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Chandigarh चंडीगढ़। शहरी विकास और औद्योगिकीकरण को गति देने के लिए जनहित में बड़ा फैसला लेते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान की अध्यक्षता में पंजाब मंत्रिमंडल ने “पंजाब एकसमान भवन नियम–2025” (पंजाब यूनिफाइड बिल्डिंग रूल्स , 2025) को मंजूरी दे दी है।

मुख्य मंत्री की अध्यक्षता में हुई कैबिनेट बैठक में लिया गया।इस निर्णय की जानकारी देते हुए मुख्यमंत्री कार्यालय के प्रवक्ता ने बताया कि इस अधिनियम का उद्देश्य पूरे पंजाब में निर्माण और विकास गतिविधियों के लिए एक समान, पारदर्शी और व्यापक नियामक ढांचा स्थापित करना है।

यह नियम आवास निर्माण एवं शहरी विकास विभाग तथा स्थानीय सरकार विभाग दोनों पर समान रूप से लागू होंगे, जिससे अनुमोदन और कार्यान्वयन में एकरूपता आएगी और अनावश्यक जटिलताएं दूर होंगी।

इस क्षेत्र में किए मुख्य सुधारों में व्यवसाय को आसान बनाना, भूमि के कुशल उपयोग को प्रोत्साहन देना और ऊर्ध्वाधर (वर्टिकल) शहरी विकास को बढ़ावा देना शामिल है।

नए नियमों के तहत निम्न-ऊँचाई वाली इमारतों की अनुमेय ऊँचाई 15 मीटर से बढ़ाकर 21 मीटर कर दी गई है।

साथ ही, तीसरे पक्ष द्वारा योजना की स्व-प्रमाणन की सुविधा दी गई है ताकि नक्शा पास करवाने की प्रक्रिया पारदर्शी और त्वरित हो सके।

ऊँची इमारतों के प्रोजेक्ट्स के लिए जांच केवल आवश्यक सुरक्षा मानकों तक सीमित रहेगी जिससे अनावश्यक देरी समाप्त होगी।

इन नियमों के अंतर्गत शुल्क देकर अतिरिक्त ग्राउंड कवरेज और एफ.ए.आर. की अनुमति दी जाएगी तथा पार्किंग, सेटबैक और खुली जगह से संबंधित प्रावधानों में भी रियायतें दी गई हैं।

इसके साथ ही आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों, किफायती एवं किराये के मकानों की व्यवस्था को भी इस एकीकृत ढांचे में शामिल किया गया है।

आधुनिक शहरी जरूरतों के अनुरूप मिक्स्ड लैंड यूज़ और मल्टी–लेवल पार्किंग जैसी नई इमारती श्रेणियां लागू की जाएंगी।

विस्तृत बालकनी, बेसमेंट उपयोग, कार लिफ्ट की अनुमति और जहां पर्याप्त शहरी स्तर की सुविधाएं उपलब्ध हैं, वहां ऑन–साइट एस.टी.पी. से छूट दी गई है।

ये सुधार पंजाब में टिकाऊ, निवेश–अनुकूल और मानक–आधारित निर्माण दिशा में महत्वपूर्ण कदम हैं।

गिरवीकरण और रहननामे से संबंधित दस्तावेज़ों पर स्टाम्प ड्यूटी और रजिस्ट्रेशन फीस में तर्कसंगत संशोधन को मंजूरी

कैबिनेट ने भारतीय स्टाम्प अधिनियम, 1899 (पंजाब) और रजिस्ट्रेशन फीस नियमों में संशोधन कर गिरवीकरण और रहननामे (हाइपोथैकेशन ऐंड इक्विटेबल मॉर्गेज) के दस्तावेजों पर स्टाम्प ड्यूटी एवं रजिस्ट्रेशन फीस को तर्कसंगत बनाने की मंजूरी दी।

यह उद्योगों पर वित्तीय बोझ घटाने, कारोबार में सहूलियत बढ़ाने और किफायती ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करने वाला प्रगतिशील निर्णय है।

“पंजाब नशा उपचार, परामर्श और पुनर्वास नियम–2025” को भी कैबिनेट की मंजूरी

कैबिनेट ने पंजाब सब्सटांस यूज़ डिसऑर्डर ट्रीटमेंट, काउंसलिंग और रिहैबिलिटेशन रूल्स–2025 को मंजूरी दी है, जो 2011 के नियमों और 2020 में किए गए संशोधनों की जगह लागू होंगे। इसका उद्देश्य राज्य में नशा मुक्ति एवं पुनर्वास केंद्रों की निगरानी को सख्त बनाना है।

ये नियम राज्य के 36 सरकारी, 177 लाइसेंस प्राप्त निजी नशा मुक्ति केंद्रों और ओ.टी क्लीनिकों को नियमन में लाएंगे।

नए प्रावधानों में लाइसेंसिंग, नवीनीकरण और निरीक्षण प्रक्रिया को और पारदर्शी बनाना, बायोमेट्रिक उपस्थिति और ऑनलाइन डेटा रिपोर्टिंग को अनिवार्य करना, नियमों के उल्लंघन पर दंड का प्रावधान, स्टाफ एवं इंफ्रास्ट्रक्चर के उन्नत मानक और बुप्रेनॉरफीन–नालोक्सोन की सुरक्षित आपूर्ति को सुनिश्चित करना शामिल है।

खेल विभाग में 100 से अधिक पदों की भर्ती को मंजूरी

राज्य में खेल चिकित्सा ढांचे को मजबूत करने के लिए कैबिनेट ने पंजाब स्पोर्ट्स मेडिकल कैडर में ग्रुप–ए के 14, ग्रुप–बी के 16 और ग्रुप–सी के 80 पदों की भर्ती को मंजूरी दी है।

यह निर्णय खिलाड़ियों की चोटों की स्थिति में शीघ्र उपचार और रिकवरी सुनिश्चित करेगा तथा वैज्ञानिक तरीकों से खेल प्रदर्शन को बेहतर बनाने में मदद करेगा।

इन पेशेवरों की नियुक्ति पटियाला, संगरूर, बठिंडा, फरीदकोट, फाज़िल्का, लुधियाना, अमृतसर, गुरदासपुर, जालंधर, एस.ए.एस. नगर, रोपड़ और होशियारपुर जैसे प्रमुख खेल जिलों में की जाएगी।

डेराबस्सी में 100 बिस्तरों वाला ई.एस.आई. अस्पताल स्थापित करने हेतु भूमि आवंटन को मंजूरी

डेराबस्सी और आसपास के औद्योगिक क्षेत्रों में कार्यरत मजदूरों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएं उपलब्ध करवाने के लिए कैबिनेट ने लगभग 4 एकड़ भूमि लीज़ पर देकर 100 बिस्तरों वाले ई.एस.आई. अस्पताल की स्थापना को मंजूरी दी है।

वर्तमान में इस क्षेत्र के कर्मचारी लुधियाना, मोहाली और चंडीगढ़ स्थित ई.एस.आई. अस्पतालों पर निर्भर हैं।

नया अस्पताल इन पर भार घटाएगा और औद्योगिक कल्याण के साथ सामाजिक सुरक्षा को भी मजबूत करेगा।

सब–तहसील लुधियाना (उत्तरी) के गठन को हरी झंडी

लुधियाना जिले के तेजी से विकसित हो रहे शहरी क्षेत्रों में प्रशासनिक दक्षता और जनता की सुविधा बढ़ाने के लिए कैबिनेट ने सब–तहसील लुधियाना (नॉर्थ) के गठन को मंजूरी दी है।

इससे रजिस्ट्री और इंटकाज़ जैसी सेवाओं की प्रक्रिया तेज होगी तथा मौजूदा संसाधनों का बेहतर उपयोग हो सकेगा।

नगर परिषद बरनाला को नगर निगम में अपग्रेड करने का निर्णय

कैबिनेट ने नगर परिषद बरनाला को नगर निगम में अपग्रेड करने की मंजूरी भी दे दी है।

यह फैसला योजनाबद्ध शहरी विकास, नागरिक बुनियादी ढांचे को सशक्त बनाने और तेजी से बढ़ते शहर के लिए कुशल शासन सुनिश्चित करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम है।

इससे शहरी शासन में पारदर्शिता आएगी, नागरिक सेवाओं में सुधार होगा और शहरवासियों के जीवन स्तर में वृद्धि होगी।

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