Prabhat Times
नई दिल्ली। (gangster sachin bishnoi was brought to india from azerbaijan) पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या में कथित तौर पर शामिल गैंगस्टर सचिन बिश्नोई को अजरबैजान से भारत लाया गया है.
दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने मंगलवार को यह जानकारी दी. दिल्ली पुलिस की विशेष शाखा के अधिकारी मामले में प्रगति पर नजर रखने के लिए अजरबैजान की राजधानी बाकू गए थे.
अधिकारियों ने बताया कि बिश्नोई उर्फ सचिन थापन को बाकू से सफलतापूर्वक प्रत्यर्पित कराया गया.
रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब के फाजिल्का के रहने वाले बिश्नोई को पिछले साल अगस्त में अजरबैजान में हिरासत में लिया गया था.
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक सचिन ने भारत में रहकर ही मूसेवाला हत्याकांड की प्लानिंग की और फिर दिल्ली से फर्जी पासपोर्ट बनवाकर अजरबैजान भाग गया था.
सिद्धू मूसेवाला की हत्या से कुछ दिन पहले, बिश्नोई जाली पासपोर्ट का उपयोग करके देश से फरार हो गया.
बिक्रम बरार की गिरफ्तारी
हाल ही में एनआईए ने जेल में बंद गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के एक करीबी सहयोगी विक्रमजीत सिंह उर्फ विक्रम बरार को गिरफ्तार कर लिया.
विक्रम बरार को प्रत्यर्पण के तहत संयुक्त अरब अमीरात से भारत लाया गया जिसके बाद उसे गिरफ्तार कर लिया गया।
एनआईए ने बताया कि बरार मशहूर पंजाबी गायक सिद्धू मूसेवाला के अलावा अन्य लोगों और कारोबारियों की हत्या में शामिल है।
इसके अलावा, गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई को गुजरात जेल से दिल्ली लाया गया है और राष्ट्रीय राजधानी की मंडोली जेल में रखा गया है. उसने मूसेवाला की हत्या में अपनी संलिप्तता से इनकार किया है.
पंजाब लाया जाएगा सचिन
सचिन को पटियाला हाउस अदालत में पेश किया जाएगा। पंजाब पुलिस की कोशिश उसे प्रोडक्शन वारंट पर लेकर पंजाब में लाने की रहेगी।
मूसेवाला मर्डर केस में 1800 पन्नों की चार्जशीट में सचिन का नाम सामने आया है।
इस हत्याकांड से करीब 20 दिन पहले सचिन अनमोल बिश्नोई की मदद से फेक पासपोर्ट बनवाकर फरार हो गया था। उस पर विभिन्न राज्यों में मामले दर्ज हैं।
दिल्ली के संगम विहार पते पर बना फर्जी पासपोर्ट
गैंगस्टर सचिन का फर्जी पासपोर्ट दिल्ली के संगम विहार इलाके के एक पते पर बनाया गया था।
इस फर्जी पासपोर्ट में सचिन का नकली नाम तिलक राज टुटेजा लिखा था।
इसकी जानकारी एजेंसियों को तब हुई, जब पुलिस ने गैंगस्टर्स के फर्जी पासपोर्ट बनवाने वाले गिरोह का पर्दाफाश किया था।
मामले में पुलिस ने महिला समेत 5 लोगों को गिरफ्तार किया था।
सचिन ने 3 लोगों संग मिलकर रची थी साजिश
दिल्ली पुलिस के मुताबिक, सिद्धू मूसेवाला की हत्या के मास्टरमाइंड सचिन ने कनाडा में गैंग चला रहे गोल्डी बराड़, तिहाड़ जेल में बंद काला जठेड़ी और लॉरेंस बिश्नोई से कोड वर्ड में बातचीत करके मूसेवाला की हत्या की साजिश रची थी।
पुलिस और खुफिया एजेंसियों को कई शक न हो, इसलिए सचिन गैंगस्टर गोल्डी बराड़ से फोन पर बात करने के दौरान उसे ‘डॉक्टर’ कहकर बुलाता था।
इसी तरह गैंगस्टर काला जठेड़ी को वह ‘अल्फा’ कहता था। अपने गुर्गों के जरिए वह लॉरेंस से बात करता था।
सबसे पहले ली मूसेवाला कत्ल की जिम्मेवारी
सचिन ने मूसेवाला कत्लकांड की सबसे पहले जिम्मेवारी ली थी।
उसने वीडियो कॉल पर दावा किया था कि उसने मूसेवाला का कत्ल करवाया है।
उसने ही शूटरों को हायर करवाया था।
रंगदारी मामलों में होंगे खुलासे
सचिन की गिरफ्तारी के बाद रंगदारी मामलों में भी पुलिस जल्द खुलासे करेगी।
सचिन विदेश में बैठ कई राज्यों में फिरौती के लिए कॉल करता रहा है।
पुलिस के पास कई ऐसे केस दर्ज हैं, जिनकी अब जांच होगी। वह गैंगस्टरों के रैकेट भी चला रहा था।
सूत्रों के मुताबिक सुरक्षा एजेंसियों की रडार पर अब गैंगस्टर गोल्डी बराड़ है। पुलिस उसकी असल लोकेशन पता लगाने में जुटी है।
मई 2022 में की गई थी मूसेवाला की हत्या
सिद्धू मूसेवाला के नाम से पहचाने जाने वाले शुभदीप सिंह सिद्धू की 29 मई 2022 को पंजाब के मानसा जिले में गोली मारकर हत्या कर दी गई थी.
गायक को बेहद नजदीक से गोली मारी गई और मनसा सिविल अस्पताल ले जाने पर उसे मृत घोषित कर दिया गया.
हमलावरों ने मूसेवाला पर 30 राउंड से अधिक गोलियां चलाईं.
जांच से पता चला कि गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई दिनदहाड़े हत्या का मास्टरमाइंड था.
इस मामले में उसके करीबी सहयोगी गोल्डी बरार, जिसके बारे में कहा जाता है कि वह कनाडा में रहता है, भी जांच के दायरे में है.
पुलिस ने इंटरपोल के जरिए बरार के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी कराया था.
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