Prabhat Times
बठिंडा। पंजाब में किसानों का गुस्सा बढ़ता जा रहा है। सबसे ज्यादा परेशानी बीजेपी (BJP) नेताओं को हो रही है। परेशानी भी इतनी की उन्हें किसी भी जिला में नगर कौंसल चुनावों के लिए प्रचार और मीटिंग तक नहीं करने दी जा रही। सुबह अमृतसर के जंडियाला गुरू में मीटिंग रूकवाई गई तो दोपहर को बठिंडा में। बठिंडा में तो किसानों ने पुलिस द्वारा की गई बैरकेडिंग तक गिरा दी।
भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां) ने शनिवार को नगर निगम चुनाव को लेकर भाजपा नेताओं से चर्चा के लिए आए चुनाव प्रभारी एवं पूर्व मंत्री मनोरंजन कालिया को वापस जाने पर मजबूर कर दिया। वह यहां मित्तल माल के नजदीक स्थित एक होटल में बैठक कर रहे थे।
यूनिअन कार्यकर्ताओं ने पुलिस द्वारा लगाए गए बैरिकेड उखाड़ दिए गए तो प्रशासनिक अधिकारियों ने कालिया को होटल के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला।
हालांकि पुलिस की ओर से 500 कर्मचारियों को तैनात किया गया था और होटल को जाने वाले तीन रास्तों में चार जगहों पर मजबूत बैरिकेडिंग भी की हुई थी। किसानों के कड़े विरोध और खलल के चलते भाजपा नेता महज 45 मिनट ही बैठक कर सके।
मनोरंजन कालिया निगम चुनाव को लेकर यहां वरिष्ठ नेताओं से मीटिंग करने के लिए पहुंचे थे। पुलिस ने होटल के बाहर और तीनों रास्तों पर चार जगह बैरिकेडिंग करके 500 कर्मचारियों को तैनात कर दिया था, लेकिन भाकियू को भी इसकी भनक लग गई।
बैठक शुरू हुए आधा घंटा ही हुआ होगा कि किसान भी एक रास्ते से वहां पहुंच गए। पहुंचते ही उन्होंने बैरिकेड हटाकर रास्ता देने की मांग की, लेकिन पुलिस ने मना कर दिया। इस पर किसानों ने बैरिकेड उखाड़ दिए।
इस दौरान किसान नारेबाजी करते हुए होटल के बिलकुल पास लगे हुए बैरिकेड पर पहुंच गए। यहां पर किसानों ने अपनी बाहर खड़ी लाउड स्पीकर वाली गाड़ी को अंदर आने देने की मांग की, लेकिन पुलिस ने बात अनसुनी कर दी।
इस पर किसानों ने बैरिकेड को भी उखाड़ दिया। इससे पहले कि किसान होटल की ओर बढ़ने की कोशिश करते पुलिस ने उनकी बात मान ली तो किसान वहीं पर धरने पर बैठ गए।
दोनों जगहों पर पुलिस और किसानों के बीच जमकर जोर अजमाइश हुई, लेकिन करीब 100 की गिनती में आए किसानों के आगे 500 पुलिस कर्मचारियों की भी नहीं चली।
हंगामे की सूचना मिलते ही पुलिस व प्रशासनिक अधिकारी मौके पर पहुंच गए। जिन्होनें बैठक में पहुंचकर बाहर के हालातों से मनोरंजन कालिया को अवगत कराया और यहां से चले जाने को कहा।
हालांकि इस दौरान मनोरंजन कालिया ने अधिकारियों की इस बात का कड़ा विरोध जताया और कहा कि क्या वह पंजाब छोड़ दें। इस तरह से प्रशासन यहां पर निष्पक्ष और भयरहित नगर निगम चुनाव कैसे करवा पाएगा।
अंतत: मनोरंजन कालिया अधिकारियों की बात मान गए और उन्हें बैठक बीच में हो छोड़ने के लिए मजबूर होना पड़ा। उन्हें होटल के पिछले दरवाजे से बाहर निकाला गया।
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