Prabhat Times
मान सरकार की क्रांतिकारी पहल से लाखों महिलाओं को मिली आर्थिक आज़ादी
Chandigarh चंडीगढ़। मुख्यमंत्री भगवंत मान के दूरदर्शी नेतृत्व में पंजाब सरकार ने राज्य की सभी महिलाओं के लिए निःशुल्क बस सेवा की शुरुआत करके महिला सशक्तिकरण और सामाजिक समावेशन की दिशा में एक ऐतिहासिक कदम उठाया है।
यह व्यापक जनकल्याणकारी योजना केवल किसी एक वर्ग तक सीमित नहीं है, बल्कि पंजाब की प्रत्येक महिला – चाहे वह छात्रा हो, कामकाजी महिला हो, गृहिणी हो या वरिष्ठ नागरिक – सभी को पंजाब रोडवेज और पेप्सू रोडवेज की बसों में बिना किसी शुल्क के यात्रा करने का अधिकार देती है।
इस महत्वाकांक्षी पहल से रोजाना लाखों महिलाएं लाभान्वित हो रही हैं और सार्वजनिक परिवहन में महिला यात्रियों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि दर्ज की गई है।
परिवहन विभाग के अनुसार, इस योजना ने महिलाओं को आर्थिक स्वतंत्रता और गतिशीलता प्रदान करने में क्रांतिकारी भूमिका निभाई है।
इस व्यापक योजना के तहत एक विशेष घटक के रूप में सरकारी स्कूलों की छात्राओं के लिए समर्पित बस सेवा भी शुरू की गई है। प्रदेश के लगभग 200 सरकारी स्कूलों में अब छात्राओं को विशेष निःशुल्क बस सेवा मिल रही है, जो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करती है और परिवारों पर आर्थिक बोझ कम करती है।
शिक्षा मंत्री हरजोत सिंह बैंस ने बताया कि स्कूल परिवहन सुविधा से कुल 10,448 विद्यार्थी लाभान्वित हो रहे हैं, जिनमें 7,698 बालिकाएं और 2,740 बालक शामिल हैं। विशेष रूप से 118 स्कूल ऑफ एमिनेंस सहित विभिन्न सरकारी विद्यालयों में यह सेवा संचालित है।
हालांकि, कुछ लोगों ने इस पहल को केवल स्कूली छात्राओं तक सीमित समझने की भूल की है, जबकि वास्तविकता यह है कि यह पंजाब सरकार की उस बड़ी दृष्टि का एक हिस्सा है जिसमें हर महिला को मुफ्त बस सेवा का अधिकार है।
पंजाब सरकार की मुफ्त बस योजना का दायरा बेहद व्यापक है और यह राज्य भर में संचालित सभी सरकारी बसों में लागू है।
इस पहल का मुख्य उद्देश्य महिलाओं को आवागमन में आने वाली आर्थिक बाधाओं से मुक्त करना और उन्हें शिक्षा, रोजगार, स्वास्थ्य सेवाओं और सामाजिक गतिविधियों तक बेहतर पहुंच प्रदान करना है।
चाहे कोई महिला नौकरी के लिए यात्रा कर रही हो, अस्पताल जा रही हो, रिश्तेदारों से मिलने जा रही हो या बाजार जाना हो – हर स्थिति में उसे मुफ्त परिवहन की सुविधा मिलती है।
यह योजना विशेष रूप से निम्न और मध्यम वर्ग की महिलाओं के लिए वरदान साबित हो रही है, जिनके लिए प्रतिदिन का परिवहन खर्च एक बड़ा बोझ होता था। अब वे इस बचत को अपने परिवार की अन्य जरूरतों में लगा सकती हैं।
स्कूली छात्राओं के लिए समर्पित बस सेवा इस व्यापक योजना का एक महत्वपूर्ण लेकिन छोटा हिस्सा है। आंकड़े बताते हैं कि 4,304 बालिकाएं 10 से 20 किलोमीटर की दूरी और 1,002 बालिकाएं 20 किलोमीटर से अधिक दूरी तय करके रोजाना विद्यालय पहुंच रही हैं।
पहले इतनी दूरी तय करना न केवल असुरक्षित था बल्कि कई परिवारों के लिए आर्थिक रूप से असंभव भी था, जिससे बालिकाओं की शिक्षा बीच में ही छूट जाती थी।
योजना के तहत प्रति छात्र परिवहन लागत 1,200 रुपये है, जिसमें से 80 प्रतिशत यानी 960 रुपये पंजाब सरकार वहन करती है और मात्र 20 प्रतिशत यानी 240 रुपये अभिभावक देते हैं। यह राशि प्राइवेट स्कूलों के परिवहन शुल्क की तुलना में नगण्य है।
बसों की व्यवस्था स्कूल मैनेजमेंट कमेटियों के माध्यम से की जाती है, जिससे पारदर्शिता और स्थानीय भागीदारी दोनों सुनिश्चित होती है।
मुख्यमंत्री भगवंत मान ने स्पष्ट किया कि सरकार की प्राथमिकता राज्य की सभी महिलाओं को समान अवसर और सुविधाएं प्रदान करना है।
उन्होंने कहा, “हमारी सरकार ने पंजाब की हर महिला के लिए मुफ्त बस सेवा शुरू की है क्योंकि हम मानते हैं कि महिलाओं की आर्थिक स्वतंत्रता और गतिशीलता समाज की प्रगति के लिए आवश्यक है।
स्कूली छात्राओं के लिए विशेष बस व्यवस्था इसी बड़ी योजना का एक हिस्सा है, न कि पूरी योजना। हम चाहते हैं कि पंजाब की हर महिला – चाहे वह किसी भी उम्र या पृष्ठभूमि की हो – बिना किसी चिंता के अपने गंतव्य तक पहुंच सके।”
उन्होंने यह भी कहा कि यह योजना केवल आर्थिक राहत नहीं देती बल्कि महिलाओं को समाज में बराबरी का दर्जा दिलाने की दिशा में एक सशक्त कदम है।
फिरोजपुर जिले के जीरा स्थित SGRM गर्ल्स स्कूल में सबसे अधिक 712 बालिकाएं स्कूल बस सेवा का लाभ ले रही हैं।
इसके अलावा बठिंडा के माल रोड गवर्नमेंट स्कूल में 645, जालंधर के नेहरू गार्डन गर्ल्स स्कूल में 466, कोटकपूरा में 399, आनंदपुर साहिब गर्ल्स स्कूल में 300 और फतेहगढ़ साहिब के गोविंदगढ़ गर्ल्स स्कूल में 200 बालिकाएं इस सुविधा का उपयोग कर रही हैं।
इन सभी क्षेत्रों में स्कूल छोड़ने की दर में उल्लेखनीय कमी आई है। वहीं, व्यापक मुफ्त बस योजना से हजारों कामकाजी महिलाएं, नर्सें, शिक्षिकाएं, कॉलेज छात्राएं और घरेलू महिलाएं भी लाभान्वित हो रही हैं।
लुधियाना की एक कामकाजी महिला सिमरनजीत कौर ने बताया, “पहले मुझे रोजाना ऑफिस जाने में 100-150 रुपये खर्च होते थे। अब मुफ्त बस से जाती हूं और महीने के 3,000-4,000 रुपये बच जाते हैं जो मैं अपने बच्चों की शिक्षा में लगाती हूं।”
यह स्कूल बस पहल स्कूल ऑफ एमिनेंस कार्यक्रम का भी एक हिस्सा है, जो मान सरकार का प्रमुख शिक्षा मिशन है। इन स्कूलों में स्मार्ट क्लासरूम, आधुनिक विज्ञान प्रयोगशालाएं, व्यापक खेल सुविधाएं और NIFT द्वारा डिजाइन की गई निःशुल्क वर्दी प्रदान की जाती है।
इन स्कूलों में नामांकन 82,000 से बढ़कर 2 लाख से अधिक हो गया है और 158 छात्रों ने JEE में सफलता हासिल की है। यह सफलता इस बात का प्रमाण है कि जब सरकारी स्कूलों को समुचित संसाधन और सुविधाएं मिलती हैं तो वे प्राइवेट स्कूलों से किसी भी तरह कम नहीं होते।
एक अभिभावक ने कहा, “पहले हम सोचते थे कि बेटी को आठवीं के बाद स्कूल भेजना मुश्किल होगा क्योंकि स्कूल दूर है। अब यह चिंता खत्म हो गई है और हमारी बेटी अपने सपनों को पूरा कर सकती है।”
समाज के विभिन्न वर्गों से इस व्यापक पहल को जबरदस्त सराहना मिल रही है। शिक्षाविद डॉ. अमरजीत कौर कहती हैं, “पंजाब सरकार की मुफ्त बस योजना केवल परिवहन की सुविधा नहीं है, यह एक सामाजिक और आर्थिक क्रांति का माध्यम है।
जब सभी महिलाओं को समान रूप से यात्रा की सुविधा मिलती है तो समाज में समानता का वास्तविक अर्थ सामने आता है। यह पूरे देश के लिए एक मॉडल है।”
महिला अधिकार कार्यकर्ता जसप्रीत कौर ने कहा, “यह योजना साबित करती है कि जब सरकार महिलाओं की वास्तविक जरूरतों को समझती है और उन पर कार्य करती है तो असली बदलाव संभव है। पंजाब की हर महिला आज इस योजना की वजह से ज्यादा स्वतंत्र और आत्मनिर्भर महसूस कर रही है।”
पंजाब सरकार की यह मुफ्त बस योजना महिला सशक्तिकरण, आर्थिक समावेशन और शैक्षिक न्याय की दिशा में एक ठोस कदम है। यह योजना केवल कागजों पर नहीं बल्कि जमीनी स्तर पर लाखों महिलाओं के जीवन में वास्तविक बदलाव ला रही है।
हर वह महिला जो रोजाना मुफ्त बस में यात्रा करती है, हर वह छात्रा जो सुरक्षित रूप से स्कूल पहुंचती है, और हर वह परिवार जो परिवहन खर्च में बचत कर पाता है – सभी इस बात के गवाह हैं कि जब सरकार जनता की समस्याओं को समझती है और उनके समाधान के लिए प्रतिबद्ध होती है तो वास्तविक विकास संभव है।
मान सरकार की यह पहल निश्चित रूप से आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रेरणा का स्रोत बनेगी और पंजाब को महिला सशक्तिकरण में अग्रणी राज्य के रूप में स्थापित करेगी।
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