Prabhat Times

Chandigarh चंडीगढ़। (During the Congress tenure, the Centre was given the permission to deploy CISF: Barinder Goyal) पंजाब के जल स्रोत मंत्री बरिन्दर कुमार गोयल द्वारा आज पंजाब विधान सभा की कार्यवाही के दौरान राज्य में केंद्र द्वारा बी.बी.एम.बी. को सी.आई.एस.एफ. सुरक्षा मुहैया करवाने के विरोध में सरकारी प्रस्ताव पेश किया गया।

प्रस्ताव पेश करते हुये बरिन्दर कुमार गोयल ने कहा कि पिछले सालों के दौरान भारत सरकार के बिजली मंत्रालय ने बी.बी.एम.बी. के अहम संस्थानों की एक सूची भेजी थी, जो अभी तक सी.आई.एस.एफ. की सुरक्षा अधीन नहीं थे और बी.बी.एम.बी को समूह सी.आई.एस.एफ. सुरक्षा कवर की ज़रूरत संबंधी ज़ोर देकर कहा था कि सभी अहम बी.बी.एम.बी. संस्थानों की पूरी सुरक्षा की जाये।

उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य ने सी.आई.एस.एफ. की तैनाती के मसले पर फिर से विचार किया है और 27 मई, 2025 और 4 जुलाई, 2025 को बी.बी.एम.बी. को भेजे पत्रों के द्वारा सी.आई.एस.एफ की तैनाती के खि़लाफ़ अपनी सख़्त आपत्तियां दर्ज करवाई हैं।

उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के सख़्त ऐतराज़ों के बावजूद केंद्र सरकार सी.आई.एस.एफ. की तैनाती आगे बढ़ाने की सोच रही है। बी.बी.एम.बी की 4 जुलाई, 2025 को हुई मीटिंग में भी पंजाब द्वारा बहुत ज़ोरदार ढंग से विरोध किया गया।

उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी के संस्थानों को पिछले लगभग 70 सालों से पंजाब पुलिस द्वारा पूरी तरह सुरक्षित रखा गया है। बहुत ही नाजुक समय के दौरान भी ऐसी कोई असुखद घटना कभी सामने नहीं आई।

जल स्रोत मंत्री ने कहा कि बी.बी.एम.बी. पर तैनात राज्य की पुलिस स्थानीय स्थितियों से अच्छी तरह अवगत है और पिछले कई सालों से प्रोजेक्टों की सेवा कर रही है। जहाँ तक तकनीक का सवाल है, पंजाब पुलिस नयी से नयी तकनीक का प्रयोग करने में निपुण है।

इसके इलावा पंजाब पुलिस को सरहदी इलाकों में ऐसी स्थितियों का सामना करने का लम्बा अनुभव भी है। यह फोर्स देश की किसी भी अन्य फोर्स की तरह पेशेवर है।

बरिन्दर कुमार गोयल ने कहा कि सी.आई.एस.एफ. की तैनाती पंजाब राज्य और अन्य हिस्सेदार राज्यों पर अनावश्यक वित्तीय बोझ को बढ़ाएगी।

पंजाब राज्य बी.बी.एम.बी के खर्चे में मुख्य योगदान डालने वाला राज्य है और इसलिए पंजाब राज्य को यह अतिरिक्त ख़र्च भी सहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि संस्थान पंजाब व हिमाचल प्रदेश के क्षेत्रीय अधिकार के अंदर हैं।

कानून अनुसार अपनी-अपनी हदबंदी में कानून-व्यवस्था बनाई रखने और इन संस्थानों की सुरक्षा यकीनी बनाने की ज़िम्मेदारी सम्बन्धित राज्य सरकारों की होती है।

उन्होंने कहा कि हालिया प्रस्तावों के अनुसार सी.आई.एस.एफ. की तैनाती के कारण अतिरिक्त वित्तीय प्रभाव 49.32 करोड़ रुपए प्रति साल हो जायेगा।

उन्होंने कहा कि पंजाब राज्य के अन्य डैमों की भी देखभाल कर रहा है, जिनमें रणजीत सागर डैम और शाहपुरकंडी डैम शामिल हैं।

इन डैमों की सुरक्षा बी.बी.एम.बी. संस्थानों की अपेक्षा और ज्यादा गंभीर है क्योंकि यह डैम अंतरराष्ट्रीय सीमा के बहुत नज़दीक हैं। इन डैमों की सुरक्षा पंजाब पुलिस और राज्य सरकार के द्वारा की जा रही है।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि सी.आई.एस.एफ. की हाइब्रिड माडल तैनाती में लगने वाली लागत मौजूदा राज्य पुलिस की तैनाती की अपेक्षा 49.32 करोड़ रुपए अधिक है, जो पंजाब राज्य के लिए स्वीकार्य नहीं है।

पंजाब, भाखड़ा ब्यास मैनेजमेंट बोर्ड ( बी.बी.एम.बी.) में एक बड़ा हिस्सेदार है और इसकी फंडिंग में महत्वपूर्ण योगदान डालता है।

इसलिए भाखड़ा नंगल और अन्य हाईड्रो प्रोजेक्टों पर सी.आई.एस.एफ कर्मचारियों की तैनाती पंजाब सरकार पर एक अनावश्यक और टालने योग्य वित्तीय बोझ डालेगी।

उन्होंने कहा कि यदि बी.बी.एम.बी. अभी भी सी.आई.एस.एफ कर्मचारियों की तैनाती करने का इरादा रखता है तो पंजाब ऐसी तैनाती और इससे पैदा होने वाला कोई वित्तीय बोझ नहीं बर्दाश्त करेगा।

प्रस्ताव पर करवाई गई बहस में बोलते हुये श्री गोयल ने बताया कि पिछली कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के दौरान 6 दिसंबर, 2021 को केंद्र को चिट्ठी लिख कर सी.आई.एस.एफ. की तैनाती सम्बन्धी सहमति दी गई थी।

कैबिनेट मंत्री ने कहा कि जब पंजाब पुलिस डैमों की सुरक्षा करने के समर्थ है तो फिर केंद्र सरकार द्वारा सी.आई.एस.एफ. की ज़रूरत क्यों दर्शायी जा रही है।

उन्होंने कहा कि वास्तव में यह कहानी केंद्र सरकार द्वारा सी.आई.एस.एफ. तैनात करने की आड़ में डैमों पर कब्ज़ा करने की है।

उन्होंने कहा कि पिछले दिनों केंद्र सरकार ने हरियाणा सरकार की मिलीभुगत से पंजाब के पानी लूटने की कोशिश की जिसका मुख्यमंत्री स. भगवंत सिंह मान की सरकार ने डटकर विरोध किया।

जब राज्य के साथ धक्का करने की कोशिश की गई तो हम वहाँ जाकर बैठे, वहाँ धरने लगाऐ और अपने पानियों की रक्षा की।

उन्होंने कहा कि इसके चलते आज केंद्र सरकार अप्रत्यक्ष तौर पर सी.आई.एस.एफ. की तैनाती करके हमारे डैमों पर कब्ज़ा करने की कोशिश कर रही है।

उन्होंने कहा कि पंजाब ने अपना सब कुछ देश के लिए कुर्बान किया परन्तु राज्य के साथ हमेशा धोखा किया जाता रहा। 1981 में रावी-ब्यास पानी की विभाजन के समय भी 17 एम.ए.एफ पानी में से पंजाब को सिर्फ़ 4 एम.ए.एफ पानी दिया गया।

उसके बाद 24 जुलाई, 1985 को राजीव-लौंगवाल समझौते के 13 पैराग्राफों, जिनमें एक पैराग्राफ में कहा गया था कि 26 जनवरी, 1986 को चंडीगढ़ को पंजाब को दे दिया जायेगा, लागू नहीं किया गया और अन्य किसी नुक्ते पर अमल नहीं किया गया परन्तु राज्य का पानी छीनने वाली एकमात्र बात पर अमल कर लिया गया।

उन्होंने कहा कि पंजाब में हमें 30 एमएएफ पानी की ज़रूरत है परन्तु हमारे लिए पानी है ही नहीं। उन्होंने कहा कि बी.बी.एम.बी के चेयरमैन केंद्र सरकार के इशारों पर काम कर रहे हैं।

केंद्र सरकार के मंत्री और हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री के इशारों पर सारा काम हो रहा है जबकि उनके लिए पूरा देश एक होना चाहिए।

इन पक्षों को ध्यान में रखते हुये सदन ने बी.बी.एम.बी. द्वारा अपने सभी संस्थानों पर सी.आई.एस.एफ. कर्मचारियों की तैनाती करने का प्रस्ताव ख़ारिज कर दिया।

सदन ने ज़ोरदार ढंग से कहा कि मौजूदा समय में तैनात राज्य पुलिस इन प्रोजेक्टों की स्थिति/क्षेत्र और सुरक्षा से अच्छी तरह अवगत है, जो कई सालों से इन क्षेत्रों में सेवा निभा रहे हैं।

मौजूदा प्रबंध कुशल और लागत-प्रभावशाली साबित हुआ है, सुरक्षा में कोई महत्वपूर्ण कमियों की रिपोर्ट नहीं की गई। इसलिए पंजाब राज्य भाखड़ा नंगल प्रोजैक्ट पर सी.आई.एस.एफ. की तैनाती से सहमत नहीं है।

सदन ने सर्वसम्मति से पंजाब सरकार को सिफारिश की कि यह मामला भारत सरकार के सम्बन्धित मंत्रालयों के समक्ष उठाया जाये और भारत सरकार और बी.बी.एम.बी. को कहा जाये कि भाखड़ा डैम प्रोजेक्टों और बी.बी.एम.बी. के अन्य हाईड्रो प्रोजेक्टों पर सी.आई.एस.एफ. कर्मचारी तैनात न किये जाएँ।

——————————————-

ये भी पढ़ें 

—————————————————————

————————————————————–

Whatsapp ग्रुप से जुड़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें

Join Whatsapp Link for Latest News

प्रभात टाइम्स व्हाटसएप्प चैनल जॉइन करें।

Join Prabhat Times Whatsapp Channel


Subscribe YouTube Channel

Prabhat Times

Click to Join Prabhat Times FB Page

https://www.facebook.com/Prabhattimes14/

Join Telegram

https://t.me/prabhattimes1