Prabhat Times
New Delhi नई दिल्ली। (holika dahan 2024 date confusion know when is choti holi puja muhurat mantra and puja vidhi) ज्योतिष शास्त्र के अनुसार फाल्गुन पूर्णिमा के दिन भद्रा रहित प्रदोष काल में किया जाता है.
बता दें कि इस बार लोगों में होलिका दहन को लेकर कंफ्यूजन बना हुआ है. बता दें कि जब भद्रा लगी होती है तब होलिका दहन नहीं किया जाता.
ऐसे में रविवार या सोमवार दोनों दिन को लेकर लोगों में संशय की स्थिति बनी हुई है.
हिंदू धर्म में कोई भी पर्व उदयातिथि के अनुसार मनाया जाता है, लेकिन सभी पर्व के लिए ये नियम लागू नहीं होता.
कई बार उचित तिथि में मुहूर्त के आधार पर भी इसका निर्धारण किया जाता है.
ऐसे में जानते हैं इस बार होलिका दहन किस दिन, शुभ मुहूर्त में किया जाएगा. साथ ही, इस दिन का महत्व और विधि भी जानें.
24 या 25 किस दिन होगा होलिका दहन ?
ज्योतिषाचार्य के अनुसार इस बार होलिका दहन के लिए फाल्गुन पूर्णिमा तिथि 24 मार्च रविवार के दिन सुबह 9 बजकर 23 मिनट पर शुरू होगी.
इसका समापन 25 मार्च सोमवार के दिन दोपहर 11 बजकर 31 मिनट पर होगा. ऐसे में उदयातिथि के आधार पर फाल्गुन पूर्णिमा 25 मार्च के दिन होगी.
लेकिन दिन में तिथि का समापन होने के कारण ही होलिका दहन 24 मार्च की रात में किया जाएगा.
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त 2024
बता दें कि 24 मार्च रविवार के दिन रात 10 बजकर 28 मिनट के बाद भद्रा का साया खत्म होगा.
ऐसे में रात 10:28 के बाद ही होलिका दहन किया जा सकेगा.
साथ ही, कहते हैं कि भद्रा के साये में कोई भी शुभ कार्य नहीं किया जाता. इसलिए 24 मार्च की देर रात ही होलिका दहन किया जाएगा.
होलिका दहन पर करें ये मंत्र जाप
रविवार 24 मार्च की रात होलिका दहन के समय ज्योतिष शास्त्र में कुछ मंत्र जाप के बारे में बताया गया है.
इस दौरान आपको ॐ होलिकायै नमः मंत्र का उच्चारण करना चाहिए. इससे शुभ फलों की प्राप्ति होती है.
होलिका दहन पूजा विधि
– 24 मार्च को होलिका दहन के दिन शुभ मुहूर्त में होलिका के पास दक्षिण दिशा में एक कलश की स्थापना करें. और फिर पंच देवताओं की पूजा करें.
– इसके बाद होलिका मंत्र का जाप करें और पूजन करें.इस दौरान प्रहलाद और भगवान नरसिंह की पूजा का विधान है. होलिका की सात बार परिक्रमा करें और उसमें कच्चा सूत लपेट दें.
– ज्योतिष शास्त्र के अनुसार नारियल, जल और अन्य पूजा सामग्री होलिका में अर्पित करें. होलिका दहन करें. बता दें कि होलिका दहन के समय अग्नि में गेंहू की बालियां सेककर खाने से स्वास्थ्य लाभ होता है.
होलिका दहन के दौरान क्या न करें
मान्यतानुसार होलिका दहन के समय हरे पेड़-पौधों का प्रयोग नहीं करना चाहिए. कहते हैं कि अगर आप ऐसा करते हैं, इससे कुंडली में आपका बुध ग्रह खराब हो सकता है.
बता दें कि हरे पेड़-पौधों का स्वामी बुध को माना गया है. कहते हैं कि हरे पेड़-पौधे जलाने से व्यक्ति को रोग और शोक दोनों ही परेशानियों का सामना करना पड़ता है.
होलिका दहन का महत्व
ज्योतिष शास्त्र के अनुसार होलिका दहन का पर्व असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक माना जाता है.
होलिका ने भक्त प्रह्लाद को आग में जलाकर मारने की कोशिश की थी, लेकिन भगवान विष्णु के भक्त प्रहलाद की रक्षा स्वयं भगवान विष्णु ने की और होलिका खुद अग्नि में जलकर मर गई.
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