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New Delhi नई दिल्ली(canadian government announces 2 year cap on  student visas) कनाडा जाकर उच्च शिक्षा ग्रहण करने वाले छात्रों के लिए बुरी खबर है।

कनाडा की जस्टिन ट्रूडो सरकार ने अगले दो साल के लिए अंतरराष्ट्रीय छात्र वीजा में कटौती करने और वीजा जारी करने के लिए एक सीमा तय करने का ऐलान किया है।

कनाडा के इमिग्रेशन मिनिस्टर मार्क मिलर ने ओटावा में इसकी घोषणा की।

जस्टिन ट्रूडो सरकार द्वारा छात्र वीजा में कटौती की घोषणा ऐसे समय में की गई है, जब कनाडा में आवास का तेजी से संकट बढ़ा है।

नई सीमा तय करने की घोषणा से इस साल कनाडा में नई स्टडी वीजा में कुल मिलाकर 35% की कमी आएगी, ओंटारियो जैसे विशिष्ट प्रांतों को इससे भी अधिक 50% तक कटौती हो सकेगी।

हालांकि, मंत्री ने कहा कि आने वाले हफ्तों में चिकित्सा और कानून जैसे पेशेवर कार्यक्रमों के साथ-साथ मास्टर और डॉक्टरेट कार्यक्रमों में नामांकित छात्रों के जीवनसाथियों के लिए ओपन वर्क परमिट उपलब्ध होंगे।

कनाडा की नई घोषणा से भारत के वैसे हजारों छात्रों को मायूसी हाथ लग सकती है, जो कनाडा जाकर पढ़ने का सपना संजोए हुए हैं।

इनमें अधिकतर छात्र पंजाब और गुजरात से आते हैं। फिलहाल कनाडा में भारत के करीब साढ़े तीन लाख छात्र हैं।

कनाडा में भारत समेत अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या दस लाख के पार हो गई है। कोविड-19 के बादा कनाडा ने 2023 में 5.80 लाख रकॉर्ड स्टडी वीजा जारी किए थे।

कनाडा से मिली रिपोर्ट के अनुसार 2024 के लिए, संघीय सरकार का लक्ष्य तीन लाख 60 हजार स्नातक अध्ययन परमिट को मंजूरी देना है, जिससे 2023 से संख्या 35 प्रतिशत कम हो जाएगी।

सरकार के इस फैसले से भारतीय छात्रों पर बड़ा असर पड़ेगा।

2022 तीन लाख भारतीय छात्र गए कनाडा

विशेष रूप से, भारतीय कनाडा में अंतरराष्ट्रीय छात्रों का सबसे बड़ा समूह हैं, जिन्हें 2022 में 41 प्रतिशत से अधिक परमिट प्राप्त हुए हैं।

रिपोर्ट के अनुसार, वर्तमान अनुमान बताता है कि 2023 में तीन लाख से अधिक भारतीय छात्र कनाडा गए।

कनाडा में, अब प्रांतों और क्षेत्रों को जनसंख्या के आधार पर कुल परमिट का एक हिस्सा आवंटित किया जाएगा, जिससे उन प्रांतों में बहुत अधिक महत्वपूर्ण कमी आएगी, जहां अंतरराष्ट्रीय छात्र आबादी में सबसे अधिक अस्थिर वृद्धि देखी गई है।

वीजा की संख्या का होगा पुनर्मूल्यांकन

प्रत्येक क्षेत्र तय करेगा कि विश्वविद्यालयों और कॉलेजों में परमिट कैसे वितरित किए जाएंगे।

यह सीमा दो साल के लिए लागू रहेगी, जिसमें 2025 में जारी किए जाने वाले वीजा की संख्या का पुनर्मूल्यांकन किया जाएगा।

यहां पड़ेगा असर

मिलर ने कुछ निजी संस्थानों द्वारा अंतर्राष्ट्रीय छात्रों का लाभ उठाने, कम संसाधन वाले परिसरों का संचालन करने, छात्र समर्थन की कमी, उच्च ट्यूशन फीस वसूलने और अंतर्राष्ट्रीय छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि के बारे में चिंताओं पर जोर दिया।

मिलर ने कहा, ‘यह अस्वीकार्य है कि कुछ निजी संस्थानों ने कम संसाधनों वाले परिसरों का संचालन करके, छात्रों के लिए समर्थन की कमी और उच्च ट्यूशन फीस वसूल कर अंतरराष्ट्रीय छात्रों का लाभ उठाया है, जबकि अंतरराष्ट्रीय छात्रों की संख्या में उल्लेखनीय वृद्धि हुई है।’

सीबीसी के अनुसार, सीमा के अलावा, संघीय सरकार को अंतरराष्ट्रीय छात्रों को परमिट के लिए आवेदन करते समय एक प्रांत या क्षेत्र से एक सत्यापन पत्र प्रदान करने की आवश्यकता होगी।

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