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चंडीगढ़। (accused has withdrawn his complaint against minister lalchand kataruchak) कैबिनेट मिनिस्टर लाल चंद कटारूचक अश्लील वीडियो मामले में नया मोड़ आ गया है।

पंजाब के राज्यपाल व एससी कमिशन के आदेशों पर पंजाब पुलिस की तरफ से बनाई गई जांच कमेटी के सामने शिकायतकर्ता ने कार्रवाई से ही इनकार कर दिया है।

जिसके बाद जांच कमेटी प्रमुख डीआईजी बॉर्डर रेंज नरेंद्र भार्गव ने जांच रिपोर्ट राष्ट्रीय अनुसूचित जाति आयोग को भेज दी है।

मिली जानकारी के अनुसार जांच के दौरान यह भी बात सामने आयी कि जिस समय पीड़ित के साथ अश्लील वीडियो कांड हुआ और उसे गालियां निकाली गईं, तब वह नाबालिग ही नहीं था।

जांच कमेटी ने पीड़ित के स्कूल को आयु जांच के लिए लिखा था। जिसमें सामने आया कि स्कूल रिकार्ड के अनुसार उसकी जन्मतिथि 3 मई 1993 है।

यह घटनाक्रम 2013 में हुआ था। जिससे साफ होता है कि पीड़ित की उम्र घटना क्रम के वक्त तकरीबन 20 साल थी।

यह भी साफ हुआ कि बच्चा नौंवी कक्षा में पढ़ता था और उसके बाद उसने स्कूल छोड़ दिया था।

कटारूचक के लिए राहत

शिकायतकर्ता के पीछे हट जाने से मंत्री लाल चंद कटारूचक के लिए एक बड़ी राहत है। इस घटनाक्रम के बाद मंत्री कटारूचक लगातार विपक्ष के निशाने पर थे।

विपक्ष उनके इस्तीफे की मांग कर रहा था, लेकिन सीएम कार्यालय की तरफ से कोई भी टिप्पणी इस पर नहीं की गई।

एससी कमिशन के कहने पर जांच कमेटी बनाई गई, जिसकी रिपोर्ट भी अब जांच अधिकारी ने भेज दी है।

जानें कब क्या हुआ

कांग्रेस के MLA सुखपाल सिंह खैहरा ने पंजाब के गवर्नर बनवारी लाल पुरोहित से मिलकर एक शिकायत और वीडियो सौंपा। खैहरा का आरोप था कि यह वीडियो पंजाब सरकार के मंत्री लालचंद कटारूचक्क का है। वीडियो में कटारूचक्क एक नाबालिग युवक से अप्राकृतिक संबंध बनाते दिख रहे हैं। आरोपों के बाद कटारूचक्क ने खैहरा पर मानहानि का केस करने का दावा किया।

 पंजाब गवर्नर ने खैहरा की शिकायत की जांच पंजाब डीजीपी की जगह चंडीगढ़ पुलिस के डीजीपी को सौंपी। चंडीगढ़ के डीजीपी ने वीडियो को फोरेंसिक जांच के लिए भेज दिया। 4 दिन पहले वीडियो की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पंजाब गवर्नर के पास पहुंच गई। रिपोर्ट में कहा गया कि वीडियो में दिख रहे किरदार सही हैं और वीडियो के साथ कोई छेड़छाड़ नहीं हुई।

इसी बीच पीड़ित युवक, जिसके साथ कटारूचक्क का वीडियो बताया जा रहा था, भी मीडिया के सामने आ गया। उसने अपने साथ हुई आपबीती सुनाते हुए बताया कि कैसे नौकरी दिलाने के बहाने उसका शोषण किया गया।

पीड़ित अपनी शिकायत लेकर SC/ST कमीशन के पास पहुंचा। कमीशन ने बिना देरी किए शुक्रवार को ही पंजाब के चीफ सेक्रेटरी और डीजीपी को नोटिस जारी कर दिए। इस नोटिस में दोनों से 3 वर्किंग डे में लिखित जवाब देने को कहा गया।

बीते शनिवार को पंजाब गवर्नर ने भी वीडियो की फोरेंसिक जांच रिपोर्ट पंजाब के CM भगवंत मान को भेज दी। गवर्नर की ओर से मुख्यमंत्री को इस मामले में आगे की कार्रवाई करने के लिए कहा गया।

पंजाब गवर्नर और SC/ST कमीशन का दबाव बढ़ता देखकर पंजाब सरकार ने सोमवार को इस केस से जुड़ी शिकायत की जांच के लिए पंजाब पुलिस की तीन मेंबरी एसआईटी बना दी। एसआईटी का इंचार्ज पंजाब पुलिस की बॉर्डर रेंज के डीआईजी नरेंद्र भार्गव को बनाया गया। गुरदासपुर के एसएसपी दयामा हरीश कुमार और पठानकोट के एसएसपी हरकमल प्रीत सिंह खख इसके सदस्य हैं।

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