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नई दिल्ली: सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने केंद्रीय मोटर वाहन (सातवां संशोधन) नियम, 2020 अधिसूचित किया है। इसके तहत मोटरसाइकिलों में सुरक्षा उपकरणों को अनिवार्य किया गया है। यह नियम अप्रैल 2021 से लागू होगा।
नए नियमों के अनुसार, वाहन निर्माता कंपनी को यह सुनिश्चित करना होगा कि मोटरसाइकिल के साइड में या ड्राइवर की सीट के पीछे पिलियन हैंड्स का प्रावधान है और यह आईएस:14495-1998 में निर्दिष्ट आवश्यकता का पालन करेगा।
इसके अलावा पिलियन राइडर (मोटरसाइकिल में पीछे सवार) के लिए मोटरसाइकिल के दोनों तरफ फुटरेस्ट, और मोटरसाइकिल के पीछे के बाएं पहिये के कम से कम आधे हिस्से को कवर करने वाले सुरक्षात्मक उपकरण होने चाहिए।
जिससे की पीछे बैठे सवारी के कपड़ों को पीछे के पहिये में उलझने से रोका जा सके। मोटर वाहनों के विंडस्क्रीन और विंडो ग्लास का चेहरा सामने की तरफ होना चाहिए।
हर मोटर वाहन के विंडस्क्रीन और रियर विंडो के सेफ्टी ग्लास या सेफ्टी ग्लेजिंग को इस तरह बनाया जाएगा कि वह लाइट के विजुअल ट्रांसमिशन को 70 फीसदी से कम न दे। सुरक्षा ग्लास या सेफ्टी ग्लेजिंग में कम से कम 50 फीसदी लाइट का विजुअल ट्रांसमिशन देना चाहिए।
टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम
अधिकतम 3.5 टन मास तक के वाहनों के लिए टायर प्रेशर मॉनिटरिंग सिस्टम के लिए विनिर्देश, जो अगर वाहन में लगा हुआ है, तो वाहन के चलते रहने की स्थिति में टायर या इसके वेरिएंशन के इंफ्लेशन प्रेशर की निगरानी करता है। यह सिस्टम ड्राइवर को जानकारी देता रहता है। क्योंकि कई बार टायरों में हवा कम होने के चलते भी सड़क दुर्घटना की संभावना होती है।
टायर रिपेयर किट की सिफारिश
किसी भी सड़क दुर्घटना के दौरान ट्यूबलेस टायर के पंक्चर होने पर रिपेयर किट के उपयोग से सीलेंट को टायर ट्रेड में पंक्चर हुए स्थान पर एयर सील के साथ डाला जाता है। ऐसे में यदि टायर रिपेयर किट और टीपीएमएस उपलब्ध कराया गया है तो ऐसे वाहनों में अब अतिरिक्त टायरों की जरूरत खत्म हो गई है।
अतिरिक्त टायर न होने का एक फायदा यह भी होगा कि अंतरराष्ट्रीय मानकों के अनुरूप, इससे अधिक जगह उपलब्ध होगी। इससे इलेक्ट्रिक व्हीकल के लिए बैट्री और अन्य तकनीकी उपकरणों के लिए जगह मिल सकेगी।
खबर के मुताबिक अतिरिक्त टायर न होने की छूट सिर्फ M1 कैटेगरी के वाहनों को दी गई है। M1 कैटेगरी में वो सभी वाहन और पैसेंजर वाहन आते हैं ड्राइवर की सीट को मिलाकर 8 सीट से अधिक न हों।
1 अक्टूबर से करना होगा नियमों का पालन
केंद्रीय मोटर वाहन नियम के अनुसार दोपहिया एक्सटर्नल प्रोजेक्शन आवश्यकताओं के लिए कोई मानक उपलब्ध नहीं था जिसे अब पैदल चलने वालों तथा गतिमान वाहनों के संपर्क में आने वाले सवारों के मामले में पंगु होने की घटनाओं में कमी लाने के लिए अनुशंसित किया गया है।
साथ ही मानक निर्धारण, जिसमें टेस्टिंग डिवाइस के साथ संपर्क के सभी बिंदु होंगे, में न्यूनतम अनुशंसित रेडियस होंगे या साफ्ट मैटेरियल से निर्मित्त होंगे। वाहनों में लगे टीपीएमएस को एक अक्टूबर से नियमों का पालन करना होगा।