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Dhuri (Sangrur) धूरी (संगरूर)। पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत सिंह मान ने आज मुख्यमंत्री तीर्थ यात्रा योजना के तहत पवित्र शहर अमृतसर में धार्मिक स्थानों के दर्शन करने के लिए श्रद्धालुओं को ले जाने वाली बसों के पहले बैच को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

श्रद्धालुओं से बातचीत करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि यह यात्रा नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के 350वें शहीदी दिवस को समर्पित है।

उन्होंने कहा कि यह योजना 29 अक्टूबर, 2025 को गांव बरड़वाल से शुरू की गई थी और इन श्रद्धालुओं का चयन पारदर्शी ढंग से ड्रॉ के माध्यम से किया गया है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब सरकार द्वारा पवित्र स्थानों की यात्रा की सुविधा देकर पंजाबियों में सामाजिक और धार्मिक सद्भावना को मजबूत करने के लिए यह एक विनम्र पहल है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि यह पहल उन बुजुर्ग नागरिकों की दिल की इच्छा को पूरा कर रही है, जो लंबे समय से पवित्र धार्मिक स्थानों के दर्शन-दीदार की तमन्ना रखे बैठे थे।

उन्होंने कहा कि इस योजना के तहत श्रद्धालुओं को श्री हरिमंदिर साहिब, दुर्गियाना मंदिर, भगवान वाल्मीकि तीर्थ स्थल, जलियांवाला बाग, पार्टिशन म्यूजियम और अमृतसर के अन्य धार्मिक तथा ऐतिहासिक स्थानों के दर्शन करवाए जाएंगे।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि यह योजना सभी जातियों, धर्मों, आय वर्गों और हर क्षेत्र से संबंधित लोगों के लिए है।

अधिक जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए तीन दिन और दो रातों की मुफ्त ठहरने के लिए विस्तृत प्रबंध किए हैं।

उन्होंने कहा कि 50 वर्ष या इससे अधिक आयु के श्रद्धालुओं को यात्रा के लिए पंजीकृत किया गया है और पंजीकरण के लिए वोटर आईडी कार्ड अनिवार्य किया गया है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि श्रद्धालुओं को एसी बसें, एसी होटल आवास और भोजन मुफ्त प्रदान किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रत्येक बस में यात्रियों की सहायता के लिए एक सहायक होगा और किसी भी आपात स्थिति में तुरंत सहायता प्रदान करने के लिए एक मेडिकल टीम भी श्रद्धालुओं के साथ होगी।

उन्होंने कहा कि यात्रा की समाप्ति के बाद, सभी श्रद्धालुओं को प्रसाद वितरित किया जाएगा।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि पंजाब महान गुरुओं, देवी-देवताओं, संतों-पीरों और शहीदों की पवित्र धरती है जिन्होंने हमें आपसी भाईचारे, साझेदारी और एकता का संदेश दिया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि वे खुद को भाग्यशाली समझते हैं कि परमात्मा ने उन्हें इस नेक कार्य के माध्यम से लोगों की सेवा करने का अवसर दिया है।

उन्होंने कहा कि यह योजना महान गुरु साहिबान, जिन्होंने लोगों को आपसी भाईचारा, एकता और शांति का संदेश दिया, की शिक्षाओं और दर्शन के अनुसार तैयार की गई है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि प्रदेश में समाज का एक बड़ा वर्ग किसी न किसी कारण से देश भर में इन पवित्र स्थानों के दर्शन नहीं कर सका।

मुख्यमंत्री ने कहा कि अब राज्य सरकार ने यह योजना देश और प्रदेश भर के विभिन्न पवित्र स्थानों के दर्शन के लिए श्रद्धालुओं के लिए शुरू की है।

उन्होंने सभी श्रद्धालुओं से नौवें पातशाह श्री गुरु तेग बहादुर जी के शहीदी दिवस की याद में विभिन्न जिलों और श्री आनंदपुर साहिब में आयोजित होने वाले विभिन्न धार्मिक समागमों और मुख्य कार्यक्रमों में सक्रिय रूप से भाग लेने की अपील की।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि राज्य सरकार ने पहले ही इस ऐतिहासिक अवसर को मनाने के लिए क्रमवार समागमों का कार्यक्रम तैयार किया है।

एक सवाल के जवाब में मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश कांग्रेस प्रमुख अपना मानसिक संतुलन खो चुके हैं जिसके कारण वे गैर-जिम्मेदार और तर्कहीन बयान दे रहे हैं।

उन्होंने कहा कि ऐसे निरर्थक बयान किसी साधारण या समझदार व्यक्ति द्वारा नहीं दिए जाते।

उन्होंने कहा कि तरन तारन चुनावों में अपनी पार्टी की स्पष्ट हार को महसूस करते हुए प्रदेश कांग्रेस प्रमुख बौखलाए हुए हैं, जिसके कारण वे ऐसी घटिया हरकतें कर रहे हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि कूड़े के ढेरों और भाजपा नेताओं के घरों से क्रमशः वीवीपैट और ईवीएम की पर्चियां मिलना भारत के चुनाव आयोग के कार्यप्रणाली के साथ-साथ स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों पर गंभीर सवालिया निशान खड़ा करता है।

मुख्यमंत्री ने इस बात पर चिंता व्यक्त की कि भारतीय चुनाव आयोग की घटती विश्वसनीयता लोकतंत्र के लिए घातक साबित हो सकती है।

उन्होंने कहा कि यदि कोई राजनीतिक पार्टी ईवीएम और वोट चोरी पर सवाल उठा रही है तो चुनाव आयोग को अपनी स्थिति स्पष्ट करनी चाहिए।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि हालांकि चुनाव आयोग इस पर चुप है जबकि भाजपा इसके प्रवक्ता की तरह काम कर रही है, जो कि सरासर गलत है।

मुख्यमंत्री ने दोहराया कि केंद्र में भाजपा के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार पंजाब यूनिवर्सिटी में पिछले दरवाजे से दाखिल होने की जद्दोजहद कर रही है, जिसे किसी भी कीमत पर ऐसा करने की इजाजत नहीं दी जाएगी।

उन्होंने कहा कि शुरू से ही पंजाब यूनिवर्सिटी, चंडीगढ़ हमारे प्रदेश की भावनात्मक, सांस्कृतिक, साहित्यिक और समृद्ध विरासत का हिस्सा है।

भगवंत सिंह मान ने अफसोस जताते हुए कहा कि यूनिवर्सिटी के अस्तित्व को बदलने के लिए लगातार कोशिशें की जा रही हैं,

लेकिन पंजाब सरकार छात्रों के व्यापक हितों को ध्यान में रखते हुए किसी भी ऐसे मंसूबे को कामयाब नहीं होने देगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भाजपा पंजाब विरोधी मानसिकता से पीड़ित है जिसके कारण वह प्रदेश को बर्बाद करने पर तुली हुई है।

उन्होंने कहा कि भाजपा प्रदेश की झांकियों को स्वतंत्रता दिवस और गणतंत्र दिवस समागमों में भाग लेने की इजाजत नहीं देती।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि इसी तरह बीबीएमबी, पंजाब यूनिवर्सिटी और अन्य मामलों में अनावश्यक हस्तक्षेप भगवा पार्टी के प्रदेश के प्रति विरोधी रवैये को दर्शाता है।

मुख्यमंत्री ने आगे कहा कि कांग्रेस के नेता, जो भारत सरकार में पदों के लिए भाजपा में शामिल हुए थे, वे सिर्फ ‘सजावटी मंत्री’ हैं क्योंकि उनके पास किसी भी प्रोजेक्ट को मंजूरी देने की शक्ति नहीं है।

उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया, रवनीत बिट्टू और ऐसे कई अन्य नेताओं के पास राज्यों को कोई प्रोजेक्ट देने की शक्ति ही नहीं है और वे सिर्फ नाम के केंद्रीय मंत्री हैं।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली एनडीए सरकार द्वारा मुख्य क्षेत्रों के निजीकरण को बड़ा प्रोत्साहन देने के साथ इन मंत्रियों के पास करने को कुछ नहीं है।

मुख्यमंत्री ने इस गंभीर संकट की घड़ी में प्रदेश के साथ सौतेली मां जैसा व्यवहार करने के लिए केंद्र सरकार की आलोचना की।

उन्होंने कहा कि प्रदेश को बाढ़ राहत के लिए प्रधानमंत्री द्वारा घोषित 1600 करोड़ रुपए अभी तक नहीं मिले हैं।

उन्होंने कहा कि स्थिति को और बिगाड़ने के लिए केंद्र सरकार इन फंडों में से भी चल रही अन्य योजनाओं के खर्चों को समायोजित करने की कोशिश कर रही है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि केंद्र सरकार को प्रदेश, जो देश का अन्नदाता और खड्ग भुजा है, के साथ यह दुर्व्यवहार बंद करना चाहिए।

इस दौरान मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में आए बाढ़ों के दौरान प्रदेश के अन्न उत्पादकों को भारी नुकसान झेलना पड़ा है, इसलिए राज्य सरकार उन्हें 74 करोड़ रुपए का दो लाख क्विंटल बीज मुफ्त प्रदान कर रही है।

भगवंत सिंह मान ने कहा कि बाढ़ प्रभावित जिलों के किसानों को मुफ्त बीज वितरण की प्रक्रिया शुरू हो गई है, जो जल्द ही पूरी हो जाएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि राज्य सरकार ने किसानों को फसलों के नुकसान के लिए 20,000 रुपए प्रति एकड़ के हिसाब से मुआवजा वितरित किया है, जो कि अब तक देश में किसी भी राज्य सरकार द्वारा दिया गया सबसे अधिक मुआवजा है।

इस अवसर पर कैबिनेट मंत्री हरदीप सिंह मुंडियां और अन्य उपस्थित थे।

 

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