

यहां पर करवाई जाने वाली सह-सहायक गतिविधियां तथा प्रतियोगिताएं हमें नए मंच प्रदान करते हुए हम में एक नया जोश भर देती भी। जो हमारे अंदर जीत की भावना को पैदा करते हुए हमारे आत्मविश्वास को भी बढ़ाता था। उसी आत्मविश्वास के बल पर आज अमन यहाँ तक पहुँची है।
स्कूल में बने दोस्त अमरजोत संधु, हरप्रीत बल, अमन तथा हरजोत चीमा के साथ बिताए पल उन्हें आज भी याद है । आज भी वह सब एक दूसरे के साथ बीते समय की यादों को ताज़ा करते हैं।
जो हम सपनों में सोचते थे वैसा स्कूल हमें गांव में मुहैया करवाया। उन्होंने कहा कि वह सदा यही चाहती है कि डिप्स सदैव विद्यार्थियों के लिए सर्वपक्षिय विकास की बगिया बना रहे।