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Chandigarh चंडीगढ़। (election-commissions-new-transfer-policy) लोकसभा चुनावों की तैयारियों के बीच इलैक्शन कमिशन द्वारा अधिकारियों के तबादलों को लेकर सख्त निर्देश जारी किए हैं। सभी राज्यों को दिए गए निर्देश के मुताबिक चुनाव आयोग द्वारा तबादला नीति सख्त की गई है।

भारतीय निर्वाचन आयोग ने मौजूदा तबादला नीति को और मजबूत करते हुए राज्यों को निर्देश दिए हैं कि तबादले सिर्फ खानापूर्त्ति न हो।

यकीनी बनाया जाए कि पॉलिसी के मुताबिक ट्रांसफर किए गए अधिकारी उसी लोकसभा हल्का में ट्रांसफर न हो। ताकि अधिकारी पारदर्शी चुनाव प्रक्रिया में विघ्न न डाल सके।

मौजूदा हिदायतों में ख़ामियों को दूर करते हुये आयोग ने निर्देश दिए हैं कि दो लोक सभा हलकों वाले राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों को छोड़ कर बाकी सभी राज्यों यह यकीनी बनाऐंगे कि जिन अधिकारियों का तबादला जिले से बाहर किया गया है उनकी तैनाती उसी लोक सभा हलके के किसी दूसरे जिले में न की जाये।

चुनाव आयोग ने कहा कि तबादला नीति की यथावत पालना की जानी चाहिए और यह पालना के नाम पर केवल दिखावा मात्र ही न हो।

ट्रांसफर को लेकर अभी क्या पॉलिसी है?

इलेक्शन कमिशन की पॉलिसी के मुताबिक, जो अफसर अपने होम डिस्ट्रिक्ट में पोस्टेड हैं, या फिर एक ही जगह पर 3 साल पूरे कर चुके हैं, उनका लोकसभा या विधानसभा चुनाव से पहले ट्रांसफर कर दिया जाता है।

ऐसा इसलिए ताकि ये अफसर किसी पार्टी या कैंडिडेट के फायदे के लिए चुनाव प्रक्रिया को प्रभावित ना कर सकें।

ये हुआ पॉलिसी में बदलाव

इलेक्शन कमीशन ने चुनावों में पारदर्शिता बढ़ाने के लिए अपनी मौजूदा पॉलिसी को और मजबूत करने का फैसला किया है।

मुख्य चुनाव आयुक्त रजीव कुमार ने शनिवार को कहा कि किसी जिले से बाहर ट्रांसफर किए जा रहे अफसर का ट्रांसफर एक ही संसदीय क्षेत्र में ना किया जाए।

राज्य सिर्फ यह दिखलाने के ट्रांसफर ना करें कि उन्होंने निर्देशों का पालन किया है। सही भावना के साथ इन निर्देशों को लागू किया जाए।

आयोग ने स्पष्ट किया कि ये नियम उन राज्यों या केंद्र शासित प्रदेशों में लागू नहीं होगा, जहां सिर्फ 2 लोकसभा सीटें हैं।

इस लिए दिए चुनाव आयोग ने नए निर्देश

EC के मुताबिक, ऐसे कई मामले सामने आए हैं, जिनमें अफसरों का तबादला एक जिले से आसपास के किसी जिले में कर दिया गया, लेकिन दोनों ही जिले एक ही संसदीय क्षेत्र में आ रहे थे।

आयोग ने इसे गंभीरता से लिया है। आयोग के मुताबिक राज्य सरकारें पॉलिसी में इन कमियों का फायदा उठा रहे थे। आयोग ने कहा कि चुनाव को प्रभावित करने के खिलाफ हमारी जीरो टॉलरेंस नीति है।

हो चुके तबादलों पर भी लागूं होंगे ये निर्देश

यह नियम उन तबादलों और तैनातियों पर भी लागू होगा जोकि आयोग की पहले जारी की हिदायतों के अनुसार हो चुकी हैं।

भारतीय निर्वाचन आयोग की नीति अनुसार उन सभी अधिकारियों का तबादला करने के निर्देश दिए गए थे जो या तो अपने पैतृक ज़िले में तैनात हैं या अपने स्थान पर तीन साल पूरे कर चुके हैं।

इनमें वह अधिकारी भी शामिल हैं, जो किसी भी तरीके से सीधे तौर पर चुनाव के काम के साथ जुड़े हुए हैं या सुपरवाइज़री क्षमता रखते हैं।

मतदान में पारदर्शिता बनाये रखने के मकसद के साथ किसी भी ढंग से चुनाव प्रक्रिया भंग करने वालों के विरुद्ध आयोग द्वारा ज़ीरो टालरैंस की नीति अपनायी गई है।

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