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चंडीगढ़। (congress sadhu singh dharamsot corruption Case) भ्रष्टाचार के आरोपों के चलते विजीलैंस ब्यूरो द्वारा गिरफ्तार किए गए पूर्व वन मंत्री साधु सिंह धर्मसोत को लेकर बड़े खुलासे होने शुरू हुए हैं।
खुलासा हुआ है कि धर्मसोत (sadhu singh dharamsot) द्वारा वन विभाग के अधीन आने वाले हर काम में भ्रष्टाचार किया जाता था। पेड़ काटने, लगाने, ट्रांसफर, पोस्टिंग, इत्यादि कामों में रेट तय थे।
पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने दावा किया कि मंत्री हर पेड़ की कटाई में 500 रुपए का हिस्सा लेते थे। यह कटाई लीगल परमिट से होती थी।
मंत्री के गुर्गे सीधे पेड़ कटाई वाले ठेकेदार से ही डीलिंग करते थे। इसके अलावा अफसरों का भी हिस्सा तय था।
यही नहीं, आरोप यह भी हैं कि DFO की पोस्टिंग के लिए 10 से 20 लाख रुपए में डील होती थी।
मंत्री धर्मसोत (sadhu singh dharamsot) की रिश्वतखोरी का पूरा खेल ऑर्गेनाइज्ड तरीके से किया जाता था।
मंत्री के साथ अफसरों का रेट भी फिक्स
सूत्रों के मुताबिक इस मामले में पेड़ काटने और लगाने वाले 15 कॉन्ट्रैक्टर्स विजिलेंस ब्यूरो की जांच के दायरे में हैं।
अभी तक की जांच में पता चला कि एक पेड़ काटने के लिए मंत्री को 500 रुपए, DFO को 200 रुपए, रेंज अफसर, ब्लॉक अफसर और फॉरेस्ट गार्ड को 100-100 रुपए दिए जाते थे। इस तरह एक पेड़ के पीछे एक हजार रुपए का भ्रष्टाचार होता था।
2 गुर्गे रखे हुए थे धर्मसोत ने
मंत्री रहते धर्मसोत ने रिश्वतखोरी के लिए 2 गुर्गे रखे हुए थे। इनमें कमलजीत सिंह और जंगलात विभाग का पूर्व कर्मचारी चमकौर सिंह को भी पकड़ा गया है।
कमलजीत सिंह खन्ना का रहने वाला है। वह एक वेब चैनल चलाता है। उसे सिक्योरिटी भी मिली हुई थी। यही पेड़ कटाई और नए लगाने में ठेकेदारों से डील करता था।
वहीं चमकौर सिंह पहले फॉरेस्ट विभाग में ही कर्मचारी था। अब वह रिटायर हो चुका है। उसका जिम्मा ट्रांसफर-पोस्टिंग में रिश्वतखोरी की डीलिंग करने का काम था।
विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर वरिंदर शर्मा ने भी पुष्टि की कि यही दोनों अफसरों और ठेकेदारों से रिश्वत लेकर मंत्री धर्मसोत तक तक पहुंचाते थे।
हर काम में ली जाती थी रिश्वत
विजिलेंस ब्यूरो के डायरेक्टर ADGP वरिंदर कुमार शर्मा ने बताया कि खैर के पेड़ की कटाई के एक पेड़ का 500 रुपया लिया जाता था।
करीब सवा करोड़ की रिश्वत दी जा चुकी है। इसके अलावा ट्रांसफर-पोस्टिंग, NOC, ट्री गार्ड और फेंसिंग में भी रिश्वत ली जाती थी।
केंद्र से आए हजार करोड़ का फंड भी जांच के दायरे में
आम आदमी पार्टी ने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार ने नए पेड़ लगाने के लिए एक हजार करोड़ रुपए दिए थे। हालांकि, इससे कुछ ही पेड़ लगाए गए। केंद्र का पैसा भी खुर्द-बुर्द कर दिया गया।
धर्मसोत और उसके दो साथियों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर लिया जाएगा। फिर उससे पूछताछ के बाद आगे की जांच की जाएगी।
इसके अलावा ठेकेदारों और पहले पकड़े गए DFO से पूछताछ में कई अहम बातें सामने आई हैं। धर्मसोत के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ करप्शन एक्ट के तहत केस दर्ज कर लिया गया है।
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