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Chandigarh चंडीगढ़। (bikram majithia disproportionate assets case) पंजाब में आय से अधिक संपत्ति मामले में गिरफ्तार पूर्व मंत्री और शिरोमणि अकाली दल के नेता बिक्रम सिंह मजीठिया को मोहाली अदालत से झटका लगा।

उनकी याचिका को अदालत ने खारिज कर दिया है। ऐसे में अब साफ है कि उन्हें जमानत के लिए हाईकोर्ट जाना पड़ेगा।

सरकारी वकील ने बताया कि जमानत याचिका खारिज हो गई।

करीब एक महीने से बहस चल रही थी। वहीं, इसी केस में उनकी पत्नी पत्नी गनीव कौर हाईकोर्ट पहुंची है।

उन्होंने विजिलेंस द्वारा 10 अगस्त को उन्हें जारी हुए उस नोटिस को चुनौती दी, जिसमें उनसे संपत्ति का ब्योरा मांगा गया है।

मामले में पंजाब सरकार को नोटिस हुआ है। अब मामले की अगली सुनवाई 26 सितंबर को होगी।

मजीठिया के वकील अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि अदालत ने याचिका खारिज करते हुए कहा कि अभी तक मामले की जांच पेंडिंग है।

जैसे ही हमारे पास मोहाली अदालत का आदेश आएगा।

इसके बाद पूरी पड़ताल करने के बाद हम इसे पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। पहले भी मजीठिया को हाईकोर्ट से ही राहत मिली थी।

अमृतसर से मजीठिया को किया था अरेस्ट

विजिलेंस ब्यूरो ने 25 जून को आय से अधिक संपत्ति के मामले में अमृतसर स्थित उनके घर से मजीठिया को गिरफ्तार किया था।

इस बार जांच का दायरा हिमाचल, दिल्ली और यूपी तक फैला है। हिमाचल में उनकी जमीन होने का दावा किया गया है,

वहीं यूपी के गोरखपुर में उनकी शुगर मिल और दिल्ली में फार्म हाउस होने की जानकारी मिली है। इन स्थानों से मिली सामग्री को चालान का हिस्सा बनाया जाएगा।

साथ ही, जांच में 6 लोगों के बयान दर्ज किए गए हैं, जिनमें पूर्व डीजीपी सिद्धार्थ चट्टोपाध्याय भी शामिल हैं, जिनके कार्यकाल में मजीठिया पर एनडीपीएस का केस दर्ज हुआ था।

ईडी के पूर्व डिप्टी डायरेक्टर निरंजन सिंह और 4 अन्य लोगों के बयान भी लिए गए हैं, जो पहले मजीठिया के करीबी रहे हैं।

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