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Chandigarh चंडीगढ़(govt bans use of mobile phones within 50 metres of char dham shrines) उत्तराखंड सरकार ने चार धाम मंदिरों के 50 मीटर के दायरे में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने पर रोक लगा दिया है। साथ ही मंदिर से 200 मीटर तक मोबाइल प्रतिबंधित रहेंगे।

राज्य के मुख्य सचिव राधा रतूड़ी ने कहा कि इससे तीर्थस्थलों पर यात्रा प्रबंधन में बाधा आ रही है।

रतूड़ी ने कहा कि प्रशासन उन लोगों के खिलाफ भी मामला दर्ज करेगा जो चारधाम यात्रा के बारे में रील बनाकर गलत सूचना फैला रहे हैं।

राज्य के मुख्य सचिव ने कहा कि राज्य में चारधाम यात्रा सही तरीके से चल रहा है।

काफी संख्या में श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। राज्य सरकार ने श्रद्धालुओं के लिए सभी इंतजाम कर रखा है।

लेकिन, यह देखा जा रहा है कि मंदिर परिसर में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने से अन्य श्रद्धालुओं को दिक्कत हो रही है।

साथ ही उनकी आस्था को भी चोट पहुंच रही है।

मुख्य सचिव ने कहा कि फैसला लिया गया है कि चार धाम मंदिर परिसरों के 50 मीटर के दायरे में रील बनाने या वीडियोग्राफी करने पर पूरी तरह बैन रहेगा।

मुख्य सचिव ने यह भी कहा कि कुछ लोग रील के जरिए भ्रम फैला रहे हैं।

उन्होंने कहा कि भ्रामक जानकारी के साथ रील बनाना एक अपराध है।

अगर आप आस्था के साथ यात्रा पर जा रहे हैं तो मंदिरों के पास रील बनाना गलत बात है।

इससे यह भी पता चलता है कि आप आस्था के लिए नहीं आ रहे हैं।

आप उन लोगों की भावनाओं को ठेस पहुंचा रहे हैं जो अपनी आस्था के लिए यहां आ रहे हैं।

आप उन्हें तब भी परेशान कर रहे हैं जब वे चारधाम मंदिरों में पूजा करने आ रहे हैं।

बद्रीनाथ-केदारनाथ मंदिर समिति (बीकेटीसी) के अध्यक्ष अजेंद्र अजय ने कहा कि यह राज्य सरकार का बहुत अच्छा निर्णय है।

हम लंबे समय से इसकी मांग कर रहे हैं और दो-तीन साल से लगातार इस मुद्दे को उठा रहे हैं।

समस्या यह है कि आजकल बहुत से लोगों, खासकर युवाओं को धर्मस्थलों पर रील बनाने की आदत हो गई है

जिससे न केवल अन्य तीर्थयात्रियों को परेशानी होती है, बल्कि भक्तों और पुजारियों की भावनाएं भी आहत होती हैं

अजेंद्र अजय ने बताया कि पिछले साल हमने देखा कि कई लोग केदारनाथ मंदिर के अंदर से वीडियो और तस्वीरें अपलोड कर रहे थे और मंदिर की पवित्रता को कमजोर कर रहे थे।

इसलिए बीकेटीसी ने मंदिर के अंदर किसी भी तरह की फोटोग्राफी पर रोक लगाने का निर्णय लिया।

यदि कोई व्यक्ति दिशानिर्देशों का उल्लंघन करता पाया गया तो उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी।

चारों धामों में श्रद्धालुओं की बढ़ती भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सरकार सख्त कदम उठाने जा रही है।

कमिश्नर गढ़वाल विनय शंकर पांडेय ने कहा कि बिना पंजीकरण और पंजीकरण की तय तिथि से पहले ही धामों में दर्शन कराने को लेकर ले जाने वाले ट्रेवल एजेंटों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

उनके वाहनों के परमिट स्थायी रूप से निरस्त किए जाएंगे।

कमिश्नर गढ़वाल व मुख्यमंत्री के सचिव पांडेय ने सभी श्रद्धालुओं से अपील है कि वो बिना पंजीकरण के यात्रा को उत्तराखंड न आएं।

बिना रजिस्ट्रेशन वाले यात्रियों को ले जाने पर वाहनों के परमिट सीधे निरस्त होंगे।

उन्होंने कहा कि ये तथ्य सामने आया कि ऑफलाइन पंजीकरण में जिन लोगों ने आगे की तारीखों में पंजीकरण कराया है, वे पहले ही यात्रा को जा रहे हैं।

इससे श्रद्धालुओं की संख्या में लगातार इजाफा हो रहा है। ऐसे में बिना पंजीकरण की बसों और गाड़ियों को तत्काल रोकते हुए वापस भेजा जाएगा।

उन्होंने बताया कि परिवहन विभाग टूर ऑपरेटर्स के साथ बिना रजिस्ट्रेशन, बिना ट्रिप कार्ड या पोस्ट डेटेड रजिस्ट्रेशन के वाहनों के मुद्दे पर बैठक करेगा। बिना रजिस्ट्रेशन वाले वाहनों को जगह-जगह पर स्थापित चेक प्वाइन्टस पर चिन्हित कर उचित कार्रवाई की जाएगी।

इस संबंध में मुख्य सचिव की ओर से अन्य राज्यों के मुख्य सचिवों ओर पुलिस महानिदेशकों को भी पत्र भेजा जाएगा।

बिना पंजीकरण आने वालों पर नकेल कसने को स्थानीय स्तर पर आरटीओ और जिला प्रशासन की टीमें सख्ती से निपटेंगी।

अगर कोई टूर ऑपरेटर पंजीकरण वाले दिनों से हट कर यात्रियों को ले जाते हुए मिलता है तो यात्रियों को होल्ड करने के साथ ही वाहनों के परमिट निरस्त होंगे।

अन्य राज्यों को भी एडवाइजरी जारी की जा रही है कि वह लोगों से अपील करें कि पंजीकरण के बाद ही यात्रा करें।

जिला प्रशासन पौड़ी और टिहरी को भी यात्रा रूट पर पड़ाव क्षेत्रों को चिन्हित करने के निर्देश दिए गए हैं।

पड़ाव क्षेत्रों में वाहनों की पार्किंग और श्रद्धालुओं को भोजन पानी भी उपलब्ध कराया जाएगा।

पंजीकरण जांचने के दौरान इस बात का भी पूरा ख्याल रखा जाएगा कि इससे यातायात बाधित न हो।

पिछले सालों से कहीं अधिक श्रद्धालु

कमिश्नर ने बताया कि इस बार चारों धामों में पिछले साल के मुकाबले कहीं अधिक श्रद्धालु पहुंचे हैं।

पिछली साल पहले दिन यमुनोत्री में 6838 श्रद्धालु पहुंचे थे। इस बार संख्या 12193 रही।

गंगोत्री में पिछले साल 4000 और इस साल 5203 रही।

केदारनाथ में पिछले साल 18335 और इस साल 29030 और बदरीनाथ में 4507 के मुकाबले 22690 श्रद्धालु पहुंचे। अधिक संख्या के कारण परेशानियां हो रही हैं।

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