Prabhat Times
Chandigarh चंडीगढ़। (cabinet meeting chandigarh cm bhagwant mann decisions) पंजाब सरकार की आज कैबिनेट मीटिंग में लैंड पूलिंग पॉलिसी को लेकर बड़ा फैसला लिया गया।
सरकार ने तय किया है लैंड पूलिंग में जमीन के बदले किसानों को प्लॉट का कब्जा देने तक सरकार उनको 1 लाख रुपए सालाना देगी।
अगर इसमें देरी होती है तो हर साल इस राशि में 10 फीसदी इजाफा किया जाएगा। वहीं, जब तक एरिया विकसित नहीं होता है, तो किसान उस पर खेती कर पाएंगे।
पंजाब के सीएम भगवंत मान ने कैबिनेट मीटिंग के बाद पत्रकारों से बातचीत में कहा कि लैंड पूलिंग को लेकर विरोधी दल अफवाहें फैला रहे हैं। किसी तरह की कोई रजिस्ट्री नहीं रोकी गई।
हम किसानों से जबरदस्ती जमीन नहीं ले रहे हैं। हमारी कोशिश यही है जमीन का पैसा असली जमीन मालिकों को मिले।
उन्होंने बताया कि किसान को मिलने वाले किराये में 5 गुना बढ़ोतरी की गई। योजना में शामिल होने की सहमति पर भी 50 हज़ार का चेक मिलेगा।
सीएम ने बताया कि जिन किसानों की जमीन एक एकड़ से कम एक्वायर होनी है। उसके लिए भी हमने प्लान बनाया है। उसके लिए उन्हें प्लॉट दिए।
अगर कोई व्यक्ति कमर्शियल प्लॉट नहीं लेना है। तो उसका रेसिडेंशियल एरिया बढ़ा दिया जाएगा। स्कीम में किसानों को जमीन के बदले जमीन ही दी जानी है।
जब पत्रकारों ने सीएम भगवंत मान से पूछा कि सरकार 65 हजार एकड़ जमीन एक्वायर करने जा रही है। यह प्रक्रिया एक साथ चलेगी, तो लोग परेशान होंगे।
इस पर सीएम ने कहा कि 65 हजार एकड़ जमीन कौन एक्वायर कर रहा है। पटियाला शहर के चार गांव और संगरूर के दो गांव हैं। हम गांवों को थोड़ी उजाड़ देंगे।
हम भी पंजाब के हैं। कोई ऐसा हमला थोड़ी कर देंगे। आबादी बढ़ी है, ऐसे में हमारी कोशिश है कि अवैध कॉलोनियां न बसें, ताकि लोगों को बाद में यह पछताना न पड़े कि वे गलत जगह फंस गए हैं।
एक सवाल के जवाब में सीएम ने कहा कि जब गुरु साहिब का 300 साल मनाया गया था, उस समय बादलों की सरकार थी। वह धर्म में हस्तक्षेप नहीं था।
जब जालंधर और लुधियाना चुनाव में एसजीपीसी प्रधान धामी साहब प्रचार कर रहे होते थे, तो वह धर्म में दखल नहीं होता है। गुरु साहिब उनके ही हैं क्या? गुरु साहिब सबके सांझे हैं।
गुरु साहिब के साढ़े तीन सौ साल मनाने का सबको हक है। क्या इन्होंने गुरु साहिब का समागम मनाने का कॉपीराइट ले लिया है? कई समाजसेवी संस्थाएं समारोह मनाएंगी।
जब पत्रकारों ने पूछा कि वे सवाल करते हैं कि अकाली समय में विरासत खालसा बनाया गया।
सरकार को इस तरह के काम करने चाहिए। इस पर सीएम ने कहा कि इस तरह की चीजें बनाई जाएंगी। थोड़ा ज्ञान बहुत हानिकारक होता है।
सरकार स्कीम को लेकर चुकी है फीडबैक
पंजाब सरकार ने लैंड पूलिंग के मामले को गंभीरता से लिया है। चंडीगढ़ में राज्य के कई पंचों और सरपंचों से मुलाकात की गई है।
साथ ही, स्कीम को लेकर फीडबैक लिया गया है। इसके बाद स्कीम में कुछ बदलाव भी किए गए हैं। इस मामले को लेकर विरोधी पार्टियां सरकार पर हमलावर रही हैं।
कांग्रेस और अकाली दल की तरफ से इस मुद्दे पर बड़ी रैलियां भी की गई हैं। वहीं, सीएम भगवंत मान को अपने प्रोग्राम के बारे में लैंड पूलिंग नीति के संबंध में सफाई देनी पड़ी है।
इसे संकट प्रबंधन से ही जोड़ा जा रहा है। ऐसे में सरकार नहीं चाहती है कि इस मुद्दे पर किसी अन्य दल को राजनीति करने दी जाए।
21 दिनों में लेटर ऑफ इंटेंट जारी होगा
हालांकि इससे पहले दिन में सरकार की ओर से यह फैसला लिया गया था कि किसानों की सहमति मिलने के 21 दिनों के भीतर उन्हें “लेटर ऑफ इंटेंट” (Letter of Intent) जारी कर दिया जाएगा।
इसके साथ ही, जब तक विकास कार्य शुरू नहीं होते, किसानों को प्रति एकड़ सालाना ₹50,000 की अग्रिम भुगतान (एडवांस पेमेंट) दी जाएगी। अब ये राशि बढ़ा कर एक लाख रुपए सालाना की गई है।
हालांकि, सीएम ने धूरी में एक कार्यक्रम के दौरान कहा था कि इस राशि को बढ़ाने पर भी विचार किया जा रहा है।
जब तक विकास कार्य शुरू नहीं होते, किसान अपनी जमीन पर खेती कर सकेंगे और उससे होने वाला पूरा मुनाफा भी उन्हीं का होगा
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