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New Delhi नई दिल्ली। (share market crash on 13 january 2025 sensex) भारतीय शेयर मार्केट के लिए आज (13 जनवरी 2025) का दिन बेहद खराब साबित हुआ।

86000 से 76000 पहुंचने वाले Sensex ने निवेशकों की लुटिया डुबो दी है।

एक दिन में आज हुई बड़ी गिरावट के चलते 12 लाख करोड़ रुपये का नुकसान हो गया है।

शेयर बाजार के दोनों प्रमुख सूचकांक BSE Sensex और NSE Nifty आज लाल रंग के निशान पर बंद हुए और अधिकतर बड़े स्टॉक नुकसान में रहे।

सेंसेक्स कारोबार बंद होने के समय 1000 से ज्यादा अंक गिर चुका था।

शेयर बाजार के निवेशकों का पैसा गोता लगा रहा है तो डॉलर के मुकाबले रुपये का दम निकला जा रहा है.

शेयर बाजार में बीएसई सेंसेक्स 800 अंकों की गिरावट के साथ 77000 अंकों से नीचे 76535 के लेवल पर जा लुढ़का है.

नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी करीब 260 अंक गिरकर 23,172 अंकों पर जा गिरा है.

शेयर बाजार में आए इस गिरावट के चलते निवेशकों के 4.22 लाख करोड़ रुपये हवा हवाई हो गए.

शेयर बाजार नर्वस का शिकार

शेयर बाजार में आज आए गिरावट में एक बार फिर सबसे बड़ी मार मिडकैप और स्मॉलकैप कंपनियों के शेयरों पर पड़ी है.

निफ्टी का मिडकैप इंडेक्स 900 अंकों की गिरावट के साथ कारोबार कर रहा है.

निफ्टी का स्मॉलकैप इंडेक्स में भी 250 अंकों की गिरावट है.

वहीं बाजार में आज आए आंधी में सभी सेक्टर के शेयरों में गिरावट देखी जा रही है.

बैंकिंग से लेकर ऑटो, आईटी, मेटल्स, एफएमसीजी, फॉर्मा, हेल्थकेयर और एनर्जी सेक्टर के शेयर्स में गिरावट है.

बाजार में अस्थिरता को मापने वाले इंडिया Vix 6.77 फीसदी के उछाल के साथ कारोबार कर रहा है.

रुपये में रिकॉर्ड गिरावट 

सोमवार के सत्र में करेंसी मार्केट में एक डॉलर के मुकाबले रुपया फिर से ऑलटाइम लो पर जा गिरा है.

पिछले क्लोजिंग 85.97 रुपये के मुकाबले आज के सत्र में एक डॉलर के मुकाबले रुपया 43 पैसे की कमजोरी के साथ 86.40 के लेवल पर जा लुढ़का है.

ये पहला मौका है जब  एक डॉलर के मुकाबले रुपया इस लेवल तक गिरा है.

कच्चे तेल में उछाल ने बढ़ाई मुसीबत

रूस की तेल कंपनियों पर ताजा अमेरिकी प्रतिबंध ने भारत की मुश्किलें बढ़ा दी है.

भारत के लिए रूस से कच्चा तेल आयात करना कठिन हो सकता है.

ऐसे में उसे दूसरे देशों से ऊंची कीमत पर कच्चा तेल इंपोर्ट करना होगा.

अमेरिका के फैसले के चलते कच्चे तेल के दाम 4 महीने के हाई पर 81.44 डॉलर प्रति बैरल पर जा पहुंचा है.

कब रहेगी ये मायूसी!

अमेरिका के नए राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के 20 जनवरी 2025 तो शपथ लेने तक बाजार में अस्थिरता का माहौल जारी रहेगा तो डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी का सिलसिला जारी रहने की आशंका है.

निवेशकों के ट्रंप की पॉलिसी घोषणाओं का इंतजार है तब तक उठापटक का सिलसिला जारी रह सकता है.

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