Prabhat Times
Jalandhar जालंधर। (dr narinder paul nhs hospital jalandhar) एक 47 वर्षीय NRI महिला मरीज हाल ही में एन.एच.एस अस्पताल, जालंधर आईं। वह कई सालों से वेरिकोज़ वेन्स की समस्या से परेशान थीं – जिसमें टांगों में सूजन, उभरी हुई नसें और न भरने वाले ज़ख्म शामिल थे। विदेश में कई डॉक्टरों से इलाज करवाने के बाद भी आराम नहीं मिला।
फिर उन्होंने एन.एच.एस अस्पताल के सीनियर लेप्रोस्कोपिक (दूरबीन द्वारा सर्जरी करने वाले) और लेज़र सर्जन डॉ. नरेंद्र पॉल से संपर्क किया, जिनके पास 15 वर्षों से अधिक का अनुभव है।
डॉ. नरेंद्र पॉल ने अत्याधुनिक लेज़र तकनीक से सफल सर्जरी की। न तो खून बहा, न ही टांके लगे और मरीज अगले दिन ही बिना दर्द के अपने रोजमर्रा के काम करने लगीं।
यह विशेष मामला दिखाता है कि एन.एच.एस अस्पताल का सामान्य और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग वेरिकोज वेन्स (विकृत नसों) और बवासीर के लेज़र इलाज के लिए एक भरोसेमंद केंद्र बनता जा रहा है। इसका कारण है अत्याधुनिक तकनीक और इसकी अनुभवी सर्जन टीम की व्यापक विशेषज्ञता।
इलाज की उम्मीद में लंबा सफर
47 साल की एक महिला कई वर्षों से वेरिकोज वेन्स (उभरी हुई नसों) की बीमारी से परेशान थीं। उन्हें सूजी हुई और उभरी हुई नसें, टांगों में सूजन, चलने में तकलीफ और सबसे गंभीर – ऐसे खुले घाव हो गए थे जो ठीक नहीं हो रहे थे। इन सबका असर उनकी रोज़मर्रा की ज़िंदगी पर पड़ने लगा था। उन्होंने विदेशों में भी कई डॉक्टरों से इलाज करवाया, लेकिन ज्यादा राहत नहीं मिली।
मरीज ने बताया, “मैं कई डॉक्टरों को दिखा चुकी थी लेकिन कोई खास राहत नहीं मिली। एन.एच.एस अस्पताल और डॉ. नरेंद्र पॉल के बारे में मैंने एक जानकार और ऑनलाइन रिव्यू से सुना था। सभी उनकी विनम्रता और सर्जरी में कुशलता की तारीफ कर रहे थे।”
आधुनिक लेज़र तकनीक – बिना कट के इलाज
जांच के बाद पता चला कि मरीज को वेरिकोज़ वेन्स (उभरी हुई नसों) की गंभीर बीमारी है। इसके लिए लेज़र तकनीक से मिनिमल इनवेसिव सर्जरी की गई, जिसमें न टांके लगे, न कोई बड़ा चीरा पड़ा।
डॉ. नरेंद्र पॉल ने बताया, “मेरा लक्ष्य केवल नसों का इलाज नहीं था, बल्कि सूजन कम करना, जख्म ठीक करना और मरीज को जल्दी से सामान्य जीवन में लौटाना भी था।”
24 घंटे में डिस्चार्ज – जल्दी रिकवरी की खासियत
इस इलाज की सबसे बड़ी खासियत थी कि मरीज़ को बहुत जल्दी छुट्टी मिल गई। सर्जरी के सिर्फ़ 24 घंटे बाद ही मरीज़ अपने पैरों पर चलकर घर चली गई। पुराने तरीके की सर्जरी की तरह न ज़्यादा समय अस्पताल में रहना पड़ा और न ही लंबे समय तक बिस्तर पर आराम करना पड़ा।
“मुझे कहा गया था कि मैं अगले दिन चल सकती हूँ, अपना काम कर सकती हूँ और सफ़र भी कर सकती हूँ। न खून निकला, न ही कोई दर्द हुआ। मुझे बहुत राहत मिली,” मरीज़ ने बताया।
डॉ. नरेंदर पॉल का इलाज करने का तरीका बहुत ही सावधानी से भरा और भरोसेमंद था।
उनकी मेहनत और सच्चाई इलाज के अच्छे नतीजों में साफ़ दिखी।
एन.एच.एस अस्पताल – सर्जरी में उत्तम देखभाल का नाम
एन.एच.एस हॉस्पिटल के जनरल, लैप्रोस्कोपिक और लेज़र सर्जरी विभाग ने उत्तर भारत में सर्जरी की गुणवत्ता के नए मानक स्थापित किए हैं। यहाँ आधुनिक ऑपरेशन थिएटर, कुशल डॉक्टरों और स्टाफ की टीम और मरीज़ों की देखभाल के प्रति पूरी निष्ठा के साथ काम किया जाता है। यही कारण है कि पंजाब ही नहीं, बल्कि कनाडा, यूके और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों से भी लोग इलाज के लिए यहाँ आ रहे हैं।
एक प्रवक्ता ने बताया, “एन.एच.एस हॉस्पिटल में हमारा लक्ष्य है कि हम आधुनिक तकनीक को इंसानियत के साथ जोड़कर मरीज़ों को सबसे बेहतर इलाज दें। डॉ. नरेंद्र पॉल का काम इस बात का उदाहरण है कि अनुभव, संवेदना और आधुनिक उपकरण मिलकर कैसे मरीज़ों की ज़िंदगी बदल सकते हैं।”
अब ज़्यादा लोग लेज़र इलाज क्यों चुन रहे हैं
वेरीकोज वेन्स और बवासीर के इलाज के लिए लेज़र सर्जरी आजकल बहुत पसंद की जा रही है, क्योंकि इसके कई आसान और फायदेमंद कारण हैं:
* बिना चीरे और टांकों के इलाज होता है
* बहुत कम खून निकलता है और ज़्यादा दर्द भी नहीं होता
* अस्पताल में कम समय रुकना पड़ता है और जल्दी आराम मिल जाता है
* अनुभवी डॉक्टर करें तो बीमारी दोबारा होने का खतरा कम होता है
* शरीर पर कोई दाग नहीं पड़ता और दिखने में भी अच्छा लगता है
डॉ. नरेंद्र पॉल: भरोसे और सटीकता का नाम
15 साल से ज़्यादा सर्जरी का अनुभव रखने वाले डॉ. नरेंद्र पॉल आज लैप्रोस्कोपिक और सामान्य सर्जरी में एक जाना-पहचाना नाम बन चुके हैं, खासकर गुदा (anorectal) और नसों (venous) से जुड़ी बीमारियों के लेज़र इलाज में। मरीज़ अक्सर उन्हें इस तरह से बयान करते हैं:
बहुत विनम्र और शांत स्वभाव के
ईमानदार और पूरी तरह से समर्पित
बेहद माहिर और सटीक ऑपरेशन करने वाले डॉक्टर
हर मरीज़ की देखभाल खुद करते हैं, शुरुआत से लेकर पूरी रिकवरी तक
डॉ. पॉल कहते हैं, “मरीज़ों का इलाज सिर्फ सर्जरी नहीं है, बल्कि उन्हें सुरक्षित, समझदार और सम्मानित महसूस कराना है — और उन्हें सबसे बेहतर इलाज के विकल्प देना भी ज़रूरी है।”
एन.एच.एस अस्पताल का मकसद: हर किसी के लिए उन्नत इलाज
अस्पताल प्रबंधन ने दोहराया कि उनका उद्देश्य अंतरराष्ट्रीय स्तर की चिकित्सा सुविधाएं स्थानीय और NRI मरीज़ों को सुलभ कराना है।
“हमें गर्व है कि NRI मरीज़ एन.एच.एस अस्पताल पर भरोसा करते हैं। यह दिखाता है कि लोगों को हमारे सर्जनों, खासकर डॉ. नरेंद्र पॉल, पर कितना विश्वास है। साथ ही यह भी दिखाता है कि हम लगातार अपनी सुविधाओं को बेहतर बनाने पर ध्यान दे रहे हैं,” अस्पताल प्रशासक ने कहा।
चाहे बात बवासीर और वेरीकोज नसों के लेज़र इलाज की हो, या हर्निया, पित्ताशय की पथरी और अपेंडिक्स की लेप्रोस्कोपिक सर्जरी की — एन.एच.एस का जनरल सर्जरी विभाग हमेशा आधुनिक स्वास्थ्य सेवा के सबसे आगे रहा है।
उन लोगों के लिए संदेश जो चुपचाप तकलीफ़ सह रहे हैं
यह कहानी सिर्फ एक NRI मरीज़ की सफल सर्जरी की नहीं है—यह उन सभी लोगों के लिए एक प्रेरणा है जो वेरीकोज नसों या बवासीर जैसी बीमारियों के कारण सालों से दर्द, शर्मिंदगी और रोज़मर्रा की परेशानियों का सामना कर रहे हैं।
“सिर्फ सर्जरी के डर से इलाज को न टालें। आज की लेज़र तकनीक ने इलाज को बेहद आसान, सुरक्षित और तेज़ बना दिया है। मुझे सिर्फ यही अफ़सोस है कि मैं एन.एच.एस अस्पताल पहले क्यों नहीं आया,” मरीज़ ने भावुक होकर कहा।
यह एक याद दिलाने वाली बात है—सही इलाज समय पर लेना ही असली राहत की शुरुआत होती है।
अपॉइंटमेंट और जानकारी के लिए संपर्क करें:
जनरल और लेप्रोस्कोपिक सर्जरी विभाग
एन.एच.एस अस्पताल, जालंधर
डॉ. नरेंद्र पॉल (सीनियर लेप्रोस्कोपिक सर्जन)
विशेषज्ञता: लेज़र सर्जरी – वेरिकोज़ वेन्स, पाइल्स, फिशर, हर्निया, पित्त की थैली, अपेंडिक्स
संपर्क: 0181-4633333, 0181-4707700
वेबसाइट: www. www.nhshospital.in
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