Prabhat Times

Punjab : 49. 81% voting till 3 PM

चंडीगढ़। (dera lovers in support of akali dal and bjp in punjab) डेरा सच्चा सौदा सिरसा की राजनीतिक विंग ने पंजाब विधानसभा चुनावों में रातों रात अपना फैसला बदल दिया। सुबह कुछ जगहों पर डेरा प्रेमी भाजपा के समर्थन में वोट करके आए। लेकिन इसके बाद कोड वर्ड ‘फूल के साथ तकड़ी’ आ गया। ‘फूल’ यानी कमल भाजपा का चुनाव चिन्ह है, जबकि ‘तकड़ी’ यानी तराजू शिरोमणि अकाली दल का चुनाव चिन्ह है।
राजनीतिक विंग के इशारे पर डेरा प्रेमी शिरोमणि अकाली दल के समर्थन में आ गए है। हालांकि इससे पहले शनिवार शाम तक डेरे का समर्थन भाजपा को था। एकाएक फैसला बदलने का कारण सियासी है। मालवा में AAP को कमजोर करने के लिए अकाली दल का समर्थन किया गया है।

शहर में BJP और गांवों में SAD को मिल रहा समर्थन

पंजाब में मालवा की सीटों लंबी, सरदूलगढ़, जीरा, बठिंडा, गिदडबाहा, सुनाम, की सीटों पर डेरा प्रेमी अकाली दल के उम्मीदवारों का समर्थन करते हुए देखे जा रहे हैं। फिरोजपुर रूरल में अकाली और अर्बन में भाजपा, पटियाल अर्बन और रूरल भाजपा का समर्थन किया।
धूरी में डेरा ने किसी को समर्थन नहीं किया। डेरे ने आम आदमी पार्टी से दूरी बना रखी है। हालांकि डेरे ने खुलकर किसी को समर्थन नहीं किया। अंदरखाते ही समर्थन था। पंजाब में कांग्रेस, भाजपा और पंजाब लोक कांग्रेस, शिरोमिण अकाली दल- बसपा गठबंधन प्रमुख है।

तलवंडी साबों में खुलकर जस्सी के पक्ष में प्रेमी

डेरे की राजनीतिक विंग ने तलवंडी साबों सीट पर डेरा प्रमुख के समधी हरमिंदर जस्सी को समर्थन दिया है। जस्सी डेरा प्रेमी भी है और लगातार तीन चुनाव हार चुके हैं। इसलिए अबकी बार राजनीतिक विंग उसकी जीत को सुनिश्चित करने के लिए पूरा जोर लगा रही है। जस्सी कांग्रेस में शामिल थे। लेकिन टिकट न मिलने से तलवंडी साबों से आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं।

नोटा का भी खुलकर प्रचार

सभी राजनीतिक पार्टियों से नाराज डेरे का एक धड़ा पंजाब में नोटा का बटन दबा रहा है। इस मुहिम के तहत डेरा प्रेमी पंजाब के कई जिलों में खुलकर नोटा को वोट देने की अपील कर चुके हैं। डेरा प्रेमियों का एक धड़ा सोशल मीडिया पर फेथ वर्सेज वर्डिक्ट पेज पर नोटा मुहिम के तहत एक्टिव है।

इन जिलों की सीटों पर प्रभाव

मालवा में आने वाले फिरोजपुर, मोगा, फाजिल्का, अबोहर, फरीदकोट, मुक्तसर साहिब बठिंडा, पटियाला, लुधियाना, मानसा, संगरूर, बरनाला, मलेरकोटला, फतेहगढ़ साहिब जिले आते हैं। मालवा बेल्ट में 69 विधानसभा क्षेत्र ऐसे है, जहां डेरा का प्रभाव माना जाता था।

ये भी पढ़ें