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Chandigarh चंडीगढ़। (gidderbaha akali hardeep dimpy dhillon joins aam aadmi party) शिरोमणि अकाली दल लगातार ताश के पत्तों की तरह बिखरती जा रही है।

पंजाब के गिद्दड़बाहा से सुखबीर बादल के करीबी हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को आज पंजाब के सीएम भगवंत मान ने गले लगा लिया।

कुछ दिन पहले अकाली दल छोड़ने वाले डिंपी ढिल्लों आम आदमी पार्टी (AAP) में शामिल हो गए। सीएम भगवंत मान उन्हें पार्टी जॉइन करवाने के लिए खुद गिद्दड़बाहा पहुंचे।

सीएम ने मंच पर आते ही डिंपी को गले लगाया। इसके बाद उन्हें सिरोफा पहनाकर पार्टी में शामिल करवाया है।

डिंपी ढिल्लों ने कहा कि उन्होंने 38 साल पंथ की सेवा की है। लेकिन अपने साथ क्या हुआ है।

अब मेरे पर कई तरह के आरोप लगा रहे हैं। मुझे कहा जा रहा है कि दो महीने से इनकी आम आदमी पार्टी से मीटिंगें चल रही थी।

डिंपी ने बताया कि 5 दिन पहले सीएम साहब के ओएसडी राजबीर सिंह का फोन आया था।

उनसे बात करने के बाद मेरा आप जॉइन करने का मन बना। उन्होंने कहा कि मैंने 4 दिन सुखबीर बादल के प्रोग्राम करवाए।

अगर मेरे मन में चोर होता तो मैं उनके साथ नहीं जाता।

उन्होंने कहा कि विरोध तो तब शुरू हुआ जब मनप्रीत भी इलाके में एक्टिव हो गए। लेकिन वह यह साफ नहीं करते थे कि कौन से पार्टी जॉइन करेंगे।

मनप्रीत बादल के चलते छोड़ी पार्टी

डिंपी ढिल्लों ने SAD को छोड़ते हुए साफ किया था कि वह मनप्रीत बादल की वजह से पार्टी छोड़ रहे हैं।

उनका आरोप था कि भले ही मनप्रीत बादल भाजपा में है।

लेकिन जब भी इलाके में जाते हैं, तो कहते हैं कि सुखबीर बादल और उनके रिश्ते काफी अच्छे हैं। वह दोनों घी और खिचड़ी की तरह हैं।

ऐसे में कार्यकर्ता भी भ्रमित है। उन्होंने सुखबीर बादल को भी इस बारे में स्थिति साफ करने को कहा था, लेकिन वह भी कुछ नहीं कह रहे थे।

न ही वह खुद वहां से चुनाव लड़ने की बात कर रहे थे, न ही उन्हें उम्मीदवार घोषित किया गया।

उनकी दोस्ती पर परिवारवाद भारी हो गया।

वहीं, उन्होंने कहा कि अभी तक मौजूदा सरकार का कार्यकाल दो साल शेष हैं। ऐसे में वह अपने इलाके का विकास करवा पाए। इसलिए उन्होंने पार्टी जॉइन करने का फैसला लिया है।

हालांकि सुखबीर बादल ने पार्टी कार्यकर्ताओं से मीटिंग में कहा था कि डिंपी के पार्टी छोड़ने से उन्हें दुख लगा है।

उन्होंने डिंपी को कहा था कि वह वापस आ जाए। उन्होंने डिंपी को 10 दिन पार्टी में वापस आने का समय दिया है। साथ ही कहा था कि वह उन्हें उम्मीदवार घोषित कर देंगे।

2022 में मात्र 1349 वोटों से हारे थे

डिंपी ढिल्लों की गिदड़बाहा सीट पर अच्छी पकड़ है। दो बार चुनावों में उन्होंने SAD की टिकट पर चुनाव लड़ा था।

लेकिन दोनों बार उन्हें हार का मुंह देखना पड़ा था। साल 2012 से यहां से लगातार कांग्रेस नेता अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग चुनाव जीतने आ रहे है।

2017 में हरदीप सिंह डिंपी ढिल्लों को राजा वड़िंग ने हराया था।

चुनाव में डिंपी को 47288 को वोट मिले थे, जबकि वड़िंग को 63500 मत मिले थे।

2022 में जब पूरे राज्य में आम आदमी पार्टी की हवा थी। लेकिन इस सीट पर शिरोमणि अकाली दल और कांग्रेस के बीच में ही मुकाबला था।

इस दौरान राजा वड़िंग के वोट कम होकर 50998 रह गए, जबकि डिंपी को 49649 वोट मिले।

दोनों में जीत का अंतर 1349 वोट का था। ऐसे में डिंपी ढिल्लों खुद को काफी मजबूत दावेदर इस सीट से मानते हैं।

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