Prabhat Times
चंडीगढ़। (Legal Notice) पहले से ही खासी फज़ीहत झेल रहे भाजपा नेताओं के लिए नई मुसीबत खड़ी हो गई है। कथित तौर पर हाईकमान को खुश करने के लिए किसानों के बारे में आपत्तीजनक टिप्पणीयां करना अब पंजाब के भाजपा नेताओं को मंहगा पड़ गया है।
किसानों (Farmers) ने अब भाजपा के नेताओं (BJP leaders) को उनकी अपमानजनक टिप्पणियों (derogatory comments) के लिए लीगल नोटिस (legal notice) भेजना शुरू कर दिया है.
इस कड़ी में पहले 3 लीगल नोटिस किसानों द्वारा गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल (Nitin Patel), केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह (Giriraj Singh) और भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव (Ram Madhav) को भेजे गए हैं.
आम आदमी पार्टी (AAP) इसमें किसानों को कानूनी सहायता और सलाह मुहैया करा रही है. यह जानकारी आप के राष्ट्रीय प्रवक्ता और पंजाब के सह-प्रभारी राघव चड्ढा (Raghav Chadha) ने आज एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के जरिए दी.

कुलदीप सिंह धालीवाल ने भेजा गिरिराज सिंह को नोटिस

आपको बता दें कि भाजपा के फायरब्रांड नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने 12 दिसंबर को किसान आंदोलन के लिए कहा था, “किसान आंदोलन को भटकाने का काम किया जा रहा है.
आंदोलन में किसानों के हित की बात नहीं हो रही है. किसान आंदोलन में विदेशी ताकतें घुस रही हैं. खालिस्तान और शरजील इमाम के पोस्टर लगाए जा रहे हैं.”
इससे आहत होकर पंजाब के अमृतसर के छोटे से गांव जगदेव कालन के रहने वाले कुलदीप सिंह धालीवाल ने उन्हें लीगल नोटिस भेजा है और बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपने अपमानजनक शब्द वापस लेने की मांग की है.
कुलदीप सिंह धालीवाल का परिवार जगदेव कालन में कई पीढ़ी से किसानी कर रहा है. आजादी के पहले से उनके पूर्वज खेती-किसानी में शामिल हैं, फिलहाल कुलदीप अपने गांव में 6 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं. कुलदीप सिंह धालीवाल 27 नवंबर से सिंघु बॉर्डर पर खेती-किसानी को बचाने की लड़ाई लड़ रहे हैं.

रमणीक सिंह रंधावा ने भेजा नितिन पटेल को नोटिस

गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने 17 दिसंबर को कहा था कि, “किसानों के नाम पर इस आंदोलन में देश-विरोधी, आतंकवादी, खलिस्तानी, कम्युनिस्ट और चीन समर्थक लोग शामिल हो गए हैं.
हम देख सकते हैं कि वहां पिज्जा और पकौड़े खाए जा रहे हैं और ये सब वहां मुफ्त मिल रहा है. देश विरोधी ताकतें उन्हें प्रदर्शन करने के लिए लाखों रुपए दे रही हैं.”
इससे आहत होकर जालंधर के रहने वाले किसान रमणीक सिंह रंधावा ने उन्हें लीगल नोटिस भेजकर बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपमानजनक शब्द वापस लेने की मांग की है.
रमणीक सिंह रंधावा, पंजाब के जालंधर के रहने वाले किसान हैं और अपने पिता के साथ करीब 22 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं.
रमणीक सिंह इस कड़ाके की ठंड में 27 नवंबर से सिंघु बॉर्डर पर अपने हक की लड़ाई लड़ने के लिए खड़े हैं.

सुखविंदर सिंह सिद्धू का नोटिस राम माधव को

30 नवंबर 2020 को छपे एक आर्टिकल में भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने किसान आंदोलन पर सवाल उठाए थे और लिखा था, “कहीं किसानों के दिल्ली तरफ मार्च के पीछे खलिस्तान तो वजह नहीं है?
इस बयान से आहत होकर संगरूर के किसान सुखविंदर सिंह सिद्धू ने भाजपा के पूर्व राष्ट्रीय महासचिव राम माधव को लीगल नोटिस भेजा और बिना शर्त किसानों से माफी मांगने और किसानों के खिलाफ बोले गए अपने अपमानजनक शब्द वापस लेने की मांग की है.
सिद्धू संगरूर में 20 एकड़ जमीन पर खेती करते हैं और उन्हें खेती से जुड़े कई राज्य स्तरीय पुरस्कार भी मिले हैं. सुखविंदर सिंह सिद्धू ने करीब 1 महीने पहले टिकरी बॉर्डर पर अपने हक की लड़ाई शुरू की थी.

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