Prabhat Times
Jalandhar/Ludhiana जालंधर/लुधियाना। (municipal corporation mayor election aap bjp congress) नगर निगम चुनाव संपन्न हो चुके हैं। जालंधर लुधियाना में ज्यादा सीटें आम आदमी पार्टी के पास है।
जालंधर में स्पष्ट है कि मेयर आम आदमी पार्टी का होगा, लेकिन लुधियाना में नगर निगम की सत्ता पर काबिज़ होने के लिए कांग्रेस और भाजपा एक मंच पर आने की योजना पर काम कर रहे हैं।
इसी बीच पता चला है कि वार्ड नंबर 47 से काग्रेसी पार्षद मनमीत कौर ने भी आप जॉइन कर ली है। ये जॉइनिंग केबिनेट मंत्री मोहिन्द्र भगत की मौजूदगी मे शामिल हुई है।
जालंधर में आप का मेयर तय
बीती रात हुए राजनीतिक दांवपेंच में पूर्व मेयर जगदीश राज राजा की पत्नी अनीता राजा को हराने वाली पार्षद प्रवीण वासन आम आदमी पार्टी में शामिल हो गई है। इसके साथ ही एक निर्दलीय पार्षद भी आप में शामिल हो गया।
लेकिन आप के पास अभी भी दो पार्षद कम हैं। लेकिन कुछ पार्षद आप नेताओं के टच्च में हैं।
दो या तीन और पार्षदों के आप जॉइन करने की खबर किसी भी समय आ सकती है।
ऐसी स्थिति में स्पष्ट है कि जालंधर नगर निगम की सत्ता पर आप ही काबिज़ होगी।
चर्चा है कि वेस्ट हल्के से नवनिर्वाचित कुछ पार्षद आप जॉइन कर सकते हैं। आजाद, कांग्रेस या भाजपा से नवनिर्वाचित पार्षद आप में शामिल हेंगे।
लुधियाना में चल रही है ये प्लानिंग
लुधियाना नगर निगम चुनाव के बाद अब मेयर की कुर्सी पर काबिज होने की जोड़तोड़ की राजनीति चरम सीमा तक पहुंच चुकी है।
सभी पार्टियां अपना-अपना मेयर बनाने की दौड़ में लगी हैं।
चुनाव में आम आदमी पार्टी को 41 सीटें, भाजपा को 19 और कांग्रेस को 30 पार्षद सीटें मिली हैं,
यानि बहुमत कोई भी पार्टी हासिल नहीं कर सकी। तीनों ही पार्टियां अपना-अपना मेयर बनाने के लिए जोड़तोड़ में लगी हैं।
वहीं लुधियाना में इस बार बहुमत न मिलने पर 32 साल पुराना इतिहास कांग्रेस दोहरा सकती है।
कांग्रेस भाजपा पार्षदों से लगातार संपर्क साधने में लगी है, ताकि कांग्रेस का मेयर बनाया जा सके और भाजपा को सीनियर डिप्टी मेयर व सीनियर मेयर पद की ऑफर की जा रही है।
भाजपा ने 32 साल पहले कांग्रेस से किया था गठबंधन
साल 1992 में हुए नगर निगम चुनाव में भाजपा के पास सबसे ज्यादा पार्षद थे।
लेकिन बहुमत हासिल ना होने पर भाजपा व कांग्रेस ने समझौता कर भाजपा ने अपना मेयर बना लिया था, जबकि सीनियर डिप्टी मेयर व डिप्टी मेयर का पद कांग्रेस के पास था।
वही इतिहास इस बार दोहराया जा सकता है। कांग्रेस को 30 सीटें मिली है, जबकि भाजपा को 19, बहुमत के लिए कुल 48 सीटें चाहिए।
ऐसे में अगर कांग्रेस-भाजपा गठबंधन कर लेते हैं तो 49 सीटें लेकर कांग्रेस मेयर पद हासिल कर सकती है।
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