Prabhat Times
नई दिल्ली। (Help the people injured in road accident, the govt will give reward) केंद्र सरकार सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायलों को अस्पताल पहुंचाने वाले नागरिकों को नगद इनाम और प्रशंसा पत्र देगी। इस योजना के तहत जिला प्रशासन अच्छे नागरिक (व्यक्ति या व्यक्तियों) को एक साल में 5000 रुपये का नगद इनाम अधिकतम पांच बार दे सकेगा। जबकि हर साल आयोजित होने वाले सरकारी सम्मान समारोह में उनको एक लाख रुपये नगद दिया जाएगा। यह योजना मार्च 2026 तक चलेगी। इसका मकसद दुर्घटना में सड़क पर पड़े गंभीर घायलों की अनदेखी करने के बजाए आम नागरिक उनको नजदीकी अस्पताल-ट्रामा सेंटर तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना है।
सड़क परिवहन व राजमार्ग मंत्रालय ने सोमवार को सड़क हादसों में गंभीर घायलों को गोल्डन आवर (दुर्घटना के एक घंटे के भीतर) में अस्पताल-ट्रामा सेंटर पहुंचाने वाले नागरिकों के लिए इनाम योजना संबंधी दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं। विदित हो कि मंत्रालय ने पिछले साल सड़क सुरक्षा पर काम करने वाले ट्रस्ट, एनजीओ, संस्थानों को सालाना पांच लाख रुपये इनाम देने व वित्तीय सहायता मुहैया करवाने की योजना शुरू कर है।
इसके बाद नई योजना में किसी व्यक्ति अथवा व्यक्तियों (अच्छे शहरी) को एक बार मदद करने पर 5000 रुपये की राशि देने का फैसला किया है। यह योजना 15 अक्तूबर 2021 से मार्च 2026 तक चलेगी। इसमें उल्लेख है कि राज्य सरकारें इस नगद योजना के लिए पृथक बैंक अकाउंट खोलेंगी। केंद्र सरकार शुरुआती दौर में उन्हें पांच लाख रुपये मुहैया कराएगी।
ये है उद्देश्य
सड़क हादसों में घायल को अगर एक घंटे के भीतर अस्पताल पहुंचा दिया जाए तो करीब मौतों का आंकड़ा काफी कम किया जा सकता है. देश में प्रति वर्ष करीब 1.5 लाख लोगों की सड़क हादसे में मौत होती है. सड़क परिवहन मंत्रालय ने इसी उद्देश्य से यह योजना लांच की है. मंत्रालय ने ‘नेक मददगार को पुरस्कार’ देने की योजना से संबंधित दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं. इस योजना का उद्देश्य सड़क हादसों में घायलों को जल्द से जल्द अस्पताल पहुंचाना है.
इसके अलावा रास्ट्रीय स्तर पर 10 सबसे लेक मददगारों को एक-एक लाख रुपए का पुरस्कार अलग से दिया जाएगा.सड़क परिवहन और राजमार्ग मंत्रालय ने राज्यों और केन्द्र शासित राज्यों को निर्देश दिए हैं कि योजना के लिए एक अलग खाता खोलें और उसका विवरण मंत्रालय को भेजें, जिससे मंत्रालय द्वारा 500000 रुपए संबंधित राज्यों को जारी किए जा सकें.
नया पोटर्ल शुरू होगा
सड़क परिवहन मंत्रालय नया पोटर्ल शुरू करेगा। जिला प्रशासन हर महीने घायलों की मदद करने वाले नागरिक का नाम, पता, मोबाइल नंबर, घटना की जानकारी आदि का विवरण उक्त पोर्टल पर दर्ज करेंगे। इसके अलावा यह जानकारी स्थानीय पुलिस अथवा अस्पताल-ट्र्रामा सेंटर प्रशासन भी पोटर्ल पर अपलोड कर सकेंगे। जिला प्रशासन समिति चयनित नागरिक को प्रत्येक हादसे में मदद करने पर 5000 रुपये की नगद राशि दे सकेगी। लेकिन एक साल में यह राशि अधिकतम पांच बार ही दी जाएगी। फैटल एक्सीटेंड में घायलों की सर्जरी, तीन दिन तक अस्पताल में भर्ती रहना व मेरुदंड (स्पाइन कोर्ड) सर्जरी को शामिल किया गया है। हर साल पुरस्कृत अच्छे नागरिकों को सड़क परिवहन मंत्रालय सालाना राष्ट्रीय स्तर का सम्मान देगी, इसमें उनको एक लाख रुपये का नगद इनाम दिया जाएगा।
मदद करने वालों को पुलिस थाने नहीं बुलाएगी
मंत्रालय ने दुर्घटना में सड़क पर घायलों को अस्पताल पहुंचाने व अन्य प्रकार से मदद करने वाले अच्छे शहरी (गुड सेमेरिटन) को कानूनी सुरक्षा देने का नियम पहले ही लागू कर दिया है। इसमें पुलिस अच्छे शहरी से पहचान, नाम, पता, मोबाइल नंबर बताने के लिए दबाव नहीं बना सकेगी। पुलिस उन्हें थाने पर बुलाने के लिए नहीं कहेगी। और न ही उनको सिविल अथवा अपराधिक मामले में गवाह बना सकेगी। अच्छे शहरी स्वेच्छा से अपनी पहचान बात सकते हैं अथवा अदालत में बतौर गवाह पेश होने की इच्छा जता सकते हैं। यह उनकी मर्जी पर निर्भर करेगा।
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