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Ludhiana लुधियाना। (kisan andolan skm meeting farmer protest) अपनी मांगो के समर्थन में किसानों का संघर्ष तेज होता जा रहा है।

बातचीत के बावजूद कोई हल न निकलता देख संयुक्त किसान मोर्चा ने ऐलान किया है कि 22 फरवरी तक पंजाब के सारे टोल फ्री रहेंगे।

ये फैसला पंजाब के लुधियाना में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल की नेतृत्व में संयुक्त किसान मोर्चा (SKM) की बैठक हुई।

बैठक में कुल 37 जत्थेबंदियों ने भाग लिया। किसान नेता राजेवाल ने 22 फरवरी तक पंजाब के सभी टोल प्लाजा बंद रखने का ऐलान किया।

इस दौरान उन्होंने भाजपा के सभी बड़े नेताओं के घरों का घेराव किसान मोर्चा द्वारा किए जाने का मीटिंग में फैसला लिया।

बता दें कि दिल्ली कूच के लिए निकले किसानों को शंभू बॉर्डर पर हरियाणा पुलिस ने पिछले 6 दिनों से रोका हुआ है।

किसान और जवान एक दूसरे पर आंसू गैस के गोले और पत्थर बरसा रहे हैं।

किसानों की केंद्र के साथ कई बार बैठक भी हो चुकी है, लेकिन कोई हल नहीं निकल रहा।

जिसे देखते हुए संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन को बड़ा बनाने के लिए मीटिंग की है।

किसानों की केंद्र से चौथे दौर की बैठक आज : दिल्ली की तरफ बढ़ेंगे या नहीं

पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ में किसान आज केंद्रीय मंत्रियों के साथ चौथे दौर की बैठक करने वाले हैं।

बैठक 5.30 बजे के बाद चंडीगढ़ के सेक्टर 26 में ही शुरू होगी। अभी तक किसानों व केंद्रीय मंत्रियों के बीच चार बैठकें हो चुकी है।

जिसमें मुख्य मांगों को लेकर सहमति नहीं बनी। आज अनुमान है कि किसानों को कुछ पॉजीटिव जवाब मिलेगा, लेकिन उसके आसार भी कम ही दिख रहे हैं।

बैठक से पहले किसान नेता जगजीत सिंह डल्लेवाल ने कहा कि सरकार को चुनाव आचार संहिता लागू होने से पहले हमारी मांगों का समाधान ढूंढना चाहिए।

सरकार को टाल-मटोल की नीति से बचना चाहिए। किसान आंदोलन का समाधान केवल दो चीजें हैं।

एक एमएसपी गारंटी कानून पर अध्यादेश और दूसरा डॉ. स्वामीनाथन आयोग की सिफारिशों पर एक अधिसूचना जारी करना।

बातचीत शुरू होने के बाद से ही किसान व अर्ध-सैनिक बलों के बीच सीज-फायर घोषित किया गया है।

अगर केंद्रीय मंत्री आज भी एमएसपी को लेकर कोई हल नहीं निकालते तो किसान दिल्ली के लिए कूच की तैयारी कर सकते हैं।

वहीं दूसरी तरफ पंजाब के 7 जिलों में इंटरनेट सेवा बंद होने के बाद किसान और भड़क गए हैं।

शाम की बैठक में अगर समाधान ना निकला तो पंजाब के शंभू, खनौरी और डबवाली बॉर्डर पर हालात खराब हो सकते हैं।

पहली दो बैठकें हुई विफल

केंद्र के मीटिंग के लिए राजी होने और 2 बार वार्ता के बाद भी किसानों को दिल्ली कूच करना पड़ा।

किसान मजदूर संघर्ष कमेटी के सरवण सिंह पंधेर ने कहा कि केंद्रीय मंत्रियों ने MSP पर कानून के बजाय कमेटी बनाने का पुराना राग अलापा गया।

केस वापसी पर भी राजी नहीं हुए। किसानों से आंदोलन खत्म करते वक्त किया वादा तोड़कर बिजली एक्ट लाए।

लखीमपुर खीरी में किसानों को कुचलने के मुद्दे पर केंद्रीय मंत्री खामोश रहे। असल में इन मंत्रियों के पास कोई फैसला लेने की शक्तियां ही नहीं थी। वे तो सिर्फ फॉर्मेलिटी करने आए थे।

तीसरी बैठक में भी नहीं बनी सहमति

सरवण सिंह पंधेर ने तीसरी बैठक के बारे में बताते हुए कहा था- MSP गारंटी कानून, C2+50%, स्वामीनाथन रिपोर्ट को लागू करना, ये उनकी सबसे अहम मांगें रही हैं।

जिससे छोटे किसान भी खुशहाल जीवन जी सकते हैं। जब इन मुद्दों पर उनसे (केंद्रीय मंत्रियों) बात हुई तो उन्होंने कहा- कमेटी बना लेंगे।

जिस पर किसानों ने कहा कि 2 साल पहले से मानी जा चुकी मांगों पर आज तक कमेटी बन ही नहीं पाई।

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