Prabhat Times
Amritsar अमृतसर। (shiromani akali dal sukhbir-badal apologies sacrilege incidents) शिरोमणि अकाली दल (SAD) ने 103वें स्थापना दिवस पर श्री अकाल तख्त साहिब से उनकी सरकार के कार्यकाल में हुई बेअदबियों के लिए माफी मांगी है।
पार्टी अध्यक्ष सुखबीर बादल ने कहा कि स्वर्गीय बादल को पूरी जिंदगी मलाल रहा है कि बेअदबियां उनके सीएम रहते हुई और ऐसे हालात बने, उन्हें मामला सीबीआई को देना पड़ा। वे दोषियों को खुद पकड़ ना सके।
सुखबीर बादल ने कहा- आज प्रधान होने के नाते, मुख्य सेवादार होने के नाते, गुरु महाराज की हजूरी में हम मौजूद हैं।
श्री अकाल तख्त साहिब के सामने माफी मांगता हूं कि हमारी सरकार के दौरान अगर किसी का भी, सरकार या सरकार के बिना, दुख या दिल दुखाया हो तो हम माफी मांगते हैं।
हमारे राज में बेअदबी हुई उसके लिए हम माफी मांगते हैं। हम इसके दोषी नहीं पकड़ सके, इसके लिए भी माफी। असल दोषी व सियासत करने वालों की शक्लों को भी कौम के सामने लेकर आएंगे।
सुखबीर बादल ने कहा –स्वर्गीय प्रकाश सिंह बादल को दुख था कि उन्हें दोषियों को पकड़ने का मौका नहीं दिया गया। ताकतें ऐसी इकट्ठी हुई और सियासत हुई।
सभी ने इकट्ठे होकर कौम की भावनाओं को भड़काया। इस तरह का प्रेशर डाला गया कि मामला सीबीआई को देना पड़े और अकाली दल इसकी इन्क्वायरी ना कर सका। बेअदबी के समय सभी अकाली दल व बादल-बादल करते रहे।
सुखबीर बादल ने कहा कि दूसरी सरकारों के समय जब गोल्डन टेंपल, श्री आनंदपुर साहिब और पटियाला में बेअदबी हुई तो किसी ने आवाज नहीं उठाई।
10-11 जगह बेअदबी हुई तो किसी के पास कोई टाइम नहीं था कि जाकर देख सकें। दरअसल, अकाली दल को कमजोर किया गया, ताकि कौम पर हमले हो सकें।
एसजीपीसी जो 102 साल पुरानी है, दुश्मन ताकतों को हिम्मत मिल गई कि उसे भी तोड़ दिया जाए।
सुखबीर बादल ने पानी के मुद्दे को उठाते हुए कहा कि पंजाब में अकाली दल ने कभी सियासत नहीं की, वे हमेशा पंजाब के लिए लड़ते आए हैं।
पहले के सियासतदानों ने पंजाब का 50 प्रतिशत पानी बिना सोचे समझे राजस्थान को दे दिया।
जब हरियाणा बना तो बचे पानी में से 25 प्रतिशत फिर दे दिया गया। अब सिर्फ पंजाब अपने पानी का 25 प्रतिशत ही प्रयोग कर पा रहा है।
बाढ़ आती है तो ये राज्य पानी लेने से मना कर देते हैं। कम पानी पहाड़ों से आए तो भी ये अपना पूरा पानी ले जाते हैं। पंजाब में कोई खान या भंडार नहीं है। पंजाब इसी पानी से खेती कर पूरे देश को अन्न दे रहा है।
सुखबीर बादल ने इस दौरान चंडीगढ़ को पंजाब का हिस्सा ना मानते हुए केंद्र शासित राज्य होने से हो रहे नुकसान के बारे में बताया।
सुखबीर बादल ने कहा कि किसी भी राज्य की राजधानी उस प्रांत की जीडीपी की रीढ़ की हड्डी होती है।
महाराष्ट्र में अगर मुम्बई और इसी तरह हैदराबाद है। अगर इन राज्यों से उनकी राजधानियां निकाल दी जाएं तो इनकी अर्थव्यवस्था हिल जाएगी।
इसी तरह पंजाब की राजधानी चंडीगढ़ है, जिसे केंद्र शासित राज्य का दर्जा मिला है। वहां से जो भी राजस्व एकत्रित होता है, उसे केंद्र ले जाता है।
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