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New Delhi नई दिल्ली(ayodhya nagari decorated for the ram lalla consecration ceremony) भारत समेत दुनियाभर के राम भक्त 22 जनवरी के ऐतिहासिक दिन का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं, जब उनके रामलला अपने भव्य मंदिर के गर्भगृह में प्राण प्रतिष्ठित किए जाएंगे.

उससे पहले राम मंदिर समेत पूरी अयोध्या नगरी को दुल्हन की तरह सजाया-संवारा गया है.

फूलों की खुशबू में लिपटे और रंग बिरंगी लाइटों की रोशनी में नहाए राम मंदिर की भव्यता देखते ही बन रही है. राम मंदिर पर तीन दिन हैलीकॉप्टर से फूलों की वर्षा होगी.

Ayodhya Ram Mandirराम मंदिर के अंदर और बाहर तरह-तरह के फूलों से सजावट की गई है. इसके अलावा शानदार लाइटिंग के चलते राम मंदिर बहुत ही मनोरम  नजर आ रहा है. मंदिर के मुख्य द्वार को भी अलग-अलग तरह के फूलों से सुसज्जित किया गया है. Ayodhya Ram Mandir 3rdइसके अलावा पूरे श्रीराम जन्मभूमि परिसर को एक अलग रूप दे दिया गया है. परिसर के मुख्य द्वार पर गेंदे के फूलों से वेलकम नोट लिखा गया है, ’प्राण प्रतिष्ठा महोत्सव में आए हुए सभी भक्तों का श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट स्वागत करता है’.

Ayodhya Ram Mandir 4thबता दें कि राम मंदिर का निर्माण मशहूर वास्तुकार चंद्रकांत सोमपुरा की देखरेख में शास्त्रीय परंपरा के अनुसार नागर शैली में हुआ है. इसकी लंबाई पूर्व से पश्चिम की ओर 380 फीट, जबकि चौड़ा उत्तर से दक्षिण की ओर 250 फीट है. फिलहाल प्रथम तल बनकर तैयार हुआ है.

Ayodhya Ram Mandir निर्माण पूरा होने के बाद राम मंदिर की नींव से शिखर तक की ऊंचाई 161 फीट होगी. राम मंदिर के स्तंभों और दीवारों पर देवी.देवताओं के चित्र उकेरे गए हैं. पूरी तरह बनने के बाद मंदिर में कुल तीन मंजिल होंगे. हर मंजिल की ऊंचाई 20 फीट रखी जाएगी. इसमें कुल 392 स्तंभ और 44 दरवाजे होंगे.

Ayodhya Ram Mandir 6thराम मंदिर के प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मुख्य यजमान होंगे. पीएम प्राण प्रतिष्ठा के लिए 11 दिन का विशेष अनुष्ठान कर रहे हैं, जिसके तहत वह यम नियमों का पालन कर रहे हैं. वह जमीन पर सो रहे हैं और आहार में सिर्फ नारियल पानी का सेवन कर रहे हैं. इसके अलावा वह ब्रह्म मुहूर्त में उठकर विशेष मंत्रों का जाप भी कर रहे हैं.

Ayodhya Ram Mandir 7thये मंत्र उन्हें सिद्ध संतों से प्राप्त हुए हैं. प्रधानमंत्री मोदी ने 12 जनवरी से अपने 11 दिवसीय अनुष्ठान की शुरुआत की थी. तबसे वह हर दिन देश के अलग अलग मंदिरों में जा रहे हैं और वहां दर्शन पूजन कर रहे हैं.

वह अब तक नासिक, आंध्र प्रदेश, केरल और तमिलनाडु के विभिन्न मंदिरों में जा चुके हैं. ये सभी मंदिर किसी न किसी प्रकार से भगवान राम से जुड़े हुए हैं.

2000 CR के बजट का अनुमान था, 3500 CR मिला दान: नृपेंद्र मिश्रा

रामलला की प्राण प्रतिष्ठा से पहले राम मंदिर निर्माण समिति के अध्यक्ष नृपेंद्र मिश्रा ने कहा कि गर्भगृह में 2 घंटे का कार्यक्रम होगा।

प्राण प्रतिष्ठा के बाद पीएम मोदी शिव मंदिर में पूजा करेंगे। कार्यक्रम के बाद पीएम नरेंद्र मोदी का संबोधन होगा। इस दौरान पीएम मोदी जूते-चप्पल नहीं पहनेंगे।

उन्होंने कहा, ‘मंदिर का पहला नक्शा सिर्फ एक मंजिल का था। प्रधानमंत्री मोदी ने मंदिर को भव्य बनाने की राय दी। प्रधानमंत्री की राय के बाद दूसरा और तीसरा तल बना।

मंदिर का निर्माण दैवीय आशीर्वाद से पूरा हुआ। 2000 करोड़ रुपये के बजट का अनुमान लगाया गया था।

5 लाख से ज्यादा गांवों से 3500 करोड़ रुपये दान मिला। मंदिर निर्माण में सरकार का एक पैसा भी नहीं लगाया गया।’

उन्होंने कहा, ‘देश का गौरव बढ़ाने वाले हर किसी को निमंत्रण दिया गया है। उत्तर और दक्षिण भारत के मंदिर में कोई भेद नहीं है।

सभी धर्मों के लोगों को प्राण प्रतिष्ठा में आमंत्रित किया गया। प्रधानमंत्री चाहते थे, राम मंदिर सभी लोगों का होना चाहिए। प्रधानमंत्री मोदी ने खुद अनुष्ठान करने का फैसला लिया।’

कहां आया ज्यादा खर्च?

नृपेंद्र मिश्रा ने कहा, ‘795 मीटर लंबा परकोटा बनाने में मंदिर से ज्यादा खर्च आया। मंदिर के सबसे ऊंचे शिखर के ठीक नीचे रामलला की मूर्ति है।

31 दिसंबर 2024 तक मंदिर निर्माण पूरा हो जाएगा। रामनवमी के दिन रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी। 12 बजे दिन में रामलला के माथे पर सूर्य की किरणें पड़ेंगी।

मंदिर निर्माण में टेक्नोलॉजी का भरपूर इस्तेमाल किया गया है। प्रधानमंत्री का ज़ोर था, विरासत और विकास साथ चले। 2 से 3 साल में अयोध्या की अर्थव्यवस्था बदल जाएगी।’

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