नई दिल्ली (ब्यूरो): उत्तराखंड बीजेपी पर कोरोना वायरस का संकट गहराने लगा है। पहले पर्यटन मंत्री सतपाल महाराज के घर को क्वारंटीन किया गया और फिर शहरी-विकास मंत्री मदन कौशिक के एक कार्यक्रम में कोरोना पॉज़िटिव युवर के आने के चलते उनके संक्रमित होने का ख़तरा पैदा हो गया। अब देहरादून स्थित बीजेपी हेडक्वार्टर पर क्वारन्टीन नोटिस लग गया है लेकिन बीजेपी नेताओं ने इस मामले पर होंठ सिल लिए हैं। यह नोटिस कब लगा और क्यों लगा है यह कोई बताने को तैयार नहीं है।
क्या छुपाना चाहती है बीजेेपी
चिंताजनक बात यह है कि बीजेपी ने इस बारे में किसी को कुछ बताया भी नहीं। पुराने हो चुके इस नोटिस को खुर्च दिया गया है। इसकी वजह से लिखी क्वांरटीन अवधि तक नहीं दिख रही है। यह नोटिस कब लगा इसको ठीक-ठीक बताने को कोई तैयार नहीं।बीजेपी मुख्यालय पर लगा नोटिस बुरी तरह खुरच दिया गया है जिससे पढ़ने में कुछ नहीं आ रहा। सवाल उठता है कि जब भाजपा हेडक्वार्टर पर क्वारंटीन नोटिस चस्पा कर दिया गया था, तो हेडक्वार्टर में बेरोकटोक नेताओं पत्रकारों की आवाजाही कैसे होती रही। क्यों नहीं लोगों को इसकी जानकारी दी गई।
ताज्जुब कि बात यह है कि आम आदमी को क्वारंटीन नियमों के उल्लंघन करने पर जेल में ठूंस देने वाली पुलिस को भी यहां ऐसा कुछ नजर नहीं आया। इस लापरवाही या कृत्य के लिए ज़िम्मेदार पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष अध्यक्ष बंशीधर भगत ने बताया कि यह नोटिस पार्टी महामंत्री संगठन अजेय कुमार के कारण लगाया गया था। अजेय कुमार यूपी के सहारनपुर से लौटे थे।