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Bathinda बठिंडा। (government Primary Smart School of village Gyana) कुछ कर गुजरने का जजबा और आगे बढने की प्रेरणा को अगर पर्याप्त सुविधाएं मिल जाएं तो सफलता पाने से कोई नहीं रोक सकता इस बात को गांव ज्ञयाना के सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल ने साबित कर दिखाया है।

यह जिले का एक ऐसा स्कूल है, यहां पांच साल पहले टूटी चारदीवारी व इनफ्राटक्चर के अभाव से लोग अपने बच्चों को दाखिला दिलाने से भी कतराते थे, और अब इस स्कूल के बच्चे हर साल कंपीटीशन इग्जाम पास कर मानव संसाधन विकास मंत्रालय स्कूल शिक्षा एंव साक्षरता विभाग भारत सरकार की तरफ से संचालित नवोदिया विद्यालय में दाखिला पा रहे हैं।

इस प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी के लिए रीजनिंग स्टडी लोजिकल तरीके से पढाने को एचएमईएल गुरू गोबिंद सिंह रिफाइनरी ने स्मार्ट पैनल मुहैया करवाए, जिसकी बदौलत 2023-24 की परीक्षा में इस स्कूल के एक साथ 10 बच्चे प्रतियोगिता परीक्षा पास कर नवोदिया विद्यालय में सिलेक्ट हुए हैं, जिससे यह स्कूल पहला ऐसा स्कूल बन गया है।

यहां इतनी बडी तादाद में एक साथ बच्चों का चयन नवोदिया विद्यालय के लिए हुआ हो। यहां के अध्यापकों का पढाने का ढंग व उनकी तरफ से नवोदिया प्रोतियोगिता परीक्षा को लगाई जाने वाली एक्सटरा क्लासेज की बदौलत बठिंडा सहित, मुक्तसर व मानसा के बच्चे भी इस स्कूल में दाखिला लेते है। ताकि वह प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर पाएं।

1994 में खुद इसी स्कूल में पढकर नवोदिया गए गुरदर्शन, जब 2018 में हैड टीचर बनकर लौटे तो एचएमईएल की मदद से इसी स्कूल को नवोदिया जाने का रास्ता बना दिया

एक सरकारी प्राइमरी स्कूल से चलकर नवोदिया विद्यालय पहुंचने वाले गांव ज्ञयाना के गुरदर्शन सिंह ने 1994 में ज्ञयाना प्राइमरी स्कूल से ही पांचवीं तक पढाई की व 1994 में हुई नवोदिया विद्यालय की पहली प्रतियोगिता परीक्षा को पास कर वहां दाखिला लिया।

वहां से पढकर निकले और बीएड करने के बाद सरकारी नौकरी ज्वाइन की। 2018 में जब इसी स्कूल में जब हैड-टीचर बनकर लौटे तो अपने साथी अध्यापकों की मदद से यहां के बच्चों को भी नवोदिया विद्यालय तक पहुंचाने का लक्ष्य बनाया।

मगर यह रास्ता आसान नहीं था। स्कूल की चारदीवारी टूटी थी, कक्षाएं कम थी। लोग बच्चों को यहां दाखिला दिलाने से कतराते थे। स्कूल में बच्चों की संख्या मात्र 150 थी।

गुरदर्शन सिंह ने अपने साथी अध्यापकों के साथ मिलकर एचएमईएल गुरू गोबिंद सिंह रिफाइनरी से संपर्क किया और एचएमईएल ने स्कूल में चारदीवारी, कक्षाओं का निर्माण, मिड डे मील शैड, शौचाल्य ब्लाॅक, पीने के पानी के लिए आरओ सिस्टम, स्कूल बैच, वर्दियां, स्टेशनरी, इनवर्टर, फर्नीचर, स्मार्ट पैनल, स्कूल में इंटरलाॅकिंग टाइलज लगाने का काम करवाया।

इससे स्कूल में बच्चों की संख्या बढने लगी। ग्रामीणों में विश्वास पैदा करने व प्रेरणा देने के लिए हैड टीचर गुरदर्शन सिंह ने अपने दोनों बच्चों को भी इसी प्राइमरी स्कूल में दाखिल करवाया।

बच्चों को नवोदिया विद्यालय के कंपीटीशन इग्जाम के लिए तैयारी करवाने को एक्सटरा क्लासेज लगवानी शुरू की।

इससे 2018 में यहां से 2 बच्चे पहली बार नवोदिया विद्यालय के लिए सिलेक्ट हुए। इससे हौसला बढा, हर साल कभी दो व कभी तीन बच्चों का चयन नवोदिया के लिए होने लगा।

इससे यह प्राइमरी स्कूल नवोदिया जाने का रास्ता बन गया। यह देखकर लोगों ने अपने बच्चों को प्राइवेट स्कूलों से हटाकर यहां दाखिल करवाना शुरू किया, पिछले 6 साल में यहां 100 से ज्यादा बच्चों को परिजनों ने प्राइवेट स्कूल से हटाकर दाखिला करवाया।

नतीजा 150 बच्चों वाले इस प्राइमरी स्कूल में अब 350 से ज्यादा बच्चे पढ रहे हैं, जिन्हें यहां से नवोदिया कंपीटीशन इग्जाम के लिए तैयार किया जाता है। सितंबर 2023 में इस स्कूल को पंजाब के 100 स्कूल ऑफ हैपीनेस की सूची में भी चुना गया।

बठिंडा, मानसा व मुक्तसर से भी बच्चों ने यहां पढकर नवोदिया का रास्ता किया तय, लोगों ने अपने खर्च पर शुरू की स्कूल वैन ताकि यहां बच्चों को भेज पढा पाएं

सरकारी प्राइमरी स्मार्ट स्कूल ज्ञयाना में अपने बच्चों को पढाने के लिए आसपास के गांव के लोगों ने मिलकर स्कूल वैन तक लगा रखी है।

जिससे वह अपने खर्च पर चलवाकर बच्चों को यहां पढते भेजते हैं। यही नहीं बठिंडा, मानसा व मुक्तसर के कई बच्चे यहां पढकर नवोदिया का रास्ता तय कर चुके है।

गिदडबाहा की संदीप कौर ने यहां प्राइमरी में दाखिला लिया व नवोदिया का कंपीटीशन इग्जाम क्लीयर किया।

इसके अलावा मानसा के गांव रायपुर की एकमदीप कौर व तलवंडी साबो के अरनवदीप सिंह ने यहां दाखिला लेकर नवोदिया का कंपीटीशन इग्जाम पास कर दाखिला लिया।

अरनवदीप सिंह के पिता तो खुद सरकारी टीचर हैं, जिन्होंने उसे प्राइवेट की बजाए सरकारी प्राइमरी स्कूल ज्ञयाना में दाखिला दिलवाया।

इसी तरह गांव महमा सरजा से गुरसाहिब सिंह ने भी यही दाखिला लेकर नवोदिया विद्यालय का कंपीटीशन इग्जाम क्लीयर किया।

स्मार्ट पैनल से रीजनिंग स्टडी लोजिकल तरीके से पढाने में मदद मिली : गुरदर्शन

मैंने व मेरे साथी अध्यापक रविंदर कुमार व रणजीत सिंह ने यह महसूस किया कि बच्चों को कंपीटीशन इग्जाम के लिए रीजनिंग स्टडी करवाने में समस्या आ रही है, जिसके लिए हमने एचएमईएल से संपर्क किया।

जिन्होंने हमें स्मार्ट पैनल मुहैया करवाया, जिससे साल 2023-24 के लिए 22 बच्चों को स्मार्ट पैनल की मदद से लोजिकल तरीके से कंपीटीशन इग्जाम की तैयारी करवाई।

इनमें से 10 बच्चे एक साथ नवोदिया विद्यालय के लिए सिलेक्ट हुए जो इलाके में एक रिकार्ड है। मैं व मेरे साथी अध्यापक मिलकर एक्सटरा क्लासेज के जरिए बच्चों को रीजनिंग स्टडी करवाते हैं, जिससे यह कंपीटीशन इग्जाम क्लीयर कर पाएं।

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