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नई दिल्ली। (AIIMS) देश में कोरोना की दूसरी लहर के खतरनाक होने के लिए जिम्मेदार डेल्टा वेरिएंट (Delta Variant) के अब डेल्टा प्लस (Delta Plus) में तब्दील होने के बाद तीसरी लहर की आशंका भी गहराने लगी है। कुछ एक्सपर्ट अगले डेढ़-दो महीने में तीसरी लहर के आने की भविष्यवाणी कर रहे हैं तो कुछ सितंबर-अक्टूबर में। इस बीच एम्स के डायरेक्टर डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कोरोना की तीसरी लहर को रोकने के 3 ‘मंत्र’ बताए हैं। साथ में उन्होंने यह भी बताया कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन कब तक उपलब्ध हो सकती है क्योंकि तीसरी लहर में बच्चों के सबसे ज्यादा प्रभावित होने की आशंका भी जताई जा रही है।

पहला ‘मंत्र’- लापरवाही नहीं, नियमों का सख्ती से पालन जरूरी

डॉक्टर रणदीप गुलेरिया ने कहा, ‘तीसरी लहर हमारे हाथ में हैं। अगर हम इसे आने से रोकना चाहते हैं तो हमें 2-3 चीजों को करना चाहिए। पहली यह कि हमें सख्ती से कोविड एप्रोप्रिएट बिहैवियर का पालन करना चाहिए। जब केस कम हो रहे हैं तो हमें उसी गलती को नहीं दोहराना चाहिए जो पहली लहर के दौरान की गई थी। हमने सोचा कि वायरस चला गया है और अब हम जो चाहे वह कर सकते हैं। हमें यह समझना चाहिए कि वायरस नहीं गया है, अभी भी है, म्यूटेट हो रहा है और चिंता बढ़ाने वाला रूप धर रहा है। इसलिए कोविड अप्रोप्रिएट बिहैवियर बहुत जरूरी है। अगर हम मास्क पहनते हैं, फीजिकल डिस्टेंस का पालन करते हैं, हाथ धोते हैं, भीड़ लगाने से बचते हैं तो कोई भी वेरिएंट फैल नहीं पाएगा।’

दूसरा ‘मंत्र’- निगरानी

गुलेरिया ने बताया, ‘कोरोना की तीसरी लहर को आने से रोकने के लिए जो दूसरी महत्वपूर्ण चीज है, वह है- निगरानी। जिस किसी भी इलाके में कोरोना के केस बढ़ रहे हैं, पॉजिटिविटी रेट बढ़ रहा है, अस्पतालों में मरीज बढ़ रहे हैं तो हमें उस इलाके को कंटेन करने की जरूरत है, सख्ती से वहां पाबंदियां लगाने की जरूरत है ताकि वायरस न फैले। उस इलाके में बड़ी तादाद में टेस्टिंग, ट्रैकिंग और ट्रीटिंग (इलाज) की जरूरत है ताकि वहां जितने भी कोरोना पॉजिटिव हों, उनका टेस्ट कर उन्हें आइसोलेट किया जा सके।’

तीसरा ‘मंत्र’- तेजी से वैक्सीनेशन

डॉक्टर गुलेरिया ने आगे कहा, ‘तीसरी लहर को रोकने के लिए जो तीसरी महत्वपूर्ण चीज है, वह है तेजी से वैक्सीनेशन। ज्यादा से ज्यादा लोगों को वैक्सीन लग जाने से गंभीर रूप से बीमारों की संख्या कम होगी और संक्रमण की कमी टूटेगी। अगर हम इन 2-3 चीजों को करते हैं तो तीसरी लहर आएगी ही नहीं या फिर देर से आएगी और बहुत कमजोर रहेगी।’

डेल्टा प्लस वेरिएंट पर अभी कुछ कहना मुश्किल: गुलेरिया

यह पूछे जाने पर कि क्या कोरोना वायरस का डेल्टा वेरिएंट चिंता बढ़ाने वाला है, गुलेरिया ने कहा, ‘अभी हमारे यहां डेल्टा प्लस वेरिएंट के करीब 42 केस हैं इसलिए यह कहना बहुत मुश्किल है कि यह कुछ ऐसा नुकसान पहुंचा रहा है जिसके बारे में हमें चिंतित होना चाहिए।’

बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की: गुलेरिया

डॉक्टर गुलेरिया ने कहा कि बच्चों को फिलहाल कोरोना से बहुत ज्यादा खतरा नहीं है और अगले कुछ महीनों में उनके लिए भी कोरोना की वैक्सीन उपलब्ध हो जाएगी। उन्होंने कहा, ‘बच्चों में कोरोना की बीमारी बहुत हल्की होती है, हमें सबसे पहले बुजुर्गों और जिन्हें पहले से कई बीमारी है उन्हें वैक्सीन लगाना चाहिए। बच्चों के लिए फाईजर वैक्सीन को एफडीए अप्रूवल मिल चुका है और इस वैक्सीन को भारत में आने की अनुमति दी गई है।’

तेजी से चल रहा है बच्चों के लिए वैक्सीन का ट्रायल

एम्स डायरेक्टर ने बताया कि बच्चों के लिए वैक्सीन को लेकर फाइजर को पहले से ही एफडीए की मंजूरी मिल चुकी है और इस वैक्सीन को भारत में आने की इजाजत दी जा चुकी है। उन्होंने बताया कि भारत बायोटेक और दूसरी कंपनियां भी बहुत तेजी से ट्रायल कर रही हैं क्योंकि बड़ी तादाद में अभिभावक ट्रायल के लिए अपने बच्चों के साथ सामने आ रहे हैं।

कब तक देश में बच्चों के लिए आ सकती है कोरोना वैक्सीन?

गुलेरिया ने कहा कि उम्मीद है कि जल्द ही ट्रायल पूरे हो जाएंगे और सितंबर तक हमारे पास उससे जुड़े डेटा उपलब्ध हो जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि उस वक्त तक हो सकता है कि बच्चों के लिए कोरोना वैक्सीन को इमर्जेंसी यूज की इजाजत मिल जाएगी। इस तरह सितंबर-अक्टूबर तक हमारे पास वैक्सीन होगी जिसे हम बच्चों को लगा सकेंगे।

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