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Jalandhar जालंधर। हंसराज महिला महाविद्यालय, जालंधर में प्राचार्या प्रो. डॉ. श्रीमती एकता खोसला जी के कुशल दिशा-निर्देशन में, आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि सभा नई दिल्ली के सशक्त मार्गदर्शन व आर्य प्रादेशिक प्रतिनिधि उपसभा, पंजाब के तत्वावधान में वैदिक अध्ययन समिति, संस्कृत विभाग, आर्या-युवती सभा के सौजन्य से चरित्र निर्माण शिविर का आयोजन किया गया।

जिसके प्रथम दिन छात्राओं को ‘यज्ञ प्रक्रिया’ यज्ञ करने की विधि एवम् यज्ञ के आध्यात्मिक पक्ष के साथ-साथ ‘वैज्ञानिक पक्ष’ तथा यज्ञ से स्वास्थ्य और पर्यावरण पर पडऩे वाले प्रभावों की चर्चा भी की गई।

दूसरे दिन ‘वैदिक मूल्यों’ पर चर्चा करते हुए वेदों में पाए जाने वाले गहन नैतिक, आध्यात्मिक और जीवन सिद्धान्त, जो सत्य, धर्म, अहिंसा, ज्ञान का पाठ पढ़ाते हैं, उस पर विषद चर्चा की गई।

तीसरे दिन विद्यार्थियों ने अपने महान् आर्य नेताओं के जीवन जैसे महर्षि दयानन्द, महात्मा हंसराज, महात्मा आनन्द स्वामी, स्वामी श्रद्धानन्द जी की समाज को देन विषयों पर संभाषण प्रस्तुत किए।

चौथे दिन विद्यार्थियों के साथ आर्य समाज के नियमों पर चर्चा की गई एवम् प्रत्येक विद्यार्थी ने हर एक नियम को लेकर उस पर अपनी दृष्टि से व्याख्यान किया।

पांचवें दिन ‘गायत्री महिमा’ पर चर्चा की गई एवम् ईश्वर स्तुति प्रार्थनोपासना मंत्रों का मधुर गान छात्राओं द्वारा किया गया।

कार्यक्रम के अन्तिम दिन ‘इक्त्तीस कुण्डीय यज्ञ’ में सब छात्राओं ने भाग लिया एवम् जो यज्ञ प्रक्रिया उन्होंने प्रथम दिन सीखी थी

उसके अनुसार बड़े उत्साह के साथ स्वयं ‘यज्ञ’ किया और साथ ही यज्ञ संस्कृति को अपने जीवन में अपनाने हेतु प्रण भी लिया।

इस अवसर पर प्राचार्या प्रो. डॉ. श्रीमती एकता खोसला जी ने डीन वैदिक अध्ययन डॉ. ममता और संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ की इस आयोजन हेतु सराहना करते हुए कहा कि जिन विद्यार्थियों को यह अवसर कभी प्राप्त नहीं हुआ उन्हें भी अपनी वैदिक संस्कृति को समझने, उसे जानने का अवसर इस शिविर के माध्यम से प्राप्त हुआ।

उन्होंने कहा कि मेरा ऐसा मानना है कि यह शिविर प्रत्येक विद्यार्थी को संस्कारवान बनाने में अपनी महती भूमिका निभाएगा।

मात्र पुस्तकीय ज्ञान प्राप्त करना आज के इस बदलते परिवेश में पूर्ण व्यक्तित्व निर्माण के लिए पर्याप्त नहीं, इसके साथ-साथ अपनी संस्कृति को जानना एवम् उनके आदर्शों पर चलना भी आज की युवा-पीढ़ी के लिए अत्यधिक आवश्यक है।

भविष्य में भी ऐसे अवसरों के आयोजन हेतु उन्होंने विभाग को प्रोत्साहित किया और जिन विद्यार्थियों ने इस शिविर में भाग लिया, उन्हें अपना साधुवाद दिया।

इस अवसर पर डीन वैदिक अध्ययन डॉ. ममता ने इस शिविर में बताई गई सारी बातों को पूरी तन्मयता से मनन करने हेतु छात्राओं को प्रेरित किया।

संस्कृत विभागाध्यक्षा डॉ. मीनू तलवाड़ ने मंच संचालन किया और अग्रिम कार्यक्रमों की जानकारी दी तथा सभी का धन्यवाद ज्ञापित किया।

इस अवसर पर स्कूल कोआर्डिनेटर श्रीमती अरविंदर कौर, श्रीमती अनुराधा, श्रीमती रोमा, सुश्री अंजु एवम् अन्य भी उपस्थित रहे।

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