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चंडीगढ़। (cm bhagwant mann threat to central government) सीएम भगवंत मान ने आज केंद्र सरकार को धमकी दी है कि यदि एक सप्ताह के अंदर 3622 करोड़ रुपए का रोका हुआ देहाती विकास फंड न दिया तो एक जुलाई को वह सुप्रीम कोर्ट जाएंगे।

इसके बाद अब सिख गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल बिल भी पास कर दिया गया है।

भगवंत मान आज पंजाब विधानसभा में विशेष सत्र के दौरान आरडीएफ (Rural Development Fund) को लेकर खेती मंत्री गुरमीत सिंह खुड्डियां की ओर से लाए गए प्रस्ताव पर बोल रहे थे।

आज केंद्र सरकार के साथ साथ पंजाब की कांग्रेस और भाजपा पर वह जमकर बरसे।

मुख्यमंत्री ने आरोप लगाया कि गैर भाजपा सरकारों को तंग करने का केंद्र सरकार ने मन बना रखा है और हर राज्य में इस काम के लिए राज्यपाल को बिठा रखा है।

उन्होंने कहा कि अगर दो दिन अगर राज्यपाल मुख्यमंत्री को तंग न करें तो केंद्र सरकार उन्हें कह देती है कि आपको राज्यपाल बनाने का क्या फायदा हुआ।

राज्यपाल बनवारी लाल पुरोहित के लिखे पत्रों की फाइल भी उन्होंने सदन में दिखाई।

उन्होंने कहा कि राज्यपाल मुझे पत्र लिखते रहते हैं, लेकिन क्या यह उनका फर्ज नहीं बनता है कि वह केंद्र सरकार से पैसा रोके जाने संबंधी बात करें।

पंजाब विधानसभा के स्पेशल सेशन के दूसरे दिन की कार्यवाही चल रही है। मुख्यमंत्री भगवंत मान की तरफ से पेश किया गया गुरुद्वारा एक्ट 1925 संशोधन बिल विधानसभा में पास कर दिया गया। इससे पहले रूरल डेवलपमेंट फंड (RDF) जारी न करने पर केंद्र सरकार के खिलाफ प्रस्ताव पास किया गया।

CM भगवंत मान ने कहा कि 21 जुलाई तक एक चैनल के पास एकाधिकार है। उसके बाद सभी चैनलों पर अमृतसर स्थित गोल्डन टेंपल से गुरबाणी सभी चैनलों पर चलेगी। इसकी फीड फ्री होगी, जो भी चलाना चाहे, वह इसे चला सकता है।

इसके बाद विधानसभा में पंजाब की यूनिवर्सिटीज का चांसलर गवर्नर की जगह मुख्यमंत्री को बनाने का बिल पेश कर दिया गया है।

‘हमारा पैसा जारी करें, सड़कें चमका देंगे’

मान ने कहा कि दरअसल राजभवन सत्ताधारी पार्टियों के दफ्तर बन गए हैं। अगर केंद्र सरकार हमारे रोके हुए 3622 करोड़ दें, सड़कें चमका देंगे।

उन्होंने आरडीएफ को रोकने को बाजू मरोड़ने की संज्ञा देते हुए कहा कि कई और योजनाओं का पैसा रोक रखा है।

मुख्यमंत्री ने यह भी धमकी दी कि इस समय देश में अनाज की कमी है और यदि हमने गेहूं की फसल रोक ली तो देश में अनाज की कमी खड़ी हो जाएगी।

लेकिन पंजाब दरियादिल है, हम देश के लोगों को भूखा नहीं मारना चाहते। केंद्र को अपनी हरकतों पर ध्यान देना चाहिए।

मान ने केंद्र की नीतियों को बताया दमनकारी

केंद्र की नीतियों को दमनकारी बताते हुए उन्होंने कहा कि कभी आर्डिनेंस लाकर तंग करते हैं तो कभी आरडीएफ रोककर हमें तंग किया जा रहा है।

विपक्ष के नेता प्रताप सिंह बाजवा पर बरसते हुए भगवंत मान ने कहा कि वह बार-बार आपरेशन लोटस के बारे में पूछ रहे हैं , क्या भाजपा में जाने के लिए हमसे ऑपरेशन लोटस के बारे में पूछ रहे हैं।

हमारे विधायकों को मटेरियल बता रहे हैं तो क्या मैं भी कहूं कि राहुल गांधी ट्रकों पर चढ़े फिर रहे हैं और प्रदेश प्रधान अमरिंदर राजा वड़िग बसों से भागते फिर रहे हैं।

गवर्नर को चिट्‌ठी लिखने के अलावा कोई काम नहीं

मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा कि गवर्नर साहब कहते हैं सत्र बुलाने की क्या जरूरत है। वे खाली बैठे हैं, उन्हें चिट्‌ठी लिखने के अलावा कोई काम नहीं।

वे कहते हैं कि चिटि्ठयों का जवाब नहीं देते। हम बहुत के जवाब भी देते हैं। कुछ को टाइम लग जाता है।

गवर्नर का फर्ज बनता है कि पंजाब के हक में ऊपर जाकर बात करें, लेकिन गवर्नर उलट करते हैं। इस दौरान पंजाब पुलिस संशोधन बिल को भी पास कर दिया गया।

मान ने कहा- विदेशों में चैनल के 54 डॉलर

सिख गुरुद्वारा एक्ट संशोधन बिल पर CM भगवंत मान ने कहा-”गुरबाणी प्रसारण मुद्दे पर एसजीपीसी प्रधान हरजिंदर धामी कहते हैं कि यह फ्री है। लेकिन, यह फ्री नहीं है।

यह एक्सक्लूसिव राइट हैं, यानी कि चैनल मालिक है। यह गुरुओं की बाणी है, यह इनके एक्सक्लूसिव राइट कैसे हो सकते हैं।

चैनल को कमाई कैसे होती है, मुख्यमंत्री ने अपना पक्ष रखा। उन्होंने कहा- अमेरिका, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया में गुरबाणी वाला चैनल लगवाना है तो 54 डॉलर लगते हैं।

इसी चैनल पर गुरबाणी चलती है, सभी सुनते हैं। सभी इसी चैनल की सब्सक्रिप्शन लेते हैं, जिससे टीआरपी बढ़ जाती है। उसके साथ चैनल को विज्ञापन मिलते हैं। इससे कमाई हो रही है।

मुख्यमंत्री ने दावा किया कि जल्द ही इसी चैनल के एक अन्य चैनल को एसजीपीसी अपना चैनल बनाकर दिखाएगी। इस पर गुपचुप बैठकें चल रही हैं। लेकिन यह रहेगा उसी चैनल के पास रहेगा।

अकाली विधायक ने विरोध किया

सिख गुरुद्वारा संशोधन बिल पर अयाली ने कहा-”SGPC के मामलों में सीधे तौर पर दखलअंदाजी नहीं करनी चाहिए। एसजीपीसी सिखों की सर्वोच्च संस्था है।

इसके लिए कई लोगों ने कुर्बानियां दी हैं। संस्था के मेंबर सिखों के वोट से चुनकर आते हैं। वे फैसला लेने में समर्थ हैं। 2015 से लेकर अब तक हर अमेंडमेंट उनकी सहमति से हुई।

श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार रघबीर सिंह ने भी अनुरोध किया है। आपस में बैठकर इसका हल निकालना चाहिए।

बसपा के विधायक डॉ. नछत्तर सिंह ने भी सिख संशोधन बिल का विरोध किया। उन्होंने SGPC के साथ बैठकर बातचीत करने की बात कहा।

‘पंजाब के किसानों को सजा दी जा रही है’

इससे पहले, पंजाब विधानसभा में आज चार सीजन के देहाती विकास फंड का 3622 करोड़ रुपए रोकने का विरोध करने वाला प्रस्ताव कृषि मंत्री गुरमीत सिंह खुडियां ने पेश किया।

जिस पर बहस करते हुए मंत्री मीत हेयर ने आरोप लगाया कि पंजाब के किसानों की ओर से तीन खेती कानूनों का विरोध करने के कारण ही आज किसानों को सजा दी जा रही है।

उन्होंने कहा कि जब किसान तीन खेती कानूनों का विरोध कर रहे थे तो उन्हें कभी आतंकी कहा गया तो कभी नक्सली कहा गया।

मीत हेयर ने कहा कि केंद्र सरकार की ओर से पंजाब के साथ की जा रही धक्केशाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

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