसे प्रमुख सतत विकास लक्ष्यों से जोड़ा।
कार्यक्रम की शुरुआत दीप प्रज्वलन से हुई। प्राचार्य प्रो. डॉ. एकता खोसला ने डॉ. लूथरा को ग्रीन प्लांटर भेंट कर उनका स्वागत किया जो एचएमवी की पर्यावरणीय प्रतिबद्धता का प्रतीक है।
अपने संबोधन में उन्होंने कहा कि ग्रीन कैंपस पहलें शिक्षा को राष्ट्रीय और वैश्विक प्राथमिकताओं से जोडऩे के लिए अत्यंत आवश्यक हैं।
उन्होंने कहा, ‘जब कैंपस सतत प्रथाओं को अपनाते हैं, तो वे सीधे कई एसडीजी को आगे बढ़ाते हैं। ऊर्जा संरक्षण, हरित आवरण बढ़ाना, कचरे में कमी और जल संसाधनों का सदुपयोग—ये सभी विकसित भारत के निर्माण की दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।’
सत्र के दौरान फैकल्टी सदस्यों ने सक्रिय रूप से भाग लिया और डॉ. लूथरा की व्यावहारिक, लागू की जा सकने वाली सिफारिशों की सराहना की, जिनसे एचएमवी को एक मॉडल ग्रीन संस्थान के रूप में विकसित किया जा सकता है।
कार्यक्रम का आयोजन डीन अकादमिक्स डॉ. सीमा मरवाहा के मार्गदर्शन में किया गया, जिसमें आईक्यूएसी कोऑर्डिनेटर डॉ. अंजना भाटिया ने कोआर्डिनेटर के रूप में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।
प्राचार्य डॉ. एकता खोसला ने आईक्यूएसी और फैकल्टी सदस्यों के प्रयासों की प्रशंसा की और शिक्षकों को न केवल कैंपस में बल्कि अपने दैनिक जीवन में भी सतत आदतें अपनाने के लिए प्रेरित किया।
कार्यक्रम का समापन डॉ. अंजना भाटिया द्वारा प्रस्तुत धन्यवाद प्रस्ताव के साथ हुआ।
यह कार्यक्रम एचएमवी की पर्यावरणीय उत्तरदायित्व, शैक्षणिक उत्कृष्टता और सतत राष्ट्रीय विकास के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता को और सशक्त करता है।
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