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पॉलीप्रोपाइलीन डाउनस्ट्रीम और फाइन केमिकल प्रोजेक्ट्स से पंजाब को मिलेगा औद्योगिक विस्तार

Bathinda बठिंडा। एचपीसीएल मित्तल एनर्जी लिमिटेड (एचएमईएल) द्वारा संचालित गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी, बठिंडा में 2600 करोड़ रुपये का नया निवेश किया जाएगा।

इस निवेश के तहत पॉलीप्रोपाइलीन की डाउनस्ट्रीम इंडस्ट्री स्थापित की जाएगी तथा फाइन केमिकल से जुड़े नए प्रोजेक्ट्स लगाए जाएंगे।

यह घोषणा श्री प्रभदास एमडी एंड सीईओ एचएमईएल और पंजाब सरकार के उद्योग एवं वाणिज्य मंत्री श्री संजीव अरोड़ा द्वारा संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में की गई।

इस अवसर पर एचएमईएल के सीईओ श्री प्रभदास ने कहा कि गुरु गोबिंद सिंह रिफाइनरी के कारण पंजाब देश में पॉलीप्रोपाइलीन मैन्युफैक्चरिंग का एक प्रमुख हब बन चुका है।

उन्होंने बताया कि देश की कुल पॉलीप्रोपाइलीन मांग का लगभग 14 प्रतिशत हिस्सा इसी रिफाइनरी से पूरा किया जाता है।

उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि पिछले कई वर्षों से रिफाइनरी का संचालन बिना किसी रुकावट के लगातार जारी है।

श्री प्रभदास ने कहा कि बठिंडा में न केवल पेट्रोल, डीजल और गैस जैसे ईंधनों का उत्पादन हो रहा है, बल्कि अब फाइन केमिकल प्रोजेक्ट्स के माध्यम से औद्योगिक गतिविधियों को और विस्तार देने की योजना है।

पंजाब सरकार के कैबिनेट मंत्री श्री संजीव अरोड़ा ने बताया कि वर्ष 2011 में स्थापित यह रिफाइनरी लगभग 2,000 एकड़ क्षेत्र में फैली हुई है और सालाना करीब 90,000 करोड़ रुपये का व्यापार करती है।

उन्होंने कहा कि रिफाइनरी से प्रतिवर्ष लगभग 2,100 करोड़ रुपये का टैक्स पंजाब सरकार के खजाने में जाता है।

श्री अरोड़ा ने बताया कि नए 2600 करोड़ रुपये के निवेश से युवाओं के लिए रोजगार के नए अवसर सृजित होंगे।

वर्तमान में रिफाइनरी प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से लगभग 10,000 लोगों को रोजगार प्रदान कर रही है।

उन्होंने कहा कि देश के कुल पेट्रोल-डीजल उत्पादन में बठिंडा रिफाइनरी का योगदान 5 से 6 प्रतिशत है।

प्लास्टिक मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने के लिए पंजाब सरकार लुधियाना के पास एक विशेष प्लास्टिक इंडस्ट्रियल पार्क विकसित करने पर विचार कर रही है, जिससे पहले से मौजूद प्लास्टिक उद्योग को और मजबूती मिलेगी।

कैबिनेट मंत्री ने एचएमईएल को आश्वस्त किया कि कंपनी को विस्तार के लिए सभी आवश्यक अनुमतियाँ समयबद्ध ढंग से प्रदान की जाएंगी।

उन्होंने बताया कि एचएमईएल राज्य में पेट्रोल पंप भी स्थापित करने जा रही है, जिसकी प्रक्रिया को सरल किया गया है और अब दो दिनों के भीतर लाइसेंस जारी किए जा रहे हैं।

भविष्य में ऐसे मल्टी-फ्यूल पेट्रोल पंप स्थापित किए जाएंगे, जहाँ पेट्रोल, डीजल, सीएनजी के साथ-साथ इलेक्ट्रिक वाहनों के लिए चार्जिंग स्टेशन भी उपलब्ध होंगे। इसके लिए 0.5 एकड़ से 2 एकड़ तक भूमि की आवश्यकता होगी।

श्री अरोड़ा ने कहा कि यह निवेश केवल बठिंडा तक सीमित नहीं रहेगा, बल्कि पूरे पंजाब में रिफाइनरी और संबंधित उद्योगों के विस्तार को गति देगा।

उन्होंने यह भी बताया कि पंजाब सरकार रिन्यूएबल एनर्जी के क्षेत्र में तेजी से कार्य कर रही है, जिससे औद्योगिक प्रतिस्पर्धा को बढ़ावा मिलेगा।

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