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नई दिल्ली। (indians to get new e-passport with advanced features) सरकार भारतीय नागरिकों को जब्रदस्त सुविधा देने जा रही है।

देश के आम नागरिक को पहला ई-पासपोर्ट अगले दो महीने में मिल सकता है।

चिप वाले इन पासपोर्ट के सभी तकनीकी परीक्षण लगभग पूरे हो चुके हैं।

इंडियन सिक्योरिटी प्रेस नासिक में पहले साल 70 लाख ई-पासपोर्ट की ब्लैंक बुकलेट छप रही हैं।

इस प्रेस को 4.5 करोड़ चिप पासपोर्ट छापने का ऑर्डर मिला है।

41 एडवांस फीचर वाले नए पासपोर्ट से इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के मानकों वाले 140 देशों के हवाई अड्‌डों पर इमिग्रेशन प्रक्रिया मिनटों में पूरी होगी।

देखने में ये वर्तमान पासपोर्ट बुकलेट जैसे ही होंगे।

सिर्फ बुकलेट के बीच के किसी एक पेज पर रेडियो फ्रीक्वेंसी आइडेंटिफिकेशन चिप और आखिर में छोटा फोल्डेबल एंटीना रहेगा।

चिप में हमारी बायोमीट्रिक डिटेल और वो सब बातें होंगी, जो बुकलेट में पहले से हैं।

पासपोर्ट सर्विस प्रोग्राम 2.0 (पीएसपी) नामक यह योजना अभी लॉन्च होनी है।

चिप वाले पासपोर्ट के लिए केंद्रों पर भीड़ न हो, इसलिए योजना चरणबद्ध तरीके से लागू होगी।

इसके लिए पासपोर्ट सेंटर्स तकनीकी रूप से अपग्रेड किए जा रहे हैं।

फायदा: हमशक्ल पकड़ लेगा सिस्टम

विदेश मंत्रालय के सूत्रों के मुताबिक, ई-पासपोर्ट के लिए एयरपोर्ट पर आधुनिक बायोमीट्रिक सिस्टम लगेंगे।

इनमें पासपोर्ट में स्टोर फेिशयल इमेज और इमिग्रेशन के दौरान लाइव इमेज का सेकंड में मिलान हो जाएगा।

यदि कोई हमशक्ल बनकर आया है तो उसे सिस्टम तुरंत पकड़ लेगा।

अभी बुकलेट पासपोर्ट में पुरानी फोटो और लाइव इमेज का कई बार मिलान नहीं हो पाता है।

विदेशी चिप रीडर से पासपोर्ट की टेस्टिंग जारी

पासपोर्ट बुकलेट में दर्ज सूचनाओं और चिप की जानकारियों को आईसीएओ के आधार पर ढाला गया है।

विभिन्न देशों के चिप रीडर के साथ भारतीय ई-पासपोर्ट के टेस्ट चल रहे हैं।

चिप को रीड करने में दिक्कत न हो, डिजिटल सिग्नेचर का मिलान तुरंत हो जाए और चिप डेटा स्पष्ट रूप से रिसीवर कंप्यूटर में सामने आ जाएं, इस तरह के टेक्निकल टेस्ट लगभग पूरे होने जा रहे हैं।

दुनिया भर में एक जैसे पासपोर्ट की तैयारी

इंटरनेशनल सिविल एविएशन ऑर्गनाइजेशन (ICAO) के अभी 193 देश सदस्य हैं।

ऑर्गनाइजेशन ने इन देशों में एक जैसे ई-पासपोर्ट लागू करने की प्रोसेस शुरू की है, ताकि अंतरराष्ट्रीय श्रेष्ठता वाला डिजिटल पासपोर्ट इमिग्रेशन का नया मानक बन जाए।

भारतीय पासपोर्ट को भी इन्हीं मानकों पर खरा बनाया गया है।

विदेश मंत्रालय के इस काम में नेशनल इंफोर्मेटिक्स सेंटर तकनीकी पार्टनर है, जिसमें त्रिपक्षीय समझौते के तहत आईएसपी को जोड़ा है।

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