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New Delhi नई दिल्ली। (cigarettes tobacco cold drinks will become expensive gst) कोल्ड ड्रिंक, सिगरेट और तंबाकू जैसे हानिकारक उत्पाद महंगे हो सकते हैं।

जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने के लिए गठित मंत्री-समूह ने ऐसे उत्पादों पर टैक्‍स दर को मौजूदा 28 फीसदी से बढ़ाकर 35 फीसदी करने का प्रस्‍ताव दिया है।

एक अधिकारी ने बताया कि बिहार के उपमुख्यमंत्री सम्राट चौधरी की अध्यक्षता में गठित मंत्री-समूह (जीओएम) ने परिधानों पर टैक्‍स की दरों को भी तर्कसंगत बनाने का फैसला किया।

इ्स समूह का गठन वस्‍तु और सेवा कर (जीएसटी) की दरों को तर्कसंगत बनाने से संबंधित सुझाव देने के लिए किया गया था।

मंत्री-समूह की बैठक में लिए गए फैसलों पर जीएसटी परिषद अंतिम फैसला करेगी।

इन उत्‍पादों पर 35% टैक्‍स लगाने पर सहमति

अधिकारी ने कहा, ‘मंत्री-समूह ने तंबाकू और उससे बने उत्पादों के अलावा एयरेटेड पेय पदार्थों (कोल्ड ड्रिंक) पर 35 फीसदी की विशेष दर लगाने पर सहमति जताई है।’

अधिकारी ने कहा कि 5, 12, 18 और 28 फीसदी की चार-स्तरीय कर स्लैब जारी रहेगा। जीओएम की ओर से 35 फीसदी की नई दर प्रस्तावित की गई है।

इसके साथ ही जीओएम ने 1,500 रुपये तक की लागत वाले रेडीमेड कपड़ों पर पांच फीसदी जीएसटी लगाने की बात कही है।

जबकि 1,500 रुपये से 10,000 रुपये के मूल्य वाले कपड़ों पर 18 फीसदी और 10,000 रुपये से अधिक लागत वाले कपड़ों पर 28 फीसदी टैक्‍स लगेगा।

कुल मिलाकर 148 वस्तुओं पर टैक्स रेट में बदलाव का प्रस्ताव

मंत्री-समूह की बैठक में लिए गए फैसलों पर जीएसटी परिषद अंतिम फैसला करेगी.

मंत्री-समूह जीएसटी परिषद को कुल मिलाकर 148 वस्तुओं पर टैक्स रेट में बदलाव का प्रस्ताव देगा.

एक अधिकारी ने कहा, ‘इस कदम का शुद्ध राजस्व प्रभाव सकारात्मक होगा.’अधिकारी ने कहा, “मंत्री-समूह ने तंबाकू और उससे बने उत्पादों के अलावा एयरेटेड पेय पदार्थों (कोल्ड ड्रिंक) पर 35 प्रतिशत की विशेष दर लगाने पर सहमति जताई है.”

21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में फैसले की उम्‍मीद

मंत्री समूह की रिपोर्ट पर 21 दिसंबर को जीएसटी परिषद की बैठक में चर्चा किए जाने की उम्मीद है।

परिषद की अध्यक्षता केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण करेंगी और इसमें राज्यों के वित्त मंत्री भी शामिल होंगे। जीएसटी दर में बदलाव पर अंतिम निर्णय जीएसटी परिषद ही लेगी।

वर्तमान में, जीएसटी एक चार-स्तरीय कर संरचना है जिसमें पांच, 12, 18 और 28 फीसदी के स्लैब हैं।

इस बीच जीएसटी मुआवजा उपकर पर गठित जीओएम ने अपनी रिपोर्ट जमा करने के लिए जीएसटी परिषद से लगभग छह महीने का और समय दिए जाने की मांग करने का फैसला किया है। समूह को 31 दिसंबर तक अपनी रिपोर्ट जीएसटी परिषद को सौंपनी थी।

वित्त राज्य मंत्री पंकज चौधरी के नेतृत्व में इस जीओएम का गठन किया गया था। इसमें असम, छत्तीसगढ़, गुजरात, कर्नाटक, मध्य प्रदेश, पंजाब, तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के सदस्य शामिल हैं।

अधिकारी ने कहा, ‘जीओएम ने फैसला किया कि मुआवजा उपकर मामले में कई कानूनी मुद्दे शामिल हैं।

कानून के विभिन्न पहलुओं पर विस्तार से चर्चा की जानी है, जिसमें समय लगेगा। परिषद को रिपोर्ट जमा करने के लिए समय बढ़ाने की मांग करने का निर्णय लिया गया है।’

ऐसी स्थिति में यह मंत्री-समूह पांच से छह महीने का और समय मांग सकता है।

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