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नई दिल्ली। (lockdown imposed in iran due to heat wave and hot weather) लॉकडाउन का नाम सुनकर ही हर किसी के जहन में कोरोना महामारी की ऐसी तस्वीरें सामने आ जाती हैं जिन्हें भुला पाना बहुत मुश्किल है.

बड़ी दिक्कतों के बाद इस परेशानी से मुक्ति मिली थी और लोगों को लॉकडाउन जैसे शब्द से भी आजादी मिली थी.

लेकिन एक बार फिर लॉकडाउन लौट आया है. लेकिन इस बार कोरोना महामारी की वजह से लॉकडाउन नहीं लगा है बल्कि इसके पीछे की वजह कुछ और ही है.

दरअसल अमेरिका, चीन समेत भारत के कई राज्य इन दिनों जोरदार बारिश और बाढ़ के खतरे से जूझ रहे हैं.

लेकिन दुनिया के कुछ देश ऐसे भी हैं जहां बारिश तो दूर इस बार गर्मी ने ही कई वर्षों के रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं. ऐसा ही एक देश है ईरान. यहां इन दिनों जोरदार गर्मी पड़ रही है.

इस वजह से लगा ईरान में लॉकडाउन

भीषण गर्मी ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. सूरज की तपिश का आलम यह है कि लोगों का घर से बाहर निकलना भी दुभर हो गया है.

यही वजह है कि सरकार ने अहम फैसला लेते हुए लॉकडाउन लगा दिया है.

इसके तहत स्कूल, कॉलेज समेत तमाम शिक्षण संस्थान तो बंद हैं ही साथ ही सभी दफ्तर और बैंकों को बंद रखने का निर्णय लिया गया है.

कब तक लगा है लॉकडाउन

लॉकडाउन को निर्धारित तिथि के लिए लगाया गया है. दरअसल दो दिन के लिए सरकारी अवकाश घोषित कर दिया गया है.

इसके तहत बुधवार और गुरुवार यानी 2 और 3 अगस्त को सभी स्कूल, बैंक, ऑफिस, सरकारी एजेंसियां समेत तमाम निजी दफ्तर भी बंद रहेंगे.

इस दौरान सिर्फ एसेंशियल सर्विसेज को ही इजाजत दी गई है.

दरअसल भीषण गर्मी के चलते लोग बीमार तो पड़ ही रहे हैं साथ ही बिजली की आपूर्ति भी कई गुना बढ़ गई है.

ऐसे में देशभर में बिजली की भी किल्लत होने लगी है.

लिहाजा सरकार चाहती है कि बिजली की आपूर्ति पर भी कुछ नियंत्रण किया जाए.

इसको लेकर बड़े पैमाने पर कटौती भी हो रही है.

क्या है गर्मी का आलम

ईरान में इन दिनों गर्मी ने कहर बरपा रखा है. दक्षिणी इलाकों में पारा 50 डिग्री को पार कर चुका है.

मंगलवार को तेहरान और उसके आस-पास के इलाकों में तापमान 40 डिग्री सेल्सियस को क्रॉस कर गया था.

हालांकि 12 से ज्यादा शहर इन दिनों 50 डिग्री सेल्सियस से ऊपर गर्मी की मार झेल रहे हैं.

बता दें कि आमतौर पर ईरान में गर्मी के मौसम में तापमान 32 डिग्री तक अधिकतम रहता है.

लेकिन इस बार सूरज की तपिश ने सभी रिकॉर्ड तोड़ दिए हैं.

सिस्तान-बलूचिस्तान में 1,000 लोग अस्पताल में भर्ती

दक्षिणपूर्वी प्रांत सिस्तान-बलूचिस्तान में, बढ़ते तापमान और धूल भरी आंधियों के कारण हाल के दिनों में लगभग 1,000 लोगों ने अस्पताल में इलाज कराया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा है कि सूर्य के अधिक संपर्क में आने से हीटस्ट्रोक का खतरा अधिक होता है

इसलिए बाहरी कर्मचारियों को घर के अंदर रहने का प्रयास करना चाहिए, खासकर सुबह 10 बजे से शाम 4 बजे के बीच.

टोटल शटडाउन से पहले जून में सरकारी कर्मचारियों के लिए काम के घंटों में बदलाव किया गया था.

कार्यालयों में बिजली बचाने और ग्रिड को खराब होने से बचाने के लिए कर्मचारी अब जल्दी काम शुरू कर देते हैं.

पहली बार सरकार को करना पड़ा शटडाउन

तेज़ गर्मी ईरान की विशिष्ट विशेषता होने के बावजूद, यह पहली बार है कि सरकार को शटडाउन का आदेश देने के लिए मजबूर होना पड़ा है.

पिछले साल, पड़ोसी देश इराक ने तापमान 125-डिग्री को पार करने के बाद सार्वजनिक छुट्टियां बढ़ा दी थीं.

जुलाई, अब तक का सबसे गर्म महीना दर्ज किया गया

तापमान में वृद्धि पिछले महीने सामने आए रिकॉर्ड के अनुरूप है.

वैज्ञानिकों ने जुलाई को एशिया, यूरोप और उत्तरी अमेरिका के महाद्वीपों के साथ अब तक का सबसे गर्म महीना घोषित किया है.

विशेषज्ञों के अनुसार, मानव-प्रेरित जलवायु परिवर्तन ने ग्लोबल वार्मिंग प्रभाव को काफी बढ़ा दिया है, जिससे तापमान आसमान छू रहा है.

संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस ने दुनिया को चेतावनी देते हुए कहा कि ‘ग्लोबल वार्मिंग का युग समाप्त हो गया है और ‘वैश्विक उबाल का युग आ गया है.’

गुतारेस ने कहा, ‘जलवायु परिवर्तन यहां है. यह भयावह है. और यह तो बस शुरुआत है.

वैश्विक तापमान वृद्धि को 1.5C (पूर्व-औद्योगिक स्तर से ऊपर) तक सीमित करना और जलवायु परिवर्तन की सबसे बुरी स्थिति से बचना अभी भी संभव है.

लेकिन केवल नाटकीय, तत्काल जलवायु कार्रवाई के साथ.’

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