Prabhat Times
प्रीत सूजी
जालंधर। (CM Channi’s Jalandhar visit is proving to be a booster dose for Bawa Henry, Sushil Rinku, Rajinder Beri) कुछ दिन पहले सी.एम. चरणजीत चन्नी किए गए जालंधर दौरे के पॉजिटिव परिणाम नज़र आते दिख रहे हैं। पहले से ही विरोधियों से आगे चल रहे जालंधर नार्थ से बावा हैनरी, जालंधर वैस्ट से सुशील रिंकू और सैंट्रल से राजेन्द्र बेरी के लिए चन्नी दौरा बूस्टर डोज़ साबित हुआ लेकिन पहले से ही हाशिए पर चल रहे परगट सिंह चन्नी का ज्यादा फायदा नहीं ले पाए।
बता दें कि सिर्फ 100 दिन मे ही दिन रात मेहनत करके अपनी पहचान बनाने वाले चरणजीत चन्नी को कांग्रेस ने पंजाब में सी.एम. फेस घोषित किया। बिजली के बिलों और पैट्रोल डीज़ल की कीमतों में आशातीत कटौती करके पंजाब की जनता को राहत देकर चरणजीत चन्नी अब राज्यवासियों में अपनी पहचान बना चुके हैं।
सी.एम. फेस अनाउंस होने के पश्चात चरणजीत चन्नी ने पिछले दिनो जालंधर के विधानसभा हल्कों का दौरा किया। चन्नी द्वारा बावा हैनरी के विधानसभा हल्का नार्थ, राजेन्द्र बेरी के जालंधर सैंट्रल, सुशील रिंकू के जालंधर वैस्ट, परगट सिंह के जालंधर कैंट हल्के में चुनाव प्रचार किया। चन्नी द्वारा इन हल्को में फेरी करके बावा हैनरी, राजेन्द्र बेरी और सुशील रिंकू का जीत का मार्ग और प्रशस्त कर दिया।
जालंधर नार्थ में दलित वोट बैंक में होगा बड़ा ट्विस्ट
जालंधर नार्थ की बात करें तो बावा हैनरी की पॉजिशिन शुरू से ही पॉजिटिव है। पिछले 5 साल के दौरान किए गए विकास कार्यों से हल्का निवासी खुश है। लेकिन चरणजीत चन्नी के हल्के में फेरी के दौरान नार्थ के कुछ हल्कों में जहां ज्यादा दलित वोट बैंक है, में भी अब बावा हैनरी की पॉजिशिन स्ट्रांग हो गई है। जमीनी स्तर से मिली जानकारी के मुताबिक दूसरी पार्टियों का दलित वोट बैंक चन्नी के नाम पर अब बावा हैनरी की तरफ ट्विस्ट कर गया है।
रिंकू के साथ चन्नी का मोटर साईकल पहुंच गया हर वोटर के दिल तक
इसी प्रकार जालंधर वैस्ट में तो चन्नी द्वारा मोटर साइकल पर रिंकू के साथ वोटरों के बीच जाने के अंदाज़ से वैस्ट हल्के की फिज़ा ही लगभग एक तरफा हो गई है। दलित वोट बैंक से भरे वैस्ट में रिंकू का हर घर में डाय़रेक्ट इनटच्च होने का कारण रिंकू की जीत थी, लेकिन चन्नी के कुछ घण्टे वैस्ट हल्के में घूमने से हर वोटर चन्नी को कांग्रेस का दलित का नहीं बल्कि साड्डा सी.एम. चन्नी कहना शुरू हो गए।
बेरी को मंत्री बनाने का वायदा कर गया कमाल
जालंधर सैंट्रल की करें तो चरणजीत चन्नी द्वारा स्टेज पर बेरी को कैबिनेट में शामिल करने की घोषणा से ही कार्यकर्ताओं के साथ साथ खासकर दलित वोट बैंक में भी खासा प्रभाव बना है। जालंधर सैंट्रल हल्के में आते दलित वोटर अब चन्नी के नाम पर वोट डालने का मन बना चुके हैं।
जालंधर कैंट में चन्नी की लोकप्रियता कैश नहीं कर पाए परगट
उधर, बात जालधर कैंट हल्के की करें तो चन्नी के जालंधर दौरे का परगट सिंह को कोई खास फायदा नहीं ले पा रहे हैं। राजनीतिक माहिरों का कहना है कि अगर कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पिछले कार्यकाल में कुछ नहीं किया तो परगट सिंह ने भी कुछ नहीं किया।
परगट सिंह कार्यकाल के दौरान हल्के से नदारद ही रहे। वे नवजोत सिद्धू के पीछे पीछे ही पंजाब की ‘राजनीति’ में व्यस्त रहे। अब चुनावों में एक बार फिर भागदौड़ कर रहे हैं। हालांकि चन्नी अन्य हल्कों की तरह कैंट में भी घूमे, लेकिन अन्य उम्मीदवारों की तरह एरिया में पकड़ न होने के कारण चन्नी की लोकप्रियता को परगट सिंह कैश करते नज़र नहीं आ रहे हैं।
जालंधर के इन चार प्रमुख विधानसभा हल्कों की बात करें तो स्पष्ट है कि बावा हैनरी, राजेन्द्र बेरी और सुशील रिंकू द्वारा पिछले 5 साल में किए गए विकास कार्य और ऊपर से चरणजीत चन्नी का सिर्फ एक दौरान इन तीनों उम्मीदवारों की जीत सुनिश्चित कर गया है।
राजनीतिक माहिरों का मानना है कि चरणजीत चन्नी की सादगी और आम आदमी की तरह वोटर के बीच जाने का लाभ इन उम्मीदवारों को जरूर मिलेगा। चन्नी की सिर्फ एक दिन की जालंधर फेरी से ही राजनीतिक फिज़ा बदल कर स्पष्ट तौर पर इन तीन उम्मीदवारों के हक मे नज़र आ रही है।
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